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20 सालों से पहाड़ों पर ये काम कर हरे हैं रामानंद सागर के 'कृष्णा', अब दिखते हैं ऐसे

रामायण के बाद अब जल्द ही एक और शो श्रीकृष्ण शुरू होने वाला है। रामानंद सागर के शो श्रीकृष्ण के शुरू होने का दर्शकों को बड़ी ही बेसब्री से इंतजार है।

By Priti KushwahaEdited By: Updated: Sun, 26 Apr 2020 08:44 AM (IST)
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20 सालों से पहाड़ों पर ये काम कर हरे हैं रामानंद सागर के 'कृष्णा', अब दिखते हैं ऐसे

नई दिल्ली, जेएनएन।  कोरोना वायरल जैसी महामारी के चलते पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन जारी किया हैं। इसी लॉकडाउन ने एक बार फिर से टीवी पर 80 और 90 का दौर वापस बुलाने को मजबूर कर दिया है। बीआर चोपड़ा के 'महाभारत' और रामानंद सागर के 'रामायण' के बाद अब जल्द ही एक और शो 'श्रीकृष्ण' शुरू होने वाला है।

 

रामानंद सागर के शो 'श्रीकृष्ण' के शुरू होने का दर्शकों को बड़ी ही बेसब्री से इंतजार है। इस शोज के शुरू होने के साथ ही लोगों को ये जानने की उत्सुकता शुरू हुई कि आखिर इसके किरदार अब कहां है क्या कर रहे हैं? वहीं 'श्रीकृष्ण' का नाम सामने आने के साथ ही अब सब ये जानना चहते हैं कि इसके मेन किरदार श्रीकृष्ण आखिर अब कहां हैं। क्या कर रहे हैं? तो चलिए आज बात करेंगे श्रीकृष्ण में लीड रोल निभाने वाले कृष्णा रीयल लाइफ में कौन हैं और क्या कर रहे हैं?

 

रामानंद सागर के टीवी सीरियल 'श्रीकृष्णा' में भगवान कृष्ण की भूमिका निभाने वाले एक्टर का नाम सर्वदमन डी बनर्जी हैं। उन्होंने अपनी प्यारी और मधुर मुस्कान से आज भी दर्शकों के दिलों में जगह बनाई हुई है। सर्वदमन डी बनर्जी का जन्म 14 मार्च 1965 को उन्नाव के मगरवाड़ा में हुआ था। कानपुर से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद सर्वदमन ने पुणे फिल्म इंस्टिट्यूट से ग्रेजुएशन की शिक्षा पाई। इस शो के अलावा उन्होंने 'अर्जुन', 'जय गंगा मैया' और 'ओम नम: शिवाय। इनमें भी ज्यादातर वो विष्णु या कृष्ण बने ही दिखे। इसके साथ ही उन्होंने हिंदी, तेलुगू और बंगाली फिल्मों में काम किया।

 

सर्वदमन फिलहाल फिल्मी दुनिया से दूर हैं। वो अब पहाड़ों की वादियो के बीच ऋषिकेश में अपना एक मेडीटेशन सेंटर चलाते हैं, जहां लोग प्रकृति के बीच में मेडीटेशन का लुफ्त उठाते हैं। यही नहीं वह एनजीओ चलाते हैं, जिसका नाम है पंख। इस एनजीओ के जरिए वह करीब 200 बच्चों की पढ़ाई लिखाई का ध्यान रखते हैं और उत्तराखंड की 50 गरीब महिलाओं को ढंग की जिंदगी बिताने लायक बनाने के लिए काम की ट्रेनिंग दिलाते हैं।