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Spider-Man: No Way Home Review: सिनेमा में जाने से पहले यहां पढ़ें कैसी है 'स्पाइडर-मैन: नो वे होम'

Spider-Man No Way Home की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां पर पिछली फिल्म स्पाइडर-मैन फार फ्रॉम होम खत्म हुई थी। पिछली फिल्म में मिस्टेरियो ने एक वीडियो रिकॉर्ड करके बताया था कि पीटर पार्कर ही असली स्पाइडर-मैन है। अब पूरे शहर को पीटर की सच्चाई पता है।

By Ruchi VajpayeeEdited By: Updated: Sat, 18 Dec 2021 06:17 PM (IST)
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Spider Man: No Way Home film Review
प्रियंका सिंह,मुंबई ब्यूरो। मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की 27वीं फिल्म स्पाइडर-मैन : नो वे होम थिएटर में  रिलीज हो गई है। यह फिल्म स्पाइडर-मैन : होमकमिंग और स्पाइडर-मैन : फार फ्रॉम होम सीरीज की तीसरी फिल्म है। फिल्म की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पर पिछली फिल्म स्पाइडर-मैन : फार फ्रॉम होम खत्म हुई थी। पिछली फिल्म में मिस्टेरियो (जेक जियनल) ने एक वीडियो रिकॉर्ड करके बताया था कि पीटर पार्कर (टॉम हॉलैंड) ही असली स्पाइडर-मैन है। अब पूरे शहर को पीटर की सच्चाई पता है। लोग पीटर को कातिल समझ रहे हैं। पीटर, उसकी गर्लफ्रेंड मिशेल जोनस उर्फ एमजे (जेनडेया) और दोस्त नेड (जेकब बैटालॉन) को किसी भी कॉलेज में इस वजह से एडमिशन नहीं मिल रहा है।

पीटर सोचता है कि अगर वह सबकी याददाश्त ही मिटा दे, तो जीवन फिर से सामान्य हो सकता है। वह इसके लिए डॉ. स्टीफन स्ट्रेंज (बेनेडिक्ट कंबरबैच) की मदद लेता है। डॉ. स्ट्रेज अपनी शक्तियों से जादू करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस बीच पीटर की बातों की वजह से गड़बड़ हो जाती है। अलग-अलग यूनिवर्स के सुपरविलेन्स ग्रीन गॉब्लिन (विलियम डेफो), डॉ. ओटो ऑक्टोविअस (एलफ्रेड मोलिना), एलेक्ट्रो (जैमी फॉक्स), सैंडमैन (थॉमस हेडन चर्च) और लिजर्ड (रिस इफान्स) वापस आ जाते हैं। डॉ. स्ट्रेंज इन सुपरविलेन्स को वापस उनकी दुनिया में भेजना चाहते हैं, लेकिन पीटर ऐसा करने से मनाकर देता है। उसे लगता है कि पुराने यूनिवर्स में वह मारे जाएंगे, क्यों न उन्हें फिर से अच्छा इंसान बनने के मौका दिया जाए। फिल्म के लेखकों क्रिस मकैना, एरिक सोमर्स की दूसरे यूनिवर्स से सुपरविलेन्स को कहानी में शामिल करने की कोशिश अच्छी है। यह विलन साल 2002-2004 के बीच रिलीज हुई स्पाइडर-मैन ट्रायोलॉजी और साल 2012-2014 के बीच रिलीज हुई द अमेजिंग स्पाइडर-मैन सीरीज से लिए गए हैं।

सबसे खास रहा फिल्म में इन दोनों ही फिल्मों के स्पाइडर-मैन यानी टोबी मेग्वायर और एंड्रयू गारफील्ड का फिल्म में आना। फिल्म के निर्देशक जॉन ने पुराने सुपरविलेन्स के साथ तीनों ही स्पाइडर-मैन के तालमेल को बनाए रखा है। हर किरदार को स्क्रीनस्पेस देने की कोशिश की गई है। एक बात जो खटकती है, वह है फिल्म में इन सुपरविलेन्स और पिछली फिल्मों के स्पाइडर-मैन उर्फ पीटर पार्कर के किरदारों की बैक स्टोरी न दिखाना। उन लोगों को फिल्म को समझने में दिक्कत होगी, जिन्होंने पिछली स्पाइडर-मैन वाली फिल्में नहीं देखी हैं। खैर, फिल्म की अवधि वैसे ही आम हॉलीवुड फिल्मों के मुकाबले ज्यादा है, ऐसे में बैक स्टोरी में जाने के लिए लेखकों को खासी मशक्त करनी पड़ती। फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स उम्मीद के मुताबिक बेहतरीन हैं। ट

सुपरविलेन्स को दोबारा उनके यूनिवर्स में भेजने का जो तरीका दिखाया गया है, वह और बेहतर हो सकता था। सुपरहीरो वाली फिल्मों का संदेश इस फिल्म में भी देने की कोशिश की गई है कि महान पावर अपने साथ कई जिम्मेदारियां लेकर आती है। इस फिल्म का सुपरहीरो भी फिल्म के अंत में इन जिम्मेदारियों को निभाता है। पिछले दो स्पाइडरमैन का एवेंजर्स से वाकिफ न होने वाला सीन मजेदार बन पड़ा है। पीटर और डॉ. स्ट्रेंज के बीच मिरर डायमेंशन वाला एक्शन सीन रोंगटे खड़े कर देता है। टॉम, टोबी, एंड्रयू तीनों ही कलाकारों की स्पाइडरमैन के किरदार में मौजूदगी फिल्म को रोमांचक बना देती है। तीनों को एक ही फ्रेम में पर्दे पर देखना दिलचस्प है। विलियम डेफो ने 19 साल बाद भी ग्रीन गोब्लिन के किरदार में ताजगी बनाए रखी। जेनडेया और जेकब को पिछली फिल्म से ज्यादा स्क्रीनस्पेस मिला है। बेनेडिक्ट डॉ. स्ट्रेंज के किरदार को आत्मसात कर चुके हैं। फिल्म के क्लाइमैक्स में डॉ. स्ट्रेंज के जादू की वजह से दूसरे यूनिवर्स में हुई गड़बड़ के आसपास फिल्म को बनाने का संकेत भी है।

फिल्म – स्पाइडर-मैन : नो वे होम

मुख्य कलाकार – टॉम हॉलैंड, जेनडेया, जेकब बैटालॉन, बेनेडिक्ट कंबरबैच, टोबी मेग्वायर, एंड्रयू गारफील्ड, जैमी फॉक्स, एलफ्रेड मोलिना, विलियम डेफो, थॉमस हेडन चर्च, रिस इफान्स निर्देशक – जॉन वाट्स

अवधि – 148 मिनट

रेटिंग – साढ़े तीन