Birth Anniversary: 'आनंदी' बन घर-घर में मशहूर हुई थीं प्रत्युषा बनर्जी, एक्ट्रेस की मौत का कारण आज भी है बड़ा रहस्य
प्रत्युषा बनर्जी टीवी की उन अभिनेत्रियों में से एक रही थीं जिन्होंने कम समय में छोटे पर्दे पर अपनी जगह बनाई और खूब सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने कई टीवी सीरियल्स में काम किया और घर-घर में मशहूर हुईं। प्रत्युषा बनर्जी का जन्मदिन 10 अगस्त को होता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। प्रत्युषा बनर्जी टीवी की उन अभिनेत्रियों में से एक रही थीं, जिन्होंने कम समय में छोटे पर्दे पर अपनी जगह बनाई और खूब सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने कई टीवी सीरियल्स में काम किया और घर-घर में मशहूर हुईं। प्रत्युषा बनर्जी का जन्मदिन 10 अगस्त को होता है। उन्होंने छोटे पर्दे पर अपने करियर की शुरुआत साल 2010 में सीरियल 'रक्त संबंध' और 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' से की थी। इसके बाद प्रत्युषा बनर्जी ने चर्चित सीरियल 'बालिका वधू' में मुख्य भूमिका अदा की।
उनके करियर में 'बालिका वधू' काफी कामयाब साबित हुआ और देखते ही देखते प्रत्युषा बनर्जी अपने किरदार आनंदी से घर-घर में मशहूर हो गईं। उनके अभिनय को दर्शकों की ओर से काफी सराहा गया था। 'बालिका वधू' के बाद प्रत्युषा बनर्जी रियलिटी शो 'झलक दिखला जा 5' और 'बिग बॉस 7' में नजर आई थीं। इनके अलावा उन्होंने 'ससुराल सिमर का', 'हम हैं ना', 'कॉमेडी क्लासेज', 'आहट' और 'सावधान इंडिया' सहित कई टीवी शो में अभिनय किया था।
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मजह छह सालों में प्रत्युषा बनर्जी टीवी की चर्चित अभिनेत्री बन गई थीं, लेकिन 1 अप्रैल साल 2016 के दिन ने उस समय हर किसी को हैरान कर दिया जब खबर आई कि प्रत्युषा बनर्जी का शव उनके कमरे में फंदे से लटका मिला। उस समय वह महज 24 साल की थी। उनकी मौत में ब्वॉयफ्रेंड राहुल राज सिंह भी सामने आया था। राहुल राज सिंह पर प्रत्युषा बनर्जी को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है, साथ ही उनपर केस भी चल रहा है।
साल 2016 को आत्महत्या कर अपनी जिंदगी खत्म कर लेने वाली प्रत्युषा के माता-पिता अब तक इस सदमें से उबर नहीं पाए हैं। परिवार का कहना है कि बेटी के जाने के बाद वो टूट कर बिखर गए हैं। प्रत्युषा बनर्जी के पिता शंकर बनर्जी ने बताया कि उन्हें ऐसा लगता है मानो बेटी की मौत के बाद कोई बड़ा तूफान आया हो और सबकुछ लेकर चला गया हो। उन्होंने कहा कि केस लड़ते-लड़ते वह अपना सबकुछ गंवा बैठे हैं। अब उनके पास एक रुपया भी नहीं बचा है। स्थिति ऐसी है कि वह एक कमरे में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं और पूरी तरह से कर्ज में डूब चुके हैं।
जीवन यापन के लिए प्रत्युषा की मां एक चाइल्ड केयर सेंटर में काम करती हैं। इन्हीं पैसों से उनके जिंदगी का गुजारा किसी तरह हो रहा है। वहीं प्रत्युषा के पिता इस उम्मीद में कुछ न कुछ कहानियां लिखते रहते हैं कि शायद कहीं कोई बात बन जाए और उनकी जिंदगी फिर से ट्रैक पर लौट आए। हालांकि प्रत्युषा बनर्जी की मौत किन वजहों से हुई इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है।