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Vettaiyan Review: आमने-सामने अमिताभ बच्चन-रजनीकांत, एनकाउंटर की पिच पर फिसलती कहानी

Vettaiyan Movie Review साउथ सिनेमा के दिग्गज कलाकार रजनीकांत (Rajinikanth) अपनी लेटेस्ट फिल्म वेट्टैयन के साथ वापसी कर चुके हैं। आज उनकी ये फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के साथ रजनीकांत 33 साल बाद लौट रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि वेट्टैयन कैसी फिल्म है और इसका रिव्यू क्या कुछ बताता है।

By Ashish Rajendra Edited By: Ashish Rajendra Updated: Thu, 10 Oct 2024 02:28 PM (IST)
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रजनीकांत स्टारर मूवी वेट्टैयन का रिव्यू (Photo Credit-Jagran)

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। पुलिस की वर्दी में अभिनेताओं का रौब फिल्मों में बखूवी दिखाया जाता है। जुर्म की दुनिया के दानवों को ठिकाने लगाने के लिए पुलिस वाले अक्सर सिल्वर स्क्रीन पर हथियार उठाते हुए नजर आते हैं। लेकिन कभी-कभी उन गुंडों का एनकाउंटर करना प्रशासन के लिए मुसीबत बन जाता है। इसी कहानी को रोचक तरीके से रजनीकांत (Rajinikanth) और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की बहुचर्चित फिल्म वेट्टैयन में दिखाया गया है। 

आज 10 अक्टूबर से तमिल, तेलुगु और हिंदी भाषा में वेट्टैयन (Vettaiyan) को सिनेमाघरों में रिलीज कर दिया गया है। अगर आप भी इस मूवी को देखने के प्लान कर रहे हैं तो पहले ये रिव्यू (Vettaiyan Review) जरूर पढ़ लें। 

क्या है वेट्टैयन की कहानी

फिल्म वेट्टैयन की कहानी का सार एक सरकारी स्कूल टीचर सरन्या (दुशारा विजयन) की हत्या से शुरू होता है। उसके हत्यारे का पता लगाकर, उसके कर्मों की सजा देने के लिए पुलिस ऑफिसर अथियन (रजनीकांत) की एंट्री होती है। 

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LYCA प्रोडक्शन हाउस/ फोटो क्रेडिट- एक्स अकाउंट

सूबे में इस तरह के अन्य कई मामले हुए है, जिसकी वजह से पुलिस प्रशासन पहले से ही परेशान है। इन मुजरिमों को ठिकाने लगाने के लिए पुलिस फोर्स एनकाउंटर राउंड शुरू करता है। लेकिन इसके बाद कहानी में क्या ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं और कैसे अथियन नैतिक दिशासूचक न्यायधीश सत्यदेव (अमिताभ बच्चन) के सामने आ जाता है। उसके लिए आपको वेट्टैयन को देखना पड़ेगा। 

कैसी है कास्ट की एक्टिंग 

फिल्म में रजनीकांत और अमिताभ बच्चन के अलावा रीतिका सिंह, राणा दग्गुबाती और फहाद फासिल जैसे कलाकारों ने अहम भूमिकाओं का अदा किया है। लेडी पुलिस ऑफिसर रूपा के किरदार में रीतिका ने अपनी शानदार एक्टिंग और एक्शन की छाप छोड़ी है।

LYCA प्रोडक्शन हाउस/ फोटो क्रेडिट- एक्स

जबकि सुपरस्टार के तौर नटराज यानी राणा दग्गुबाती ने दमदार अभिनय का उदाहरण पेश किया है। इसके अतिरिक्त पैट्रिक के चुलबुले कैरेक्टर में फहाद फासिल ने भी अपना 100 प्रतिशत दिया है। हालांकि, वेट्टैयान में कई दृश्य ऐसे दिखाए गए हैं, जब इनकी एक्टिंग बनावटी सी लगती है। 

कंटेंट की कमजोर नब्ज वेट्टैयन

निर्देशक टीजे ज्ञानेवाल के जरिए वेट्टैयन की कहानी की नब्ज को समझने में थोड़ी बहुत चूक हो गई है। जिसकी वजह से वास्तविकता की पृष्ठभूमि के तौर पर फिल्म खरी उतरती नहीं दिखती है। सिनेमैटोग्राफी का काम भी ठीक-ठीक रहा है, लेकिन वीएफएक्स (VFX) के कुछ सीन असदार नहीं लगते हैं। इन वजहों से वेट्टैयन एक एक्शन पैकेड के तौर पर हल्की साबित होती है। 

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