Move to Jagran APP

Tiku Weds Sheru Review: रोमांस ना रोमांच, कमजोर पटकथा ने किया बंटाधार, फीकी रही नवाजुद्दीन और अवनीत की जोड़ी

Tiku Weds Sheru Review टीकू वेड्स शेरू कंगना रनोट की पहली होम प्रोडक्शन फिल्म है। निर्देशन साईं कबीर का है। फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी और अवनीत कौर लीड रोल्स में हैं। यह एक रोमांटिक-कॉमेडी ड्रामा फिल्म है जिसमें नवाज एक संघर्षरत एक्टर और फिल्ममेकर बने हैं। फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई है। कैसी है टीकू वेड्स शेरू जानने के लिए पढ़िए रिव्यू।

By Jagran NewsEdited By: Manoj VashisthUpdated: Fri, 23 Jun 2023 01:08 PM (IST)
Hero Image
Tiku Weds Sheru Review Staring Nawazuddin Siddiqui Avneet Kaur. Photo- Instagram
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। Tiku Weds Sheru Review: हिंदी सिनेमा में अपना मुकाम बनाने को लेकर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने संघर्षों की दास्‍तान बहुत बार बयां की है। इस फिल्‍म से निर्माता बनीं अभिनेत्री कंगना रनोट का जीवन भी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। दोनों के एक साथ आने से उम्‍मीद थी कि फिल्‍म धमाल करेगी, लेकिन कमजोर स्क्रीनप्‍ले और निर्देशन की वजह से फिल्‍म देखते हुए बहुत निराशा होती है।

क्या है 'टीकू वेड्स शेरू' की कहानी?

कहानी मुंबई में फिल्‍म इंडस्‍ट्री में जूनियर आर्टिस्‍ट के तौर पर काम कर रहा शिराज ऊर्फ शेरू (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) की है। वह कर्ज में डूबा है। भोपाल से उसकी शादी का प्रस्‍ताव आता है। उम्र में उससे छोटी तस्‍लीम उर्फ टीकू (अवनीत कौर) की फोटो देखते ही शेरू उससे प्‍यार करने लगता है। टीकू का सपना भी सुपरस्‍टार बनने का है।

वह मुंबई आने के लालच में शेरू से शादी कर लेती है। फिर पता चलता है कि वह गर्भवती है। नाटकीय घटनाक्रम के बाद शेरू उसके बच्‍चे को अपना लेता है, लेकिन अपनी असलियत को उससे छुपाकर रखता है। टीकू को गरीबी में रहना पसंद नहीं है। शेरू ड्रग्‍स का धंधा करना शुरू कर देता है।

View this post on Instagram

A post shared by prime video IN (@primevideoin)

अचानक पुलिस के हत्‍थे चढ़ने पर जेल चला जाता है। टीकू को असलियत पता चलती है। वह हीरोइन बनना तय करता है। उसके सपने पूरे होंगे या चमकती दमकती दुनिया में चमकने के लिए समझौते करेगी? क्‍या शेरू साथ उसकी शादी टिक पाएगी? कहानी इस संबंध में हैं।

कैसी है फिल्म की पटकथा?

फिल्मों की दुनिया को अलग नजरिए से देखने और परोसने की रोचक परंपरा रही है। फिल्म इंडस्ट्री के चमकदार और रोचक पहलुओं पर अनेक फिल्में बनी हैं। हालिया रिलीज वेब सीरीज जुबली भी फिल्‍मी दुनिया के इर्दगिर्द है। हालांकि, साईं कबीर निर्देशित टीकू वेड्स शेरू बहुत भटकी हुई और बिखरी है।

पटकथा बेहद कमजोर है। पात्रों के उद्देश्य भी स्‍पष्‍ट नहीं हैं। कहानी वर्तमान में सेट है, लेकिन लगती पुराने जमाने की है। करियर बनाने को लेकर शेरू के किरदार में गंभीरता का अभाव है। वह लेखक बनना चाहता है या निर्माता या कलाकार यही पूरी तरह स्‍पष्‍ट नहीं है।

वर्तमान में कलाकारों की खोज को लेकर तमाम ऑडिशन होते हैं। सोशल मीडिया पर तमाम जानकारी आती है। मोबाइल के इस दौर में तेज-तर्रार टीकू इससे अनभिज्ञ कैसे है, यह बात समझ से परे है। यही बात शेरू के किरदार पर भी लागू होती है।

दोनों के कलाकारों के बीच उम्र का गहरा फासला इस जोड़ी को असहज बनता है। इस वजह से कहानी और बेमजा हो जाती है। बेहतर होता, अगर लेखक और निर्देशक ने नवाज के संघर्षों से प्रेरणा लेकर फिल्‍म की कहानी गढ़ी होती तो लोगों को बालीवुड की इस चमक के पीछे की स्‍याह दुनिया का बेहतर तरीके से पता चलता।

कैसा है नवाजुद्दीन और अवनीत का अभिनय?

कलाकारों की बात करें नवाजुद्दीन जैसे मंझे अभिनेता को इस भूमिका में गलत कास्‍ट किया गया है। उन्‍हें इस तरह से अभिनय करते देखना बेहद कष्‍टकारी है। यह शायद उनके करियर की सबसे खराब परफार्मेंस होगी। अवनीत की यह पहली फिल्‍म है।

View this post on Instagram

A post shared by prime video IN (@primevideoin)

अगर लेखन और निर्देशन के स्‍तर पर उन्‍हें मार्गदर्शन मिलता तो वह बेहतरीन काम कर सकती थीं। उनमें प्रतिभा है बस उसे निखार कर सामने लाने की जरूरत है। कमजोर पटकथा की वजह से उनका किरदार सहानुभूति नहीं बटोर पाता है।

विपिन शर्मा और जाकिर हुसैन जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों की प्रतिभा का कोई उपयोग नहीं हुआ है। शुरुआत से ही कहानी बहुत धीमी गति से आगे बढ़ती है। बेमजा रोमांस से लेकर फिल्‍म की संवाद अदायगी और संगीत तक यह फिल्‍म हर मोर्चे पर कमजोर है, जबकि अपने सपनों को हासिल करने की चाहत रखने वाले दो व्यक्तियों की इस कहानी को बेहतरीन तरीके से पेश करने की गुंजाइश थी, अगर लेखक स्‍तर पर गहराई से काम हुआ होता।

कलाकार: नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अवनीत कौर, विपिन शर्मा, जाकिर हुसैन आदि।

निर्देशक: साईं कबीर

अवध‍ि: एक घंटा 51 मिनट

स्‍टार: डेढ़