Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah की एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता को सुप्रीम कोर्ट से राहत, सभी FIR पर रोक
मुनमुन पर एक वीडियो में जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप है। हालांकि उन्होंने इस वीडियो पर माफ़ी मांगते हुए हटा दिया था। मुनमुन ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र गुजरात राजस्थान और मध्य प्रदेश में एफआईआर दर्ज करायी गयी थीं।
By Manoj VashisthEdited By: Updated: Sat, 19 Jun 2021 06:35 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। कॉमेडी धारावाहिक तारक मेहता का उल्टा चश्मा में बबीता जी का किरदार निभाकर लोकप्रिय हुईं एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उच्चतम न्यायालय ने मुनमुन के ख़िलाफ़ दायर सभी एफआईआर को स्टे कर दिया है।
मुनमुन पर एक वीडियो में जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप है। हालांकि, उन्होंने इस वीडियो पर माफ़ी मांगते हुए हटा दिया था। मुनमुन ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में एफआईआर दर्ज करायी गयी थीं। जस्टिस हेमंत गुप्ता और वी रामसुब्रमण्यम की बेंच ने कहा- आपने जो कहा वो एक समुदाय के अपमान करने की वजह बन सकता है। आप कहती हैं कि आप महिला हैं तो क्या महिलाओं के पास पुरुषों से अधिक अधिकार हैं या समान अधिकार हैं? मुनमुन के वकील पुनीत बाली ने कहा- अभिनेत्री ने अपनी भूल स्वीकार कर ली थी और दो घंटों के भीतर ट्विटर पोस्ट डिलीट कर दी थी। वकील ने सभी केस मुंबई ट्रांसफर करने की गुज़ारिश की थी।
क्या है मामलामुनमुन ने पिछले महीने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया था। उनके ख़िलाफ़ ट्विटर पर Arrest Munmun Dutta अभियान शुरू किया गया था, जिसके बाद मुनमुन ने सोशल मीडिया के ज़रिए माफ़ी भी मांग ली थी। मुनमुन ने लिखा था- यह एक वीडियो के संदर्भ में हैं, जिसे मैंने कल पोस्ट किया था। इसमें मेरे द्वारा इस्तेमाल किये गये एक शब्द का ग़लत अर्थ लगाया गया है। यह अपमान, धमकी या किसी की भावानओं को चोट पहुंचाने के इरादे से कभी नहीं किया गया था। मुनमुन ने आगे लिखा कि मेरी भाषा की सीमाओं के कारण, मुझे शब्द के अर्थ को लेकर सही जानकारी नहीं थी। एक बार जब मुझे इस शब्द के बारे में जानकारी दी गयी तो मैंने तुरंत उसे वहां से निकाल दिया।
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मुनमुन ने माफ़ी मांगते हुए लिखा- मैं हर जाति, पंथ और लिंग के व्यक्ति का सम्मान करती हूं और हमारे देश और समाज के निर्माण में उनके योगदान को स्वीकार करती हूं। इस शब्द के उपयोग से जिस किसी का भी दिल दुखा है, मैं उससे माफ़ी मांगती हूं और मुझे इसका वाकई अफ़सोस है। (With IANS Inputs)