Ranneeti: यह जंग हथियारों की नहीं, नैरेटिव की है! बालाकोट स्ट्राइक के पीछे की दिलचस्प कहानी
रणनीति बालाकोट एंड बियॉन्ड आतंकी हमलों और जवाबी कार्रवाई के अलग पहलू को पेश करती है। आम तौर पर कहानियां जवाब हमले में दुश्मनों को खत्म करने पर खत्म हो जाती है मगर सीरीज में दुश्मन को खत्म करने के लिए हथियारों से ज्यादा नैरेटिव वाले पहलू को दिखाया गया है। संतोष सिंह निर्देशित सीरीज में वास्तविकता के साथ कल्पना के रंग घोले गये हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई 1971 की जंग से निकली अनेक घटनाओं पर फिल्में बनती रही हैं। सच्ची घटना में थोड़ी काल्पनिकता और थोड़ी सिनेमैटिक लिबर्टी लेकर बनी वॉर फिल्में अमूमन दर्शकों को भी पसंद आती रहीं हैं।
इन फिल्मों में देशप्रेम की भावना और हमारे सेना का पराक्रम कहानियों को रोमांच के अलग ही स्तर पर ले जाता है। यह सिलसिला जारी है और हाल ही में फरहान अख्तर की कम्पनी एक्सेल एंटरटेनमेंट ने 1971 की जंग से निकली भारतीय नौसेना के शौर्य की कहानी ऑपरेशन ट्राइडेंट पर फिल्म बनाने की घोषणा की है।
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1971 के साथ-साथ पिछले कुछ सालों में हुईं आतंकी घटनाएं भी अब फिल्मकारों का ध्यान खींच रही हैं। 2016 का उरी अटैक, 2019 को पुलवामा अटैक और बालाकोट एयरस्ट्राइक को आधार बनाकर फिल्मकार कहानियां गढ़ रहे हैं। इसी साल रिलीज हुई ऋतिक रोशन की फाइटर और तेलुगु फिल्म ऑपरेशन वैलेंटाइन एयरस्ट्राइक की घटना से प्रेरित फिल्में हैं।
सिनेमा के बड़े पर्दे से होते हुए ये कहानियां अब ओटीटी स्पेस में भी पहुंच रही हैं। इसी क्रम में बालाकोट एयरस्ट्राइक से प्रेरित वेब सीरीज रणनीति- बालाकोट एंड बियॉन्ड जिओ सिनेमा पर रिलीज हुई है।
आम तौर पर ऐसी घटनाओं पर बनी फिल्म या शोज में दुश्मन को नेस्तनाबूद करके बदला लेने का भाव अंतिम लक्ष्य के तौर पर सामने आता है, मगर 'रणनीति' पुलवामा अटैक के बाद पड़ोसी मुल्क की सीमा में एयरस्ट्राइक करके आतंकी कैम्पों को ध्वस्त करने के साथ इस ऑपरेशन के कई अन्य पहलुओं पर भी टिप्पणी करते हुए चलती है।