Vettaiyan Review: आमने-सामने अमिताभ बच्चन-रजनीकांत, एनकाउंटर की पिच पर फिसलती कहानी
Vettaiyan Movie Review साउथ सिनेमा के दिग्गज कलाकार रजनीकांत (Rajinikanth) अपनी लेटेस्ट फिल्म वेट्टैयन के साथ वापसी कर चुके हैं। आज उनकी ये फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के साथ रजनीकांत 33 साल बाद लौट रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि वेट्टैयन कैसी फिल्म है और इसका रिव्यू क्या कुछ बताता है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। पुलिस की वर्दी में अभिनेताओं का रौब फिल्मों में बखूवी दिखाया जाता है। जुर्म की दुनिया के दानवों को ठिकाने लगाने के लिए पुलिस वाले अक्सर सिल्वर स्क्रीन पर हथियार उठाते हुए नजर आते हैं। लेकिन कभी-कभी उन गुंडों का एनकाउंटर करना प्रशासन के लिए मुसीबत बन जाता है। इसी कहानी को रोचक तरीके से रजनीकांत (Rajinikanth) और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की बहुचर्चित फिल्म वेट्टैयन में दिखाया गया है।
आज 10 अक्टूबर से तमिल, तेलुगु और हिंदी भाषा में वेट्टैयन (Vettaiyan) को सिनेमाघरों में रिलीज कर दिया गया है। अगर आप भी इस मूवी को देखने के प्लान कर रहे हैं तो पहले ये रिव्यू (Vettaiyan Review) जरूर पढ़ लें।
क्या है वेट्टैयन की कहानी
फिल्म वेट्टैयन की कहानी का सार एक सरकारी स्कूल टीचर सरन्या (दुशारा विजयन) की हत्या से शुरू होता है। उसके हत्यारे का पता लगाकर, उसके कर्मों की सजा देने के लिए पुलिस ऑफिसर अथियन (रजनीकांत) की एंट्री होती है।ये भी पढ़ें- The Signature Review: हस्ताक्षर के पीछे का दर्द दिखाती है 'द सिग्नेचर', झकझोर देगी फिल्म की कहानी
LYCA प्रोडक्शन हाउस/ फोटो क्रेडिट- एक्स अकाउंट
सूबे में इस तरह के अन्य कई मामले हुए है, जिसकी वजह से पुलिस प्रशासन पहले से ही परेशान है। इन मुजरिमों को ठिकाने लगाने के लिए पुलिस फोर्स एनकाउंटर राउंड शुरू करता है। लेकिन इसके बाद कहानी में क्या ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं और कैसे अथियन नैतिक दिशासूचक न्यायधीश सत्यदेव (अमिताभ बच्चन) के सामने आ जाता है। उसके लिए आपको वेट्टैयन को देखना पड़ेगा।