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बच्चों के बाद अब मम्मियों को जज करने जा रहे हैं रेमो डिसूजा, जानें 'डीआईडी सुपर मॉम्स' से जुड़ी खास बातें

बच्चों को तो जज कर लिया अब मम्मियों की बारी है। मैंने बच्चों के साथ देखा है कि मम्मियां भी बहुत अच्छा डांस करती हैं। ऐसी बहुत सी मम्मियां हैं जिन्होंने घरेलू समस्याओं या गृहस्थी की जिम्मेदारियों की वजह से डांस छोड़ दिया है।

By Priti KushwahaEdited By: Updated: Thu, 12 May 2022 04:23 PM (IST)
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Photo Credit : Remo D Souza Instagram Photos Screenshot
दीपेश पांडेय, मुंबई। बच्चों के डांस रियलिटी शो डीआईडी लिटिल मास्टर सीजन 5 में जज की भूमिका निभा रहे कोरियोग्राफर और निर्देशक रेमो डिसूजा अब डीआईडी सुपर मॉम्सके तीसरे सीजन में मम्मियों को जज करते नजर आएंगे। फिलहाल महिलाओं के इस डांस रियलिटी शो के विभिन्न शहरों में आडिशन चल रहे हैं। जल्द ही शो को जी टीवी पर प्रसारित किया जाएगा। रेमो से कई मुद्दों पर हुई बातचीत के अंश...

बच्चों को जज करते-करते मम्मियों को भी जज करने की जिम्मेदारी उठा ली?

(ठहाका लगाते हुए) बच्चों को तो जज कर लिया अब मम्मियों की बारी है। मैंने बच्चों के साथ देखा है कि मम्मियां भी बहुत अच्छा डांस करती हैं। ऐसी बहुत सी मम्मियां हैं, जिन्होंने घरेलू समस्याओं या गृहस्थी की जिम्मेदारियों की वजह से डांस छोड़ दिया है। डांस प्रेमियों के अंदर डांसर हमेशा जिंदा रहता है। मैं चाहता हूं कि हमारे मंच पर ऐसी प्रतिभाएं आएं और मैं उनको जज करूं। बच्चों को जज करने के मानक बिल्कुल अलग होते हैं, क्योंकि वे संवेदनशील होते हैं। उनको सीधे इन्कार नहीं किया जा सकता है। मम्मियां मजबूत होती हैं। उनको जज करते समय मैं थोड़ा सख्त रहूंगा। सख्त रहने पर ही असली प्रतिभा सामने निकलकर आएगी।

हमारे यहां अक्सर देखा जाता है कि घर चलाने के मामलों में महिलाओं को ही अपना काम और शौक छोडऩा पड़ता है?

ऐसी बहुत सारी महिलाएं हैं, जिन्होंने पति, बच्चों, परिवार या घर के लिए अपने सपनों और शौक को पीछे छोड़ दिया है। उनसे मेरा यही कहना है कि सपने पूरे करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है, सपने कभी भी पूरा किया जा सकते हैं। अपने सपनों को कभी अंदर दबा के मत रखें। अगर आपको मौका मिल रहा है तो फिर अपने सपनों को जीने में पीछे मत हटिए। ऐसी महिलाएं जिन्होंने कभी बड़े स्टेज पर डांस करने का सपना देखा था, उनके लिए ही हम यह शो लेकर आ रहे हैं।

आपके नजरिए में क्या चीजें प्रतिभागियों को चुने जाने की संभावनाएं बढ़ाती हैं?

डांस ही हमारा मुख्य मानदंड है। डांसिंग में आप क्या-क्या कर सकते हैं, आपके डांस का स्तर क्या है, इसमें आप क्या नया कर सकते हैं, इन्हीं चीजों पर हमारी विशेष नजर रहती है। आपकी कला जितनी यूनिक (अनोखी) होगी, उतना ही अच्छा होगा। वह लोगों को ज्यादा पसंद आती हैं। मैं तो चाहूंगा कि शो में ज्यादा से ज्यादा ऐसी मम्मियां आएं जो लोकनृत्यों, क्लासिकल डांस में यूनिक तरीके से परफार्म करें। हम ऐसे डांस फाम्र्स को आगे बढ़ाना चाहते हैं। इससे हमारे देश की संस्कृति और कला का विकास होगा।

आज की युवा पीढ़ी का रुझान वेस्टर्न डांस में ज्यादा है, इसका क्या कारण मानते हैं?

यह सच है कि हमारे युवाओं पर वेस्टर्न कल्चर थोड़ा सा हावी हो गया है, डांसिंग में तो कुछ ज्यादा ही। मैं अपनी भारतीय कला और संस्कृति को अव्वल नंबर पर मानता हूं, हमारी संस्कृति और नृत्य जैसी कला पूरी दुनिया में कहीं नहीं है। मेरी कोशिश हमेशा अपने क्लासिकल और लोकनृत्यों को प्राथमिकता देने और उन्हें आगे बढ़ाने की होती है। डांस के मामले में मुझे अब तक जितने भी अवार्ड मिले हैं, उनमें से ज्यादातर इंडियन कल्चर वाले डांस ही रहे हैं। फिर वह फिल्म बाजीराव मस्तानी का पिंगा... गाना हो या कलंक का घर मोरे परदेसिया... गाना हो। मेरी कोशिश है कि मुझे और भी ऐसे इंडियन गाने मिलें, जिनसे मैं अपनी भारतीय कला और संस्कृति को प्रमोट कर पाऊं। अपने क्लासिकल डांस को प्रमोट करने से युवाओं पर काफी प्रभाव पड़ेगा।

कई वर्षों तक प्रतिभागियों को जज करने के बाद अब इंडस्ट्री के लोगों को जज करने में कितने निपुण हो चुके हैं?

(हंसते हुए) काफी एक्सपर्ट हो चुका हूं और अब मैंने लोगों को जज करना ही छोड़ दिया है। आप उनको नहीं जज नहीं कर सकते हैं। हमारी छोटी सी इंडस्ट्री है तो हमें हर किसी के साथ काम करना होता है। लोगों में ये सब चीजें देखकर किसी से बैर रखना गलत होगा। सभी अच्छे हैं, अपनी-अपनी जगह पर सभी सही हैं। मेरा यही मंत्र है कि काम के वक्त आप अच्छी तरह से काम करें और आगे बढ़ जाएं। ऐसे में न आपको किसी को जज करने की जरूरत होगी, न कोई आपको जज करेगा।

अपने डांस से अपनी पत्नी लिजेल को कितना प्रभावित कर पाते हैं?

वो मुझसे बहुत कम इंप्रेस होती हैं। मेरे घर में मेरी सबसे बड़ी आलोचक वही हैं। मेरे कामों पर सबसे सख्त प्रतिक्रियाएं उन्हीं की होती हैं कि क्या ठीक था और क्या नहीं। यह मेरे लिए अच्छा भी है, क्योंकि इस वजह से मैं अपने काम पर और मेहनत करता हूं। मुझे पता है कि बाहर छोड़ो, घर में ही एक ऐसी आलोचक है, जो आपको गलत या सही ईमानदारी से बता देगी।