काम्या पंजाबी सहित इन टीवी सितारों ने जताई इच्छा, बोले-अगर मौका मिले तो दशहरा पर इन बुराइयों का करेंगे अंत
पूरे देशभर में सितारों से लेकर आम आदमी धूमधाम से दशहरा मना रहा है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है और कहा जाता है कि रावण दहन के साथ ही हर किसी को अंदर के रावण का अंत कर देना चाहिए। हाल ही में टीवी सितारों ने बताया कि वह इस दशहरा किन बुराइयों को मिटाकर उसपर जीत पाना चाहते हैं।
प्रियंका सिंह व दीपेश पांडेय, मुंबई। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरा के त्योहार से टीवी जगत के सितारों की बहुत सी यादें हैं। भले ही हर कोई अपनी-अपनी संस्कृति और परंपरा के अनुसार अलग-अलग तरीके से यह त्योहार मनाता हो, लेकिन त्योहार मनाने का कारण और उद्देश्य सभी के एक जैसे ही हैं असत्य पर सत्य की विजय। कुछ टीवी सितारों ने विजयादशमी से जुड़ी यादों को लेकर बात की।
अहंकार खत्म करना चाहूंगा
दिल्ली की लोकप्रिय रामलीला में धारावाहिक शैतानी रस्में के अभिनेता सिद्धांत इस्सर कई बार राम की भूमिका निभा चुके हैं। वह कहते हैं कि,
बचपन में दशहरा से पहले नवरात्र में मैं अपने मित्रों के साथ खूब गरबा खेला करता था। रावण दहन देखने तो मैं कई बार नई दिल्ली स्थित लाल किला भी गया हूं। मैं तो लाल किले पर होने वाली दिल्ली की सबसे प्रसिद्ध रामलीला में कई बार राम बना हूं और मेरे पिता पुनीत इस्सर (अभिनेता) रावण।"पुराणों में लिखी गाथाएं प्रतीकात्मक होती हैं। रावण के दस सिर घमंड, ईर्ष्या, सुख, दुख, महत्वाकांक्षा, काम, क्रोध, लोभ, मोह, माया रूपी इंसान के दस विकार या बुराइयां हैं। भगवान राम का इन दसों भावनाओं पर नियंत्रण था, लेकिन रावण का नहीं। इसलिए राम ने रावण पर विजय प्राप्त की। अगर हम भी अपने अंदर के रावण को नियंत्रित करके और राम को जगा कर रखें तो हमारी ज्यादातर समस्याएं खत्म हो जाएंगी"।
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अलग-अलग मौकों पर कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी तो कभी गृहमंत्री अमित शाह ने मेरे हाथों से धनुष लेकर वहां रावण दहन किया है। हमारी इंडस्ट्री के भी कुछ सितारों और फिल्मकारों में बहुत अहंकार भरा है। मैं इस बुराई के खत्म होने की प्रार्थना करूंगा।