टाइगर जिंदा है (2017) में दिखाया गया था कि रिसर्च एंड एनालिसिस (रॉ) एजेंट अविनाश सिंह राठौड़ उर्फ
टाइगर (
सलमान खान) और पाकिस्तानी खुफिया एजेंस आइएसआइ की एंजेंट जोया नजर (
कटरीना कैफ) शादी के बाद अपने बच्चे के साथ आम जिंदगी बिता रहे हैं। हालांकि, जब मिशन होता है तो दोनों साथ आते हैं।
क्या है टाइगर 3 की कहानी?
इस बार
टाइगर 3 की कहानी जोया के बचपन से शुरू होती है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ में क्यों शामिल हुई है। इस सीन के जरिए आतिश रहमान (
इमरान हाशमी) का किरदार फिल्म में जोड़ा गया है, जो कभी पाकिस्तानी आर्मी में था।
वहां से कहानी फिर वर्तमान में आती है। रॉ चीफ (
रेवती) टाइगर को एजेंट गोपी (
रणवीर शोरी) को बचाने के लिए तालिबान भेजती है। गोपी मरने से पहले बताता है कि जोया डबल एजेंट है, जो कोई बड़ा मिशन करने वाली है।उसे आइएसआइ में लाने वाला जोया का गुरु
आतिश रहमान पाकिस्तान की प्रधानमंत्री की जगह लेना चाहता है।
उसने पाकिस्तानी आर्मी को अपने कब्जे में कर लिया है और प्रधानमंत्री को मारने की योजना बना रहा है। क्या जोया
आइएसआइ के साथ दोबारा जुड़ गई है? क्या आतिश अपने मनसूबों में कामयाब होगा? अब टाइगर का अगला कदम क्या होगा? कहानी कई देशों से होते हुए इस लाइन पर आगे बढ़ती है।
कैसा है टाइगर 3 का स्क्रीनप्ले?
टाइगर पर इस बार अपनी ससुराल यानी पाकिस्तान को बचाने की जिम्मेदारी है। फिल्म में एक संवाद भी है, जिसमें टाइगर कहता है कि
ससुराल खतरे में है, दामाद का फर्ज निभाना है। वह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को आतिश रहमान से बचाने के लिए निकल पड़ता है। पाकिस्तान के साथ ससुराल और दामाद का रिश्ता
सनी देओल गदर 2 में निभा चुके हैं, हालांकि अंदाज अलग था।
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कबीर खान और अली अब्बास जफर के बाद टाइगर फ्रेंचाइजी की इस तीसरी फिल्म के निर्देशन की जिम्मेदारी
मनीष शर्मा ने संभाली। 'बैंड बाजा बारात' और 'फैन' जैसी फिल्में बना चुके मनीष के लिए एक्शन थ्रिलर का जॉनर नया जरूर रहा, लेकिन उन्होंने कहीं से भी इसका एहसास नहीं होने दिया।सबसे अहम बात यह रही कि उन्होंने इस स्पाइ यूनिवर्स की फिल्में
पठान और वॉर से अलग रखते हुए टाइगर की फ्रेंचाइजी को उसी अंदाज में आगे बढ़ाया है।
आदित्य चोपड़ा की लिखी फिल्म की कहानी कई देशों से होकर गुजरती है। ऐसे में
श्रीधर राघवन ने अपने स्क्रीनप्ले से कहानी को सही दिशा में रखा। फिल्म की लम्बाई कई बार अखरती है। हालांकि, बीच-बीच में कभी मोटरसाइकल पर तो कभी कार में पीछा करने वाले दृश्य, सलमान और कटरीना के बीच जबरदस्त फाइट सीन, पाकिस्तान की जेल और पुल पर हैरतअंगेज एक्शन सीक्वेंस, शाह रुख की एंट्री, इमरान और सलमान के बीच कांटे की टक्कर इसे मासी फिल्म बनाते हैं।
पिछली दोनों फिल्मों के किरदारों को जोड़ा गया है, जो फ्रेंचाइजी फिल्म का फ्लेवर बनाए रखती है। फिल्म का विजुअल इफेक्ट पठान से बेहतर है। ट्रेलर में कहा गया था, इस बार टाइगर का मिशन निजी है। उसकी वजह टाइगर का बेटा जूनियर है, हालांकि पिता-पुत्र के बीच के रिश्ते पर और काम करने की जरूरत थी। जोया और टाइगर की प्रेम कहानी को भी बहुत ज्यादा जगह नहीं मिली है।
कैसी रही शाह रुख खान की एंट्री?
पाकिस्तान में फंसे टाइगर को बचाने के लिए इस बार पठान यानी शाह रुख खान की दमदार एंट्री है। टाइगर और पठान का ये क्रॉसओवर पर्दे पर रोमांच लाता है। टाइगर जब तक मरा नहीं, तब तक टाइगर हारा नहीं... मैं दीवाली पटाखों से नहीं मिठाई खाकर मनाता हूं...
अंकुर चौधरी के लिखे यह संवाद टाइगर के स्वैग को बढ़ाते हैं।अंत में पाकिस्तान में जब कुछ बच्चे भारतीय राष्ट्रगान बजाते हैं तो थिएटर में खड़े लोग उठ खड़े हो जाते हैं। माहौल भावुक हो जाता है।
कैसा है टाइगर 3 का एक्शन?
57 साल के
सलमान खान कहीं से भी अपनी उम्र को खुद पर हावी नहीं होने देते है। एक्शन सीन में उनकी फुर्ती, डायलॉगबाजी में उनका स्वैग तालियां और सीटियां बटोरता है। टाइगर के रोल में उनके अलावा किसी और की कल्पना नहीं की जा सकती है।
कटरीना कैफ भी जोया के किरदार को आत्मसात कर चुकी हैं। एक्शन सीन को वह बड़ी ही आसानी से कर जाती हैं। इमरान हाशमी नेगेटिव रोल में प्रभावित करते हैं, हालांकि स्क्रीन पर उन्हें और जगह मिलनी चाहिए थी। रेवती और सलमान के किरदार केवल फोन पर बात करते हैं।
लव (1991) फिल्म के बाद उन्हें साथ स्क्रीन पर देखने की चाहत होती है। हालांकि, रेवती का किरदार पूर्व रॉ चीफ शिनाय (गिरिश कर्नाड) की तरह दमदार नहीं लगा। रॉ एंजेंट्स की भूमिका में
कुमुद मिश्रा, अनंत विधात, चंद्रचूड़ राय जंचे हैं। लेके प्रभु का नाम... गाने के बाद भी थिएटर की कुर्सी न छोड़ें, क्योंकि दर्शकों के लिए इस स्पाइ यूनिवर्स की छठवीं फिल्म
वॉर 2 की घोषणा कर दी गयी है।