Rautu Ka Raaz Review: 'कॉल लिस्ट निकालो', खूबसूरत वादियों में क्राइम पेट्रोल जैसी लगती है नवाजुद्दीन की फिल्म
ओटीटी स्पेस में कई मर्डर मिस्ट्री इस वक्त मौजूद हैं। इन्हीं में अब नया नाम रौतू का राज का जुड़ा है जो पहाड़ों पर मौजूद एक स्कूल की वार्डन के कत्ल की कहानी है। फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी पुलिस इंस्पेक्टर के रोल में हैं जो इस केस की तफ्तीश करता है। साथ ही अपने अतीत की एक घटना से भी जूझ रहा है।
प्रियंका सिंह, मुंबई। पहाड़ों की खूबसूरती, वहां पर शाम होते ही पसरने वाला सन्नाटा लेखकों को अपनी मर्डर मिस्ट्री वाली कहानियां के लिए परफेक्ट जगह लगती है। तभी तो पिछले दिनों आरण्यक, मिथ्या, कैंडी, द लास्ट आवर समेत वेब सीरीज की कहानियों में पहाड़ों को केंद्र में रखा गया है।
जी5 पर रिलीज हुई फिल्म 'रौतू का राज' उससे अलग नहीं। कहानी उसी ढर्रे पर मसूरी में नेत्रहीन बच्चों के स्कूल की वार्डन की हत्या से शुरू होती है। शुरुआती दौर में लगता है कि मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि मौत का कारण संदिग्ध है।
क्या है फिल्म की कहानी?
पुलिस अफसर दीपक नेगी (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) और उसका असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर नरेश डिमरी (राजेश कुमार) मामले की जांच करते हैं। 15 वर्षों में रौतू के बेली में कोई मर्डर नहीं हुआ है। ऐसे में वहां के पुलिस को भी ज्यादा मेहनत और खोजबीन करने की आदत नहीं है।यह भी पढ़ें: Upcoming OTT Releases- 'रौतू का राज' सुलझाने आएंगे नवाजुद्दीन सिद्दीकी, 'शर्मा जी की बेटी' भी दिखाएगी जलवा
वहीं, दीपक अपने अधूरे प्यार की वजह से अपनी ही दुनिया में रहता है। उसे इस केस में कुछ ऐसा मिलता है, जिसमें उसकी अपनी दिलचस्पी होती है। स्कूल के ट्रस्टी से लेकर, वहां के टीचर्स, काम करने वाले लोग शक के दायरे में आते हैं, लेकिन अंत में हत्या का असली कातिल जानकर थोड़ी हैरानी होती है।