Bigg Boss 17: अब बिग बॉस को अवैध रूप से प्रसारित करना पड़ेगा महंगा, दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
Bigg Boss 17 सलमान खान के शो बिग बॉस-17 का आगाज हो चुका है। रिपोर्ट्स की मानें तो वायाकॉम -18 ने कुछ समय पहले कई वेबसाइट्स के खिलाफ उनके प्रोग्राम को ऑनएयर करने पर एक याचिका दायर की थी। जिस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बिग बॉस सीजन 17 का आगाज कुछ दिनों पहले ही हुआ था। इस शो में शुरुआत से ही काफी कुछ ड्रामा ऑडियंस को देखने को मिल रहा है। अभिषेक कुमार ने आते ही बिग बॉस के घर में कई कंटेस्टेंट से झगड़ा मोल लिया है। शुरुआत से ही दर्शकों को भरपूर मनोरंजन देने वाले इस शो से जुड़ी हाल ही में एक नयी अपडेट सामने आई है।
वायाकॉम 18 ने कुछ समय पहले दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High court) ने एक्शन लेते हुए अवैध रूप से बिग बॉस सीजन 17 का प्रसारण करने वाली वेबसाइट्स पर रोक लगा दी है। गैर कानूनी तरह से शो के कंटेंट को जगह-जगह पर पोस्ट करने वालों के खिलाफ कोर्ट ने एक आदेश जारी किया है।
याचिकाकर्ता ने आर्थिक नुकसान पर जताई चिंता
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट्स के मुताबिक, याचिका कर्ता ने कहा कि बिग बॉस को टेलीविजन पर हिंदी के अलावा, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर भी कई फॉर्मेंट प्रसारित किया जाता है। उन्होंने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा की बिना लाइसेंस के गैर कानूनी तरह से कई वेबसाइट्स 'बिग बॉस' के कार्यक्रम का प्रसारण कर रहे हैं, जो उनके बिजनेस के लिए एक खतरा बन सकता है।
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रिपोर्ट्स की मानें तो कोर्ट ने इस मामले में अपना आदेश जारी करते हुए ये भी कहा कि जिस तरह से अवैध रूप से कई वेबसाइट्स इस प्रोग्राम को प्रसारित कर रही हैं, उससे पायरेसी का खतरा भी बढ़ सकता है। पायेरसी की वजह से शो के प्रोड्यूसर्स को वित्तीय नुकसान झेलना पड़ सकता है।
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने जारी किया आदेश
समाचार एजेंसी के मुताबिक, न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने आदेश जारी करते हुए कहा,
" 1 से लेकर 5 तक जिनके खिलाफ याचिका दायर की गयी है, उनको बिग बॉस के पिछले एपिसोड्स से लेकर आने वाले एपिसोड्स को टेलीकास्ट, प्रसारण, स्ट्रीमिंग और रीट्रांसमिटिंग करने पर रोक लगाई जाती है"। उन्होंने अपने आदेश में ये भी कहा कि, "अगर आने वाले समय में बिग बॉस के नाम का इस्तेमाल कर गैर कानूनी तरह से याचिका कर्ता के प्रोग्राम को प्रसारित किया जाता है, तो उन वेबसाइट्स के खिलाफ एक आवेदन दायर किया जा सकता है। ये आदेश आगे अगर कोई वेबसाइट ऐसा करती है, तो उनके लिए भी लागू होता है"।
पायरेसी का बढ़ सकता है खतरा
कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा, "अगर इस तरह की वेबसाइट्स, जिन्हें बिग बॉस के नाम का इस्तेमाल करने की परमिशन मिलती है, तो वह भी पायरेसी को बढ़ावा मिलेगा, जिसकी वजह से उस याचिका कर्ता का बड़ा नुकसान हो सकता है, जिसने काफी इन्वेंस्ट करके इस शो के अधिकार लिए हैं। कोर्ट ने गैर कानूनी तरह से बिग बॉस के फुटेज को चलाने वाली वेबसाइट्स को भी ब्लॉक करने के आदेश दिए हैं"।
अदालत ने आगे कहा कि याचिका कर्ता के ओटीटी प्लेटफॉर्म, जियो सिनेमा एक सब्सक्रिप्शन बेस्ड प्लेटफॉर्म है। अगर गैर कानूनी वेबसाइट्स इस तरह प्रोग्राम को गलत तरीके से टेलीकास्ट करता है, तो इससे इस सब्सक्रिप्शन बेस्ड प्लेटफॉर्म को इससे नुकसान होगा।