Pippa Movie Review: भारत-पाक युद्ध की पृष्ठभूमि में रिश्तों की गहराई नापती फिल्म, ईशान की सधी अदाकारी
Pippa Movie Review पिप्पा प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो गयी है। राजा कृष्ण मेनन निर्देशित फिल्म में ईशान खट्टर ने मुख्य भूमिका निभायी है जबकि मृणाल ठाकुर और प्रियांशु पेन्युली सहायक भूमिकाओं में हैं। तीनों सगे भाई-बहनों के किरदारों में हैं। खास बात यह है कि फिल्म में प्रेमिका की जगह लेने वाली कोई नायिका नहीं हैजबकि इन्हें दिखाने का पूरा स्कोप था।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Fri, 10 Nov 2023 12:40 PM (IST)
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ष 1971 में हुए युद्ध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ, जिसे पहले पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता है। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म मुजीब: द मेकिंग आफ ए नेशन बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की जिंदगी पर आधारित थी।
उसमें देश की आजादी को लेकर उनके संघर्ष को गहनता से दिखाया गया था। अब पिप्पा आई है। यह फिल्म ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता द्वारा लिखी किताब 'द बर्निंग चाफीज' पर आधारित है। भारतीय सेना की 45वें कैवरली रेजीमेंट (45 Cavalry regiment) का नेतृत्व करने वाले कैप्टन बलराम सिंह मेहता 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पूर्वी मोर्चे पर गरीबपुर की लड़ाई में बहादुरी से लड़े थे।
इस युद्ध में उनके बड़े भाई की भागीदारी भी रही। वहीं, उनकी बहन भले ही सरहद पर नहीं गई, लेकिन खुफिया एजेंसी के लिए काम करती थी, जहां पर वह गोपनीय संदेशों को डीकोड करती है।
क्या है पिप्पा की कहानी?
फिल्म 1947 में देश विभाजन के बाद पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान की परिस्थितियों के बारे में जानकारी देती है।फिर साल 1970 का जिक्र आता है, जब पाकिस्तान में पहली बार आम चुनाव में शेख मुजीबुर्रहमान की पार्टी बांग्लादेश आवामी लीग भारी बहुमत से जीतती है, लेकिन पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल याहया खान नतीजों को मानने से इनकार कर देते हैं और मुजीब को गिरफ्तार कर लिया जाता है।
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इससे पूर्वी पाकिस्तान में रोष बढ़ जाता है। वे स्वतंत्र देश की मांग को लेकर आंदोलन करना शुरू कर देते हैं। आंदोलन को कुचलने के लिए पाकिस्तानी सेना कई सामूहिक नरसंहार को अंजाम देती है। औरतों को अपनी अय्याशी के लिए गुलाम बना लेती है।उन परिस्थितियों में लाखों लोग भारत में आकर शरण ले रहे होते हैं। इस बीच भारत को पाकिस्तान युद्ध के लिए ललकारता है। तीन दिसंबर को वह भारत पर हमला कर देता है। 13 दिनों बाद पाकिस्तानी सेना समर्पण कर देती है और नए देश बांग्लादेश का उदय होता है।