Move to Jagran APP

Tribhuvan Mishra CA Topper Review: कहीं नहीं मिलेगा ऐसा 'सीए टॉपर', गोली और गाली के बीच राजा भैया ने भरी मिठास

नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई त्रिभुवन मिश्रा सीए टॉपर डार्क कॉमेडी थ्रिलर सीरीज है जिसमें मानव कौल तिलोत्तमा शोम शुभ्रज्योति बराट फैसल मलिक और अशोक पाठक ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं। यह एक ऐसे सीए की कहानी है जो कर्ज के बोझ से दबने पर मेल एस्कॉर्ट बन जाता है और सर्विस देता है। कहानी पुनीत कृष्णा ने लिखी है। सीरीज में कलाकारों ने अच्छा काम किया है।

By Manoj Vashisth Edited By: Manoj Vashisth Updated: Mon, 22 Jul 2024 10:53 PM (IST)
Hero Image
त्रिभुवन मिश्रा नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है। फोटो- इंस्टाग्राम
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। नोएडा नगर नियोजन मंडल में काम करने वाले किसी सीए पास बाबू को अगर 'पैसों के ढेर' की जरूरत पड़ जाए तो वो क्या करेगा?

याद रहे कि यह वो विभाग है, जहां बड़े-बड़े बिल्डर अपनी फाइल पास करवाने के लिए नोटों की गड्डी लिये कतार में खड़े रहते हैं। मगर, अपना बाबू तो ईमानदार है। उसूलों का इतना पक्का है कि घास खा लेगा, लेकिन घूस नहीं लेगा।

बाबू पढ़ाई में अव्वल रहा है और सीए टॉप किया है। जाहिर है, उसके सामने प्राइवेट प्रैक्टिस का विकल्प है, मगर सरकारी नौकरी होने के कारण यह नहीं कर सकता, क्योंकि इसके लिए दफ्तर से अनुमति लेनी होगी। एक विकल्प फ्रीलांस कंसल्टेंसी का भी है, लेकिन उससे भला कितनी कमाई होगी।

बाबू के सिर पर कर्ज का जो पहाड़ है, वो चुकाने के लिए उसे रुपयों की छोटी-छोटी पहाड़ियां खड़ी करने से कुछ हासिल नहीं होगा।

अब, जबकि सीए की डिग्री और पढ़ाई-लिखाई काम नहीं आ रही तो बाबू के सामने अपनी 'गुप्त प्रतिभा' का मुजाहिरा करने के सिवा कोई चारा नहीं बचता। इस प्रतिभा से अब तक सिर्फ उसकी पत्नी ही वाकिफ है, जो तृप्त होकर कहती भी है- 'औरत को खुश (शारीरिक तौर पर) रखने का अगर कोई कॉम्पिटीशन हो तो तुम अव्वल आओगे।'

कर्ज उतारने की खातिर नोएडा नगर नियोजन मंडल का सीधा-सादा बाबू आखिरकार जिगोलो बन जाता है और वेबसाइट पर अपना सीक्रेट नाम भी सीए टॉपर रखता है, जिसे एक पुलिस वाला पुरुष वेश्या की संज्ञा देता है। अपने हुनर से वो नोएडा की असंतुष्ट नारियों के बीच फेमस हो जाता है, क्योंकि वो सर्विस देने के साथ उनकी सुनता भी है। सुख ही नहीं, खुशी भी देता है।

अब इस नये पेशे में उसके सामने दुनियाभर की दिक्कतें और चुनौतियां पेश आती हैं। एक से बचता है तो दूसरी घेर लेती है। यही कहानी है नेटफ्लिक्स की नई सीरीज त्रिभुवन सिंह- सीए टॉपर की।

यह भी पढ़ें: Upcoming OTT Releases- इस हफ्ते लीजिए 'चटनी सांबर' का मजा, ओटीटी पर नरसंहार करने आ रहे 'भैया जी'

अगर आप इस कहानी से संतुष्ट हैं तो फिर ये डार्क कॉमेडी सीरीज निराश नहीं करेगी। इस कथा-पटकथा के लेखक और क्रिएटर पुनीत कृष्णा हैं, जिन्होंने मिर्जापुर सीरीज भी लिखी है तो गालियों और गोलियों की बारिश होनी ही है। पुनीत ने अमृत राज गुप्ता के साथ मिलकर सीरीज का निर्देशन भी किया है। 

9 एपिसोड्स में फैली त्रिभुवन मिश्रा- सीए टॉपर सीरीज की कहानी ऊबड़-खाबड़ हो सकती है, मगर इस सीरीज का असली मजा इसके किरदारों में छिपा है। किरदारों का जो खाका खींचा गया है, वो इतना मजेदार है कि बाकी कमियां ढक जाती हैं। कैरिकेचर जैसे किरदारों को निभाने में कलाकारों ने भी प्रतिभा का भरपूर इस्तेमाल किया है। 

नोएडा के माहौल में रमी है कहानी 

पुनीत सीरीज की कहानी नोड्डा (नोएडा) ले गये हैं। इसका फायदा यह हुआ कि बिल्डर, बंदूक, गालियां और गोलियों को पटकथा का हिस्सा बनाने में उन्हें ज्यादा सोचना नहीं पड़ा होगा। हालांकि, कहीं-कहीं लगता है कि पुनीत ने कुछ ज्यादा ही फायदा उठा लिया है।

जिसे देखो वही कमर में एक गन और होठों पर एक गाली सजाए बैठा है। अब इतना भी नहीं है कि सिर पर 24 घंटे पल्लू चिपकाये रहने वाली बहू अचानक जरूरत पड़ने पर दोनों हाथों में पिस्तौल लेकर दनादन गोलियां चलाने लगे। हालांकि, सीरीज के जॉनर को देखते हुए इसे नजरअंदाज कर सकते हैं।

ऐसे कई सींस हैं, जहां त्रिभुवन मिश्रा हिचकोले खाती नजर आती है, मगर अदाकारी इसे ढहने से संभाल लेती है। राजा भैया के आदमियों कन्फ्यूज करने के लिए आसपास के सभी स्कूटरों को पीले रंग से रंगना अखरता है। क्लाइमैक्स कुछ ज्यादा ही तान दिया है और दूसरे सीजन की ओर इशारा भी करता है।

यह भी पढ़ें: Barzakh Web Series: पाकिस्तानी ही नहीं कई साल बाद इंडियन फैंस भी देख सकेंगे Fawad Khan की सीरीज

किरदारों में छिपी सीरीज की जान 

मिर्जापुर में 'शुक्ला' बने शुभ्रज्योति बराट ने यहां कमाल कर दिया है। त्रिभुवन मिश्रा के बाद अगर किसी किरदार ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया तो वो टीकाराम जैन यानी राजा भैया ही हैं, जो खुद को नोएडा का सबसे बड़ा भुजिया किंग बताते हैं। मिठाई की दुकान की आड़ में जैन साहब नोएडा के नम्बर वन क्रिमिनल हैं।

अपहरण, हत्या जैसे अपराध बड़े आराम से अंजाम देने वाले राजा भैया साथ में डायरी लेकर चलते हैं, जिसमें वो काम हो जाने के बाद वो क्लाइंट से रेटिंग लेते हैं।  

इस परतदार किरदार के कुछ दृश्यों में शुभ्रज्योति बराट के अभिनय के रंग वाकई देखने लायक हैं। खासकर, जब पत्नी बिंदी की सीए टॉपर से सेवाएं लेने का पता चलता है और पत्नी की मांग पर वीडियो में पुरानी फिल्मों के गानों पर डांस करते हुए सीए टॉपर को देखने के बाद राजा भैया का अपराधबोध दिलचस्प है।

View this post on Instagram

A post shared by Netflix India (@netflix_in)

राजा भैया के प्यार के लिए तरसती और निरंतर उसे रिझाने की कोशिश करती बिंदी के किरदार में तिलोत्तमा शोम का काम असरदार है।

त्रिभुवन मिश्रा से प्लेब्वॉय सीए टॉपर बनने के ट्रांसफॉर्मेशन को मानव कौल ने बेहतरीन ढंग से निभाया है। रोमांटिक और एक्शन दोनों दृश्यों में मानव सहज लगे हैं।

इनके अलावा त्रिभुवन मिश्रा की बेकरी की शौकीन पत्नी अशोक लता के रोल में नैना सरीन, त्रिभुवन के साले की पत्नी शोभा पाठक किरदार में श्वेता प्रसाद बसु ने अपने किरदार में जमी हैं। 

पंचायत के प्रह्लाद चा यहां धूसखोर इंस्पेक्टर हैदर अली के रोल में हैं, जो जैन साहब के पीछे पड़ा है, मगर सबूत ना होने की वजह से एक्शन नहीं ले पा रहा। आखिरकार, राजा भैया के गुर्गे लप्पू का कत्ल हैदर अली को उन तक ले जाता है। इस किरदार में फैसल मलिक प्रह्लाद चा वाला रंग नहीं जमा पाये।

पंचायत के ही बिनोद यानी अशोक पाठक के किरदार ढेंचा (राजा भैया का दाहिना हाथ) को सीरीज में फलने-फूलने को खूब मौका मिला है और अशोक ने भी इसे जाया नहीं जाने दिया। इस क्रम में ढेंचा के सीन कुछ ज्यादा ही खिंच गये हैं, जिससे मुख्य कथ्य बाधित होता है और सीरीज की अवधि खिंचती है। हर एपिसोड की अवधि लगभग एक घंटा है।