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Wedding.con Review: बैंक एकाउंट हुआ खाली, मिला उम्रभर का जख्म, दहला देते हैं शादी के नाम पर ठगी के ये किस्से

Wedding.con Review भावनाओं से खेलकर शादी के नाम पर ठगी के किस्से अक्सर समाचार माध्यमों के जरिए हमारे बीच पहुंचते हैं मगर प्राइम वीडियो की डॉक्युसीरीज दिखाती है कि कैसे जालसाज पढ़ी-लिखी महिलाओं को भी अपनी चुपड़ी बातों में फंसाकर उनका एक तरह से ब्रेनवॉश कर देते हैं और वो अपनी जीवनभर की पूंजी उन्हें दे बैठती हैं। साथ में मिलता है जीवनभर का दर्द।

By Manoj Vashisth Edited By: Manoj Vashisth Updated: Fri, 29 Dec 2023 02:28 PM (IST)
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वेडिंग डॉट कॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो गई है। फोटो- स्क्रीनशॉट
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Wedding.con Review: भारतीय समाज में लड़कियों और महिलाओं का अकेला रहना दाग की तरह माना जाता है। अगर शादी नहीं हुई तो जैसे जिंदगी में कुछ हासिल नहीं किया। खासकर, मिडिल क्लास समाज में लड़की की अच्छी पढ़ाई-लिखाई और अच्छा जॉब भी किसी काम का नहीं, अगर उसने शादी नहीं की है।

पड़ोसियों से लेकर रिश्तेदारों के ताने और उलाहना जीना दुश्वार कर देते हैं। एक वक्त ऐसा आता है, जब लड़की को ही लगने लगता है कि कमी उसी में है। वो कुछ मिस कर रही है।

उसका आत्मविश्वास डगमगाने लगता है और ठीक उस समय कोई घात लगाये बैठा ठग भावनाओं का ऐसा जाल बिछाता है कि समझदार लड़की भी अपने होश खो बैठती और शादीशुदा जीवन के सुनहरे ख्वाबों में फंसकर जीवनभर की कमाई खो बैठती है, साथ ही खो बैठती है अपना आत्मसम्मान। इस जख्म को भरने में सालों लगते हैं, कभी-कभी भरते ही नहीं।

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शादी के नाम पर ठगी का कच्चा चिट्ठा

भावनात्मक सहारे की तलाश कर रही युवतियों और महिलाओं को मैट्रिमोनियल साइट्स के जरिए ढूंढने से लेकर बातों और मैसेज के जरिए उन्हें भरोसे में लेने के बाद लाखों का चूना लगाने का ये खेल हैरान करता है। तनुजा चंद्रा निर्देशित डॉक्यु सीरीज Wedding.Con के पांच एपिसोड्स में पांच पीड़ित महिलाओं के जरिए शादी के नाम पर चलने वाली इस ठगी का कच्चा चिट्ठा खोला गया है।

क्राइम शोज में कई तरह के अपराध दिखाये जाते हैं, जिनमें साइको किलर्स से लेकर ऑनलाइन जालसाजी तक के मामले रहते हैं, मगर प्राइम वीडियो की डॉक्युसीरीज वेडिंग डॉय कॉन में शादी के नाम पर ठगी के ऐसे केस दिखाये गये हैं कि दहल जाएंगे।

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केसों का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण

हैरानी की बात यह है कि यह खेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चलता है और विदेशी ठग भी भारतीय लड़कियों को फंसाकर बर्बाद कर रहे हैं। सीरीज जागरूक करती है।

साथ ही इस सवाल का जबाव तलाशने की कोशिश करती है, आखिर इतनी पढ़ी-लिखी और मल्टीनेशनल कम्पनियों में काम करने वाली मेट्रोपॉलिटन शहरों की महिलाएं झांसे में कैसे आ जाती हैं? उनकी मनोदशा क्या होती है, जो वो सिर्फ मैसेज और बातों के बदले अपना सब कुछ लुटाने के लिए तैयार हो जाती हैं?

थ्रिलर फिल्म की तरह आगे बढ़ती सीरीज

लगभग आधे घंटे के हर एपिसोड में पांच पीड़ित महिलाओं की कहानी साथ-साथ चलती है। थ्रिलर फिल्म की तरह घटनाक्रम धीरे-धीरे खुलते हैं। मैट्रिमोनियल साइट के जरिए महिलाएं ठगों से कैसे मिलती हैं? बात कैसे आगे बढ़ती है?

ठग कैसे सिचुएशंस क्रिएट करके महिलाओं की भावनात्मक निर्भरता का फायदा उठाकर किसी ठोस बहाने से पैसे मांगते हैं? ठग अपने शिकार का इतना विश्वास हासिल कर लेते हैं कि उसके साथ दुनिया बसाने का सपना देख रही महिला को शक नहीं होता।

अगर होता भी है तो वो उनकी साइकोलॉजी से खेलकर समझा लेते हैं। जिन महिलाओं के इंटरव्यू दिखाये गये हैं, वो खुद धोखा खाने के बाद हैरान दिखती हैं कि आखिर किसी अनजान शख्स पर इतना भरोसा कैसे कर लिया। 

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हैरान करती है ठगों की मोडस ऑपरेंडी

डॉक्युसीरीज इन इंटरव्यूज के जरिए ठगों की Modus Operandi के पत्ते भी खोलती है। खास बात यह है कि कुछ मामलों में पुलिस भी कुछ नहीं कर पाती। एक सीरियल स्कैमर के बारे में भी दिखाया गया है।

डॉक्यु सीरीज में जिन महिलाओं स्नेहा, प्रियंका, नित्या, संध्या और वीना की बात की गई है, वो मुंबई, पुणे, बेंगलुरु और आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं। सभी निजी कम्पनियों में काम करने वाली अलग-अलग आयु वर्ग और सामाजिक पृष्ठभूमि से हैं। मगर, सब में एक बात कॉमन है कि इमोशनल सहारे की तलाश में हैं।  

न्यूयॉर्क की एक यूनिवर्सिटी में साइकोलॉजी की प्रोफेसर चित्रा राघवन के जरिए सीरीज इन पूरी स्थितियों का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण इन मामलों को समझने में मदद करता है। ठग मैट्रिमोनियल साइट्स के जरिए ऐसी महिलाओं को ढूंढते हैं, जो किसी वजह से शादी नहीं कर सकी हैं या सिंगल मदर हैं या फिर डिवोर्स ले चुकी हैं। इन महिलाओं को भावनात्मक तौर पर जाल में फंसाना ज्यादा आसान होता है। 

कैसी है वेडिंग डॉट कॉन सीरीज?

इंटरव्यूज के बीच कुछ घटनाओं का नाट्य रूपांतरण भी है, जिससे विजुअल ब्रेक मिलता है और दिलचस्पी बनी रहती है। वेडिंग डॉट कॉन (Wedding.con) एक जरूरी डॉक्युसीरीज है, जो शादियों के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी के खिलाफ जागरूक करती है, वहीं शादी को लेकर सामाजिक दबाव के कारण होने वाली गल्तियों के प्रति सचेत करती है।