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तमन्ना भाटिया और नवाजुद्दीन सिद्दीकी संग स्क्रीन शेयर करेंगे CID एक्टर आदित्य श्रीवास्तव, फिल्म पर दी अपडेट

सीआईडी (CID) एक्टर आदित्य श्रीवास्तव की ऑफिसर भूमिकाएं निभाने वाली छवि बनी। हालांकि अब वह अलग-अलग प्लेटफार्म पर विविध भूमिकाएं निभा रहे हैं। आगामी दिनों में उनकी फिल्म बोले चूड़ियां फिर आई हसीन दिलरुबा और वेब सीरीज आईसी 814 समेत कई प्रोजेक्ट कतार में है। आदित्य से उनके वर्तमान दौर और पेशेवर सफर पर जागरण डॉट कॉम की खास बातचीत...

By Vaishali Chandra Edited By: Vaishali Chandra Published: Fri, 10 May 2024 08:47 AM (IST)Updated: Fri, 10 May 2024 08:47 AM (IST)
वेब सीरीज आईसी 814 में सकारात्मक भूमिका में नजर आएंगे आदित्य

दीपेश पांडेय, मुंबई। फिल्म सत्या में इंस्पेक्टर खाडिलकर और धारावाहिक सीआईडी में इंस्पेक्टर अभिजीत की भूमिका से अभिनेता आदित्य श्रीवास्तव की ऑफिसर भूमिकाएं निभाने वाली छवि बनी। हालांकि, अब वह अलग-अलग प्लेटफार्म पर विविध भूमिकाएं निभा रहे हैं।

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आगामी दिनों में उनकी फिल्म बोले चूड़ियां, फिर आई हसीन, दिलरुबा और वेब सीरीज आईसी 814 समेत कई प्रोजेक्ट कतार में है। आदित्य से उनके वर्तमान दौर और पेशेवर सफर पर जागरण डॉट कॉम की खास बातचीत...

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वर्तमान में मिल रहे विविध किस्म के मौकों के पीछे क्या कारण मानते हैं?

जब से डिजिटल प्लेटफार्म का दौर आया है, तो हर किस्म की संभावनाएं खुल गई हैं। हर कलाकार का एक सफर होता है। मुझे नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों तरह के रोल हमेशा मिलते रहे हैं। बैंडिट क्वीन से मेरी शुरुआत हुई और फिर सीआईडी का दौर आया, जिसमें मेरा एक लंबा समय गया । उस दौरान भी मैंने ब्लैक फ्राइडे, गुलाल मोहनदास फिल्मों समेत बहुत सारे ऐसे काम किए जो मेरी सीआईडी की छवि से अलग थे। मैं खुशकिस्मत रहा कि मुझे इंडस्ट्री ने किसी छवि में बहुत ज्यादा जकड़कर नहीं रखा।

नेगेटिव पात्रों को लेकर कुछ अलग सोच और कार्यशैली होती है?

हमारी कार्यशैली और एक्टिंग की प्रक्रिया किरदार, कहानी और निर्देशक के निर्देशों के हिसाब से चलती है, न कि नेगेटिव या पॉजिटिव के हिसाब से । यह इस पर निर्भर करता है कि कहानी में आपका रोल कितना महत्वपूर्ण है । उसमें कितने पहलू हैं और किस परिस्थिति से है।

फिल्म बोले चूड़ियां और वेब आईसी 814 को लेकर क्या अपडेट हैं?

कुछ दिनों पहले ही बोले चूड़ियां के निर्माता से मेरी बातचीत हुई थी। दो-तीन दिनों की शूटिंग बची है। उसके लिए तमन्ना भाटिया और नवाजुद्दीन सिद्दीकी के डेट्स एक साथ चाहिए। इस महीने के अंत या अगले महीने में उसकी शूटिंग पूरी हो जाएगी। कंधार हाईजैकिंग पर आधारित वेब सीरीज आईसी-814 की शूटिंग पूरी हो चुकी है। जल्द इसे लेकर आगे की घोषणा की जाएगी। इसके अलावा मैं और सीआईडी के मेरे सहकलाकार दयानंद शेट्टी यूट्यूब के लिए साप्ताहिक शो सफर खाना भी कर रहे हैं।

हाल ही में यूपीएससी में आदित्य श्रीवास्तव के टॉप करने पर जब इंटरनेट मीडिया पर सीआईडी और आपका नाम ट्रेंड हुआ, तो आपकी क्या प्रतिक्रिया रही ?

(हंसते हुए) ये एक बड़ा दिलचस्प संयोग था । मैं तो इंटरनेट मीडिया पर नहीं हूं, इसलिए मुझे इसके बारे में ज्यादा नहीं पता है। मुझे अपने कुछ जानने वालों से इसके बारे में पता चला। मुझे अच्छा लगा कोई भी इंसान किसी भी क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन करता है, तो वह तारीफ के काबिल है।

आप कोई दक्षिण भारतीय फिल्म भी करने जा रहे हैं?

मैं जल्द ही एक तेलुगु फिल्म करने वाला हूं, अभी उस पर बातचीत चल रही है। मैं सही समय आने पर उसके बारे में बताऊंगा| इससे पहले भी मैं दो तमिल फिल्में कर चुका हूं। करीब 10-12 साल पहले मैंने एक फिल्म नलई की थी, जिसका मतलब होता है कल । मेरी दूसरी फिल्म सुपरस्टार अजीत के साथ अलवर थी।

पुलिस अधिकारी वाली छवि बनने में क्या सीआइडी के अलावा सत्या का भी कुछ योगदान देखते हैं?

सत्या का प्रभाव सबसे ज्यादा है। वह मेरे करियर की ऐसी फिल्म है, जिससे मेरी पहचान बनी। मुंबई आने के बाद मैंने दो-तीन फिल्में, दो धारावाहिक किए थे, लेकिन सत्या वह फिल्म थी, जिससे मैंने ही नहीं, कई कलाकारों ने सिनेमा जगत में स्वयं को स्थापित किया। सीआईडी में तो मेरी भूमिका एक मजेदार पात्र के रूप में बाद में आई, वो थोड़ा हंसी-मजाक भी करता था, गुस्सा भी होता था ।

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इंडस्ट्री में पहले शारीरिक बनावट, रंग, चेहरा और डांस जैसी चीजें अभिनेता बनने के लिए जरूरी मानी जाती थी, क्या आपको भी इनके आधार पर तौला गया था ?

मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ था । मुंबई आने से पहले मैं दिल्ली में फिल्म बैंडिट क्वीन कर चुका था । उस फिल्म के बाद 20-25 कलाकार दिल्ली से मुंबई आए थे। मैं भी उसी में था। उस समय हमारे यहां आर्ट सिनेमा का दौर खत्म ही हो रहा था, तो कुछ फिल्मकार आर्ट सिनेमा को जीवित रखने के प्रयास कर रहे थे। मैंने भी गोविंद निहलानी के साथ दो फिल्में की थी। उस समय हमारे यहां टीवी धारावाहिक भी आ चुके थे, तो मैंने तीन-चार साल में तीन चार धारावाहिक किया। उसके बाद सत्या आ गई। उसने हमें एक रास्ता दे दिया । हालांकि हम किसी गलतफहमी में नहीं थे कि हीरो बनने आए हैं। बस एक्टिंग करना था, क्योंकि वही आती थी।  


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