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Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: 'टप्पू सेना' को भी सेट पर टॉर्चर किया गया! जेनिफर ने फिर किया बड़ा खुलासा

Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah रोशन यानी जेनिफर मिस्त्री ने एक बार फिर शो के मेकर्स पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बड़े एक्टर्स के साथ-साथ शो के सेट पर बच्चों को भी टॉर्चर किया जाता था।

By Ruchi VajpayeeEdited By: Ruchi VajpayeeUpdated: Fri, 09 Jun 2023 10:49 AM (IST)
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Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah Even the kids of Tappu Sena were tortured
नई दिल्ली, जेएनएन।Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: तारक मेहता का उल्टा चश्मा पिछले काफी समय से विवादों में है। टीवी का लोकप्रिय सिटकॉम तब से खबरों में बना हुआ है जब से शो में रोशन सोढ़ी की भूमिका निभाने वाली जेनिफर मिस्त्री बंसीवाल ने निर्माता असित कुमार मोदी और दो अन्य पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। जेनिफर की हिम्मत ने एक शो छोड़ चुकी मोनिका भदौरिया यानी बावरी को हिम्मत दी कि वह एक और खुलासे के लिए आगे आए।

जेनिफर ने फिर लगाया आरोप

अब लेटेस्ट इंटरव्यू में जेनिफर ने खुलासा किया है कि सिर्फ बड़े एक्टर्स ही नहीं बल्कि शो में बाल कलाकार टप्पू सेना को भी सेट पर प्रताड़ित किया गया था। टप्पू सेना में टप्पू (भव्य गांधी), पिंकू (झील मेहता), गोगी (समय शाह), गोली (कुश शाह) और पीकू (अजहर शेख) शामिल थे।

बच्चों को भी किया टॉर्चर?

जेनिफर मिस्त्री बंसीवाल ने खुलासा किया कि टप्पू सेना को सुबह परीक्षा देने के बावजूद रात में काम करने के लिए कहा जाता था। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे भी हुआ जब ये बच्चे सेट से सीधे परीक्षा हॉल गए हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि बच्चों को इन सबकी आदत पड़ चुकी थी और उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं होती थी।

सेट से परीक्षा देने जाती थी टप्पू सेन!

 बॉलीवुड बबल को दिए इंटरव्यू में जेनिफर मिस्त्री बंसीवाल ने कहा, “उनका मुद्दा क्या होता था मेन पढ़ाई का। कभी एडजस्ट किया जाता था, पर मुझे मालूम है कि कभी-कभी बच्चों को बहुत परेशान किया जाता था। परीक्षाओं के दौरान, जैसे हमारा नाइट शिफ्ट होती थी, तो बच्चे बेचारे नाइट शिफ्ट में, नाइट शूट भी कर रहे हैं, बैठक के बिचारे पढ़ रहे हैं और सुबह सात बजे उनके एग्जाम भी हैं। तो, उसके लिए कितने बार बेचारे बच्चे लोग डायरेक्ट सेट्स से परीक्षा देने गए हैं। बच्चों ने तो बहुत बलिदान किया है”

पहले भी लग चुके हैं आरोप

इससे पहले शो के डायरेक्टर रह चुके मालव राजदा ने कहा कि दिशा वकानी (दयाबेन) के इससे बाहर निकलने के बाद यह पुरुष-केंद्रित हो गया है। चाहे भिड़े हों या जेठालाल या पोपटलाल, महिला अभिनेताओं की तुलना में पुरुषों को अधिक स्क्रीन स्पेस दिया गया।