Vadh Movie Review: 'दृश्यम 2' को टक्कर देने आ गई 'वध', रोंगटे खड़ा कर देगी संजय मिश्रा-नीना गुप्ता की ये फिल्म
Vadh Movie Hindi Review संजय मिश्रा और नीना गुप्ता की फिल्म वध आपको पूरे टाइम पर्दे पर टकटकी लगा कर देखने को मजबूर कर देगी। कई जगह वध आपको अजय देवगन तब्बू ब्लॉकबस्टर दृश्यम 2 से बेहतर लगती है।
By Ruchi VajpayeeEdited By: Updated: Wed, 07 Dec 2022 05:39 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Vadh Movie Review: 'हमने हत्या नहीं, वध किया है' ये एक लाइन ही संजय मिश्रा और नीना गुप्ता की फिल्म का पूरा सार है। एक मिडिल क्लास, दुबला- पतला, बेबस बुजुर्ग व्यक्ति है जिसके घर में चूहे को मारा नहीं जाता बल्कि पकड़ के कहीं छोड़ दिया जाता है, कि उनके हाथों कहीं हत्या न हो जाए। वो ही एक दिन एक निर्मम हत्या को अंजाम देता है। कहीं-कहीं ये फिल्म आपको 'दृश्यम' की याद दिलाएगी पर यकीन मानिए कि ये आपको उससे कहीं ज्यादा रियल और प्योर लगेगी।
कहानी
फिल्म की कहानी एक रिटायर्ड टीचर शंभुनाथ मिश्रा (संजय मिश्रा) की है जो ग्वालियर में अपनी पत्नी मंजू मिश्रा (नीना गुप्ता) के साथ रहता है। बेटे की पढ़ाई और उसके करियर के लिए उन्होंने प्रजापति पांडे (सौरभ सचदेवा) से ब्याज पर पैसे उधार लिए हैं। अपने हाथ-पैर पर खड़ा होने के बाद बेटे ने माता-पिता को किसी भी तरह की मदद करने से मना कर दिया। शंभुनाथ जी के पास बार-बार कर्ज लेने और प्रजापति पांडे से अपमानित होने के सिवा कोई चारा नहीं है।
प्रजापति पांडे भी इस दम्पति को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ता। कभी उन्हें सरेआम पीटता है तो कभी नशे की हालत में इनके घर पर लड़की लेकर आता है। इन सब से तंग आकर एक दिन शंभुनाथ मिश्रा का सब्र जवाब दे जाता है और फिर जो वो करते हैं वो आपको श्रद्धा वाकर मर्डर केस की याद दिला देगा। इस मर्डर के बाद शुरू होती है प्रजापति पांडे की असल चुनौती। तो क्या पुलिस कभी हत्यारे के पता लगा पाएगी? क्या प्रजापति पांडे और मंजू मिश्रा को जेल होगी?
एक्टिंग
गंभीर विषय पर संजय मिश्रा लाजवाब हैं, एक परेशान बुजुर्ग और हताश बाप की भूमिका में वो जबरदस्त हैं। किसी-किसी जगह अपने भाव शून्यता से वो आपको अन्दर तक दहला देंगे। नीना गुप्ता को अच्छी फिल्म मिली जिसमें वो पूरी तरह से घुल गईं। आम जिंदगी की परेशानियां और आपसी नोंकझोक आपको बहुत अपनी सी लगेगी। पति के कत्ल करने के बाद भी उसके साथ मजबूती से खड़ी रही बीवी के किरदार में नीना काफी दमदार हैं।नीना गुप्ता के हिस्से डायलॉग्स भले ही संजय मिश्रा से कम आए पर वो अपने मौन में भी अभिनय करती हैं। सौरभ सचदेवा के किरदार से आपको नफरत हो जाएगी, अपने अभिनय से वो इतनी घृणा भर देते हैं कि देखने वाले को लगता है कि शंभुनाथ मिश्रा ने इसका वध पहले क्यों नहीं कर दिया। यहीं एक कलाकार के तौर पर उनकी जीता है। मानव विज पुलिस अफसर के किरदार में प्रभावी लग रहे हैं। बाकी कलाकारों ने भी ठीक अभिनय किया है।