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Transformers Rise Of The Beasts Review: दुनिया बचाने लौटा ऑप्टिमस प्राइम, जज्बात पर भारी जबरदस्त एक्शन

Transformers Rise Of The Beasts Review ट्रांसफॉर्मर्स फ्रेंचाइजी की शुरुआत 2007 में हुई थी। राइज ऑफ बीस्ट्स से पहले इसकी सात फिल्में आ चुकी हैं। इस बार कहानी एक नये दुश्मन से टकराने की है जो ग्रहों को निगलने निकला है।

By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Thu, 08 Jun 2023 02:56 PM (IST)
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Transformers Rise Of The Beasts Review Anthony Ramos Peter Cullen Pete Davidson. Photo- Twitter
नई दिल्ली, जेएनएन। Transformers Rise Of The Beasts Review: हॉलीवुड सिनेमा में कल्पना की उड़ान कई साल पहले पलायन वेग प्राप्त करके अंतरिक्ष की गहराइयों में पहुंच चुकी है। स्पेस के अंदर काल्पनिक ग्रहों पर विभिन्न प्रजातियों की रिहाइश और रोमांचक लड़ाइयों की कहानियों धरती के निवासियों का मनोरंजन करती रही हैं। 

कभी इंसान इन ग्रहों पर जाकर उत्पात मचाता है तो कभी इन ग्रहों के भटके हुए निवासी धरती को मिटाने की मंशा लेकर आ धमकते हैं। इनमें से ज्यादातर कहानियां सुनने में एक जैसी लगती हैं, मगर जो इन्हें देखने का नजरिया बदलता है, वो है इनके किरदार और कहानी की पृष्ठभूमि।

अंतरिक्ष की गहराइयों से निकले हीरो और विलेन

स्टार वार्स, गार्डियंस ऑफ गैलेक्सी और अवतार जैसी फ्रेंचाइजी ने दुनियाभर के दर्शकों के दिलों में खास जगह बनायी है। मारवल की एवेंजर्स और दूसरी सुपरहीरो फिल्मों के हीरो और विलेन भी अंतरिक्ष की गहराइयों से आते-जाते रहते हैं। इनमें से ज्यादातर इंसानों की आकृति वाले होते हैं। कुछ जीव-जंतुओं की तरह दिखते हैं।

अस्सी के मध्य में ट्रांसफॉर्मर्स टीवी सीरीज ने अंतरिक्ष में पहुंची इस कल्पना को ऐसा रूप दिया, जो बिल्कुल अलग था। एनिमेटेड शो में ऑटो पार्ट्स से बने विशालकाय ऑटोबॉट्स और डिसेप्टिकॉन्स की कल्पना की गयी थी।

पहचान छिपाने के लिए कार और ट्रक बनकर रहने वाले ऑटोबॉट्स अच्छे हैं और डिसेप्टिकॉन्स बुरे। इस शो को अमेरिकन निर्माता-निर्देशक माइकल बे ने ट्रांसफॉर्मर्स फ्रेंचाइजी के तौर पर विकसित किया। पहली फिल्म 'ट्रांसफॉर्मर्स' 2007 में आयी। इस फ्रेंचाइजी की 5 फिल्मों को निर्देशित करने के बाद माइकल बे बतौर निर्माता जिम्मेदारी निभाते हैं।

फ्रेंचाइजी की छठी फिल्म 'बम्बलबी' (Bumbulbee) 2018 में आयी थी, जो इस फ्रेंचाइजी के एक किरदार बम्बलबी ऑटोबॉट का स्पिन ऑफ है। अब सातवीं फिल्म 'राइज ऑफ द बीस्ट्स' रिलीज हो रही है।

क्या है राइज ऑफ द बीस्ट्स की कहानी?

यह फिल्म 'बम्बलबी' का सीधा सीक्वल है और सीरीज की पहली फिल्म 'ट्रांसफॉर्मर्स' से पहले हुई घटनाओं को दिखाती है। कहानी 1994 में सेट की गयी है। अच्छाई और बुराई के बीच जंग। कुछ हीरो हैं, कुछ विलेन। विलेन दुनिया खत्म करना चाहता है। इसे बचाने के लिए एक डिवाइस की जरूरत है।

'राइज ऑफ द बीस्ट्स' की कहानी के हीरो ऑटोबॉट्स (Autobots) हैं, जिनका लीडर ऑप्टिमस प्राइम (Optimus Prime) है। विलेन यूनिकॉर्न है, जो ब्रह्मांड के सभी ग्रहों को निगलने में जुटा है। इस लड़ाई को इस बार मैक्सीमल्स (Maximals) ने ज्वाइन किया है, जो एक अनजान ग्रह पर रहते हैं।

मुख्य किरदार नोह डियाज है, जो एक मिलिट्री वेटरन है। नोह अपनी मां और बीमार छोटे भाई की मदद के लिए आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा है। तंग आकर एक दिन वो बहुत पुरानी पोर्श कार चुराता है, मगर यह ट्रांसफॉर्मर है। यह सीक्वेंस आपको पहली ट्रांसफॉर्मर की याद दिला सकता है।

एक दूसरी सीक्वेंस में म्यूजियम में रिसर्चर एलेना वॉलेस गलती से ट्रांस रैप की (Trans Wrap Key) को एक्टिवेट कर देती है। इसके बाद नोह और एलेना यूनिकॉर्न को रोकने के लिए ऑटोबॉट्स से मिल जाते हैं।

कैसा है राइज ऑफ द बीस्ट्स का स्क्रीनप्ले?

जॉबी हैरोल्ड की कहानी पर डारनेल मेटायेर, जॉश पीटर्स और एरिच होयबेर ने स्क्रीनप्ले लिखा है। 'राइज ऑफ द बीस्ट्स' की स्टोरी प्रेडिक्टेबल है और ऐसा कुछ नहीं है, जो दर्शक को चौंका दे, मगर फिल्म का जबरदस्त एक्शन और वीएफएक्स, रोमांच कम नहीं होने देता। ट्रांसफॉर्मर्स की सभी फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत एक्शन ही रहा है। 

निर्देशक स्टीवन कैपिल जूनियर ने पूरी कोशिश की है कि इस जंग की कहानी में इंसानी जज्बात को कामयाबी के साथ पिरोया जाए। दृश्यों में यह कोशिश नजर भी आती है, मगर गहराई ना होने की वजह से यह असरदार नहीं लगता। यह कह सकते हैं कि एक्शन ज्यादा होने की वजह से जज्बात को उभारने का वक्त नहीं मिला। 

तकनीकी रूप से 'राइज ऑफ द बीस्ट्स' बेहतरीन फिल्म है, मगर इस फ्रेंचाइजी की पहली फिल्म जैसी इमोशंस की कमी खलती है। हालांकि, इसके बाद की फिल्में वैसा असर पैदा नहीं कर सकीं। शाया लाबफ और मेगन फॉक्स की जोड़ी ने फिल्म के निरंतर एक्शन के बीच रोमांस और कॉमेडी की जमकर रिलीफ दी थी।   

फ्रेंचाइजी फिल्मों के साथ दिक्कत यह भी आती है कि कहानी में नयापन कैसे लाया जाए। 'राइज ऑफ द बीस्ट्स' में नये किरदार जोड़े गये हैं, जो दिलचस्पी जगाते हैं। 'ट्रांसफॉर्मर्स- राइज ऑफ द बीस्ट्स' उन फिल्मों में शामिल है, जिसे इसके फैंस जमकर एंजॉय करेंगे। 

कलाकार- एंथनी रामोस, डोमिनिक फिशबैक आदि।

निर्देशक- स्टीवन कैपिल जूनियर

अवधि- 127 मिनट

रेटिंग- तीन