Dipika Chikhlia: रामायण की 'सीता' के बाद 'सुमित्रा' बनीं दीपिका चिखलिया, अयोध्या पर बनी है नए शो की कहानी
Dipika Chikhlia दीपिका चिखलिया टेलीविजन की जानी मानी एक्ट्रेस हैं। फैंस उन्हें सबसे ज्यादा रामानंद सागर के शो रामायण के लिए याद करते हैं जिसमें उन्होंने माता सीता का किरदार निभाया था। दीपिका अब नए शो के साथ वापसी कर रही हैं जिसकी कहानी अयोध्या के बैकड्रॉप पर बनी है। उन्होंने इस शो और अपने किरदार के बारे में बताया।
By Karishma LalwaniEdited By: Karishma LalwaniUpdated: Wed, 16 Aug 2023 06:40 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। रामानंद सागर के शो 'रामायण' में माता सीता का किरदार निभा कर सम्मान कमाने वालीं एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया (Dipika Chikhlia) को आज भी लोग इस रोल के लिए याद करते हैं। एक्ट्रेस ने इसके अलावा और भी रोल निभाए, लेकिन माता सीता का किरदार निभाकर वह पूरे देश में इसी भूमिका के लिए चर्चित हो गईं।
अब लगभग 30 साल बाद दीपिका चिखलिया एक बार फिर छोटे पर्दे पर वापसी कर रही हैं। उनका नया शो 'धरतीपुत्र नंदिनी' शुरू होने वाला है, जिसमें एक बार फिर दीपिका पावरफुल रोल में नजर आएंगी।
दीपिका ने शुरू किया खुद का प्रोडक्शन
दीपिका चिखलिया ने हाल ही में इस शो का प्रोमो शेयर किया। इसमें एक्ट्रेस को एक नए रूप में देखा जा सकता है। एक पोर्टल से बातचीत के दौरान इस शो से जुड़ी कई चीजों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि ये शो उनके खुद के प्रोडक्शन हाउस का है। इसकी कहानी अयोध्या की है। उनके किरदार का नाम सुमित्रा है। शो कि कहानी नंदिनी नाम के किरदार के आसपास घूमती है, जो कि शगुन सेठ ने प्ले किया है।महिलाओं पर केंद्रित है कहानी
दीपिका ने बताया कि इस शो की कहानी महिलाओं पर केंद्रित है। शो में इनकी जेठानी है, लेकिन उसका पति नहीं। जेठानी की बहू का भी पति नहीं है। शो वुमन ओरएंटेड है।
कहां से आया प्रोडक्शन का आइडिया?
दीपिका ने बताया कि वह काफी टाइम से प्रोडक्शन शुरू करने के बारे में सोच रही थीं। उन्होंने कहा कि रामायण के बाद उनके पास जो आ रहा था, वह उन्हें पसंद नहीं आ रहा था। लगातार स्ट्रगल चल ही रहा था।दीपिका ने कहा कि मैं सोच रही थी कि कुछ अच्छा करूं। मैं गुजराती में छोटा खेड़ा करके एक शो करती थी, गुजराती कलर्स पर आती थी पांच साल पहले उसके प्रड्यूसर ने मुझे कहा था कि आप प्रड्यूस करना शुरू करो। तो आप ऐसा कुछ कर सकेंगी जो आपको अच्छा लगता है। कोई दे न दे, इसका वेट क्यों करना। अपने हिसाब से बनाइए। उन्होंने उन्होएक बीज मेरे दिमाग में डाल दिया था। लॉकडाउन के दौरन मेरे दिमाग में आया कि कुछ ऐसा शुरू करना चाहिए।