The Freelancer Review: 'स्पेशल ऑप्स' और बेबी का विस्तार है नीरज पांडेय की 'द फ्रीलांसर', ISIS पहुंची कहानी
The Freelancer Review डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई नीरज पांडेय की वेब सीरीज द फ्रीलांसर एक्सट्रैक्शन स्टोरी है जिसमें एक मर्सिनरी अपने जिगरी दोस्त की बेटी को सीरिया से निकालने की कवायद करता है। इसके लिए वो सीआइए की मदद लेने की कोशिश करता है। सीरीज में मोहित रैना कश्मीरा परदेशी सुशांत सिंह और अनुपम खेर ने अहम किरदार निभाये हैं।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Fri, 01 Sep 2023 02:40 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। दुश्मन के बीचोंबीच से किसी को निकालकर लाने की कहानी को एक्सट्रैक्शन स्टोरी कहा जाता है। पश्चिमी देशों में इस जॉनर पर फिल्में बनती रही हैं। नेटफ्लिक्स पर इस शीर्षक से ही दो फिल्में आ चुकी हैं, जिनमें थॉर यानी क्रिस हेम्सवर्थ ने लीड रोल निभाया।
अपने सनी पाजी यानी सनी देओल ये काम 2001 में कर चुके हैं, जब पाकिस्तान में घुसकर अपनी पत्नी और बच्चे को निकालकर लाये थे। अब 2023 में अपने बेटे को दुश्मनों के बीच से निकालकर लाये हैं और बॉक्स ऑफिस पर गदर मचा रहे हैं। दोनों गदर, एक्सट्रैक्शन स्टोरी ही तो हैं।
इन फिल्मों का एक अलग रोमांच होता है, साथ ही एक्शन और जासूसी की प्रबल सम्भावना कहानी को समृद्ध करती है। डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर भी शुक्रवार को एक्सट्रैक्शन स्टोरी द फ्रीलांसर रिलीज हुई है। यह वेब सीरीज एक ऐसे मर्सिनरी के बारे में है, जो सिर्फ पैसों के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और संगठनों के लिए काम करता है। दुनिया के दूसरे मुल्कों में जाकर मिशंस को अंजाम देता है।
स्पेशल ऑप्स और बेबी के निर्देशक नीरज पांडेय रचित सीरीज का निर्देशन भव धूलिया ने किया है। इस सीरीज के जरिए निर्माताओं ने एक ऐसे जॉनर को छूने की कोशिश की है, जिसकी कहानी देसी है, मगर लुक एंड फील इंटरनेशनल है। द फ्रीलांसर कहानी, किरदार और प्रोडक्शन के लिहाज से अच्छी सीरीज है, जो एक्शन और थ्रिल से भरपूर है। यह सही मायनों में एक्सट्रैक्शन स्टोरी है, जिसका विस्तार आकर्षित करता है।
क्या है द फ्रीलांसर की कहानी?
अविनाश कामत (मोहित रैना) मुबंई पुलिस का निलम्बित अधिकारी है, जो अतीत में घटी कुछ घटनाओं के बाद देश छोड़कर चला जाता है। लंदन के रॉयल मिलिट्री कॉलेज से ट्रेनिंग लेकर मर्सिनरी बन जाता है। भारत में उसके बार में किसी को कुछ नहीं पता।उसका ज्यादातर समय अंतरराष्ट्रीय मिशंस को अंजाम देने में बीतता है। एक हादसे में बेटे की मौत के बाद पत्नी मृणाल गहरे अवसाद में चली जाती है, जिसका इलाज चल रहा है। अब अविनाश की जिंदगी में उसकी पत्नी और मिशंस के अलावा कुछ नहीं है। मगर, इस बीच कुछ ऐसा हो जाता है कि उसे भारत लौटना पड़ता है।
अविनाश को पता चलता है कि उसकी बेहद करीबी दोस्त और साथ में काम करने वाले सीनियर इंस्पेक्टर इनायत खान (सुशांत सिंह) की बेटी आलिया (कश्मीरा परदेशी) सीरिया में आइएसआइएस के कब्जे में है। अविनाश, भारत आकर इनायत की पत्नी सबीना (आएशा रजा मिश्रा) से मिलता है और आलिया को छुड़ाने के मिशन पर निकल पड़ता है।इंटेलीजेंस के मामले में अविनाश की मदद डॉ. आरिफ खान (अनुपम खेर) करते हैं। एम्बेसी के सामने सुसाइड करने की वजह से यह मामला भारतीय और इंटरनेशनल एजेंसियों की नजर में भी आ गया है। अविनाश सीआइए की मदद लेने की कोशिश करता है, ताकि आलिया को सीरिया से एक्सट्रैक्ट कर सके।
कैसे है स्क्रीनप्ले और संवाद?
द फ्रीलांसर के पहले सीजन के अभी चार एपिसोड एसओएस, हेल, फ्लैशबैक और मार्टिर ही रिलीज किये गये हैं। लगभग एक घंटा अवधि के हर एपिसोड में नये घटनाक्रम दर्शक के सामने आते हैं। सीरीज की कहानी शिरीष थोराट के नॉवल अ टिकट टु सीरिया से ली गयी है, जिस पर रितेश शाह और जेनजिर अली फिदा ने स्क्रीनप्ले और संवाद लिखे हैं।पहले एपिसोड की कहानी एक मिशन से शुरू होती है, जहां अविनाश यानी फ्रीलांसर को इजरायल की एजेंसी मोसाद एक मिशन पर भेजती है। इस मिशन से सीरीज का टोन सेट हो जाता है और समझ में आ जाता है कि आने वाले एपिसोड्स में हम क्या देखने वाले हैं। क्रेडिट रोल्स के बाद कहानी मुंबई शिफ्ट होती है और सस्पेंड चल रहे इनायत खान की अमेरिकी एम्बेसी के सामने खुद को पुलिस के हाथों मरवा डालने की घटना से शॉक देती है। इनायत ने यह कदम क्यों उठाया? इस बिंदु पर यह समझ नहीं आता, मगर जैसे-जैसे घटनाक्रम खुलते हैं, इनायत की मौत और मोहित रैना की जिंदगी में इनायत की एहमियत की परतें खुलती जाती हैं। स्क्रीनप्ले इस तरह लिखा गया है कि पहले सवाल आता है और फिर उसका जवाब। सवाल-जवाब का यह सिलसिला दृश्यों का रोमांच कम नहीं होने देता। द फ्रीलांसर ऐसे समय पर रिलीज हुई है, जब द केरल स्टोरी और अकेली फिल्मों के जरिए किसी भारतीय के सीरिया में आइएसआइएस के चंगुल में फंसे होने की कहानियां दर्शको के सामने आ चुकी हैं, मगर फिर भी द फ्रीलांसर अलग लगती है। सीरीज दो ट्रैक्स पर चलती है। एक में आलिया को छुड़ाने के लिए अविनाश की कोशिशें दिखायी गयी हैं, वहीं दूसरे ट्रैक में अविनाश और इनायत खान का अतीत दिखाती है। दोनों की गाढ़ी दोस्ती, छोटी आलिया के साथ अविनाश का भावुक रिश्ता, महाराष्ट्र के भ्रष्ट गृह मंत्री के साथ दोनों का झगड़ा। हालांकि, चार एपिसोड्स में इनायत और अविनाश के निलम्बन की वजह का खुलासा नहीं हुआ है। आलिया को सीरिया के चंगुल से छुड़ाने के मुख्य कथ्य के साथ कुछ सब प्लॉट्स भी हैं, जो प्रभावित करते हैं। इनमें एक फरहत खाला का है, जो फजल फैमिली के ब्रेनवॉश के लिए जिम्मेदार है और मुंबई में आइएसआइएस की रिक्रूटर है। इनायत खान के लिए पुलिस विभाग और नेताओं का पूर्वाग्रह इशारों-इशारों में बहुत कुछ कहता है। सीरीज के संवाद व्यवहारिक हैं। कहीं भी उपदेश जैसे नहीं लगते।
कैसा है कलाकारों का अभिनय?
मोहित रैना, द फ्रीलांसर के किरदार में जंचते हैं। अंग्रेजी फिल्मों में हमने ऐसे किरदार खूब देखे हैं, मगर भारतीय सिनेमा में कम नजर आए हैं। इस नयेपरन को मोहित ने कामयाबी के साथ पेश किया है। फिजिकली और हावभाव से वो मर्सिनरी के किरदार में रम गये हैं। द फ्रीलांसर के रूप में उन्हें स्क्रीन पर देखना भरोसा जगाता है। इनायत खान के किरदार में सुशांत सिंह असर छोड़ते हैं। एक पिता, जिसकी बेटी का कोई अता-पता नहीं है, किरदार की बेबसी को उभारने में वो कामयाब रहे हैं।आलिया के किरदार में कश्मीरा परदेशी का अभिनय जबरदस्त है। डरी, सहमी, धोखा खायी आलिया की भावनाओं को कश्मीरा ने कामयाबी के साथ उकेरा है। मोहसिन के किरदार में नवनीत मलिक ने सधी हुई परफॉर्मेंस दी है। इस किरदार में काफी वेरिएशंस हैं। आने वाले एपिसोड्स में इस किरदार के अलग रंग दिखने की उम्मीद है। मिडिल ईस्ट के हालात के जानकार और इंटेलीजेंस एक्सपर्ट डॉ. खान के किरदार में अनुपम खेर संजीदा लगे हैं। उनका किरदार ज्यादा नहीं है, मगर उनके दृश्य असरदार हैं। खासकर, भारतीय इंटेलीजेंस अधिकारी राघवेंद्र सेतु के साथ उनके दृश्य मजेदार हैं।सीआइए ऑपरेटिव राधा बख्शी के किरदार में सारा जेन डायस को दृश्य ज्यादा नहीं हैं। आने वाले एपिसोड्स में इस किरदार की एहमियत बढ़ने वाली है। सहयोगी किरदारों में सबसे ज्यादा प्रभावित फरहत खाला करती है, जिसे बालाजी गौरी ने निभाया है। फरहत का अविनाश, सबीना और फजल फैमिली से संवाद सिहरन पैदा करता है। आलिया की मां सबीना के किरदार में आएशा रजा मिर्जा और अविनाश की पत्नी मृणाल के रोल में मंजरी फड़नीस ने अपने किरदारों के दायरे में अच्छा काम किया है।सीरीज की प्रोडक्शन क्वालिटी शानदार है। दृश्यों के संयोजन में भव्यता और विशालता नजर आती है। मोरक्को में रीक्रिएट किये गये सीरिया में आइएसआइएस की रिहायश वाले दृश्य असली-से लगते हैं। ये दृश्य दहशत जगाते हैं। भव धूलिया का निर्देशन सधा हुआ है। हालांकि, नीरज पांडेय की छाप हर दृश्य में नजर आती है।