Shark Tank India रियलिटी शो शार्क टैंक इंडिया पर अक्सर इल्जाम लगता रहता है कि शो स्क्रिप्टेड है और शो में फाउंडर्स को फंड नहीं दिया जाता है। अब शो के जज और बिजनेसमैन अनुपम मित्तल ने इन आरोपों पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने इन आरोपों को खारिज करते हुए आलोचकों को सही डेटा का यूज करने की सलाह दी है।
By Rinki TiwariEdited By: Rinki TiwariUpdated: Fri, 30 Jun 2023 02:08 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Shark Tank India: सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाला फेमस रियलिटी शो 'शार्क टैंक इंडिया' को यूं तो पसंद करने वालों की कमी नहीं है, लेकिन कई बार शो पर सवाल उठते हैं और इसे स्क्रिप्टेड बताया जाता है। अब अनुपम मित्तल ने इस पर चुप्पी तोड़ी है।
साल 2020 में '
शार्क टैंक इंडिया' की शुरुआत हुई थी। इसी साल मार्च में इसका दूसरा सीजन भी खत्म हुआ। शो विवादों को लेकर काफी चर्चा में रहा। कई लोगों ने शो को स्क्रिप्टेड कहा था। वहीं, इन दिनों जजेस पर आरोप लगा है कि वे फाउंडर्स को वादे के बावजूद फंड्स नहीं दे रहे हैं।
विवाद पर अनुपम मित्तल ने तोड़ी चुप्पी
अब
शादी डॉट कॉम के मालिक और शो के जज
अनुपम मित्तल ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट शेयर करते हुए इन आरोपों पर सफाई पेश की है। उन्होंने लंबे-चौड़े पोस्ट में लिखा-
"पहले यह था कि 'शार्क अपना पैसा खुद निवेश नहीं करते हैं', फिर 'ओह, शो स्क्रिप्टेड है' और फिर 'शार्क केवल लाभदायक कंपनियों को फंड करते हैं'। इन दावों का जो समर्थन कर रहे हैं, उन्हें पहचानना मुश्किल नहीं है, बशर्ते आपको डेटा और सोर्स के बारे में जान लेना चाहिए।"
"इसमें कोई हैरानगी की बात नहीं है कि एक और मामूली विवाद चर्चा में है। इसमें भी कोई डेटा नहीं है और ना ही कोई रियल नेम है, बस उंगली उठाना है। एक क्रोधित और अप्रासंगिक कमेंटेटर को मसाला डालने के लिए मैदान में उतार दिया गया है।"
क्या शार्क्स फाउंडर्स को नहीं देते हैं फंड?
अनुपम मित्तल ने आगे खुलासा किया कि शो में आए बिजनेसेस अर्ली स्टेज पर होते हैं, जिनमें से कुछ रजिस्टर्ड नहीं होते हैं तो किसी के डेटा क्लियर नहीं होते हैं। सभी शार्क्स इन प्रॉब्लम्स पर काम करते हुए इसका सॉल्युशन निकालने की कोशिश करते हैं। कंपनी और फाउंडर्स की तैयारी के आधार पर डील पूरे होने में 3 से 6 महीने लग सकते हैं।
अनुपम ने बताया कि कई बार फाउंडर्स मन बदल लेते हैं, कंपनी कानूनी, वित्तीय या टैक्स से जुड़ी चीजों में फेल हो जाती है या फाउंडर 'सशर्त सौदा' स्वीकार करते समय सहमत दायित्वों को पूरा नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह से डील नहीं हो पाती है।
आलोचकों को अनुपम का ये सॉलिड मैसेज
अनुपम मित्तल ने लिंक्डइन में सफाई देने के बाद आलोचकों से कहा कि अगर वह शो की आलोचना करना चाहते हैं तो सही डेटा के साथ करें। उन्होंने कहा- "सही डेटा के साथ आलोचना करें, न कि ढीले-ढाले तरीके से।"