KBC 14: रूपिन शर्मा ने बताया कैसे किया था अबू सलेम और मोनिका बेदी को अरेस्ट, सुनकर हैरान रह गए बिग बी
Kaun Banega Crorepati 14 केबीसी के लेटेस्ट एपिसोड में अमिताभ बच्चन के सामने कंटेस्टेंट बनकर आए नागालैंड के डीजी रूपिन शर्मा। उन्होंने बिग बी को बताया कि कैसे मोनिका बेदी और अबू सलेम को पुर्तगाल से अरेस्ट किया गया था।
By Ruchi VajpayeeEdited By: Updated: Fri, 19 Aug 2022 10:08 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। अमिताभ बच्चन के क्विज शो कौन बनेगा करोड़पति के 14वें सीजन का आगाज हो चुका है। इस बार भी लोग हॉट सीट पर बैठकर गेम के साथ-साथ अपनी लाइफ के मजेदार किस्से शेयर कर रहे हैं। केबीसी 14 के लेटेस्ट एपिसोड में नागालैंड के डीजी रूपिन शर्मा बिग बी के सवालों के जवाब देने के लिए आए तो उन्होंने अबू सलेम और मोनिका बेदी के प्रत्यर्पण की पूरी कहानी बता कर हैरान कर दिया।
रूपिन शर्मा ने अपना खेल शुरू किया, 40 हजार और 80 हजार के लिए उन्होंने सही जवाब दिया। लेकिन जब को 1 लाख 60 हजार पर पहुंचे तो यहां अटक गए। सही जवाब के लिए उन्हें ऑडियंस पोल लाइफलाइन की मदद मांगी। इसके बाद उनकी गाड़ी अटकी 3 लाख 20 हजार के सवाल पर। इसका जवाब भी उन्होंने अनुमानों के ही आधार पर दिया और वो सही निकला।
इसी बीच बिग बी ने उनसे पर्सनल अचीवमेंट्स के बारे में बात की और पूछा कि आपने तो मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों को गिरफ्तार किया है, हमारे दर्शकों को भी कुछ बताइए। उन्होंने कहा वह 1992 में सेवा में शामिल हुए थे और कुछ दिनों के बाद ही मुंबई में कई विस्फोट हुए। उस समय उन्होंने एटी इंटरपोल सीबीआई के लिए काम किया। तभी उनके संज्ञान में अबू सलेम का मामला आया।
रूपिन शर्मा ने बिग बी को बताया कि, "जब हमने मामले पर काम करना शुरू किया, तो हमें तत्काल सफलता नहीं मिली, फिर हमने दूसरे राज्यों से बात की और अपना डाटा अपडेट किया। उन दिनों पासपोर्ट की सभी कागजी कार्रवाई हार्डकॉपी में होती थी। इसलिए डेटाबेस कमजोर था। अपराधियों के पास एक से अधिक पासपोर्ट और अन्य लोगों के नाम होंगे। हमने 4-5 लोगों की एक टीम बनाई और छोटी लीड पर काम करना शुरू किया। 2002 में, हमें एक ईमेल मिला कि अबू सलेम वहां है। एक व्यक्ति जो खुद को दानिश बेग और उसकी साथी फौजिया उस्मान कहता है, वे अबू सलेम और मोनिका बेदी हो सकते हैं। वे इस समय पुर्तगाल में हैं और पहले नॉर्वे और फिर कनाडा जाने की योजना बना रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा- जब हमने डेटा एक्सेस किया, तो हमें एक लीड मिली कि मोनिका बेदी के माता-पिता नॉर्वे से थे। हमने ईमेल का पता लगाया और पता चला कि यह पुर्तगाल से आया है। हमने संपर्क किया। हमने वहां की सरकार से संपर्क किया और उनसे उसे ढूंढने को कहा। जब उन्होंने आश्वासन मांगा कि उन्हें 25 साल से अधिक समय तक जेल में नहीं रखा जाएगा और उन्हें मृत्युदंड नहीं दिया जाएगा, तो हमें आश्वासन दिया गया कि वह वास्तव में अबू सलेम हैं। हमने उन्हें आश्वासन दिया और एक दिन जब हम ऑफिस पहुंचे तो हमें पता चला कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और हमारी खुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा।"