Dancing On The Grave Trailer: बीवी को किया जिंदा दफ्न, ताबूत के अंदर नाखूनों के निशान देख दहल गये थे दिल
Dancing On The Grave Trailer 1994 में इस केस का खुलासा हुआ था जब शाकरी खलीली का कंकाल उनके घर में ही एक बक्से में जमीन के नीचे बरामद किया गया था फिर जो जानकारी सामने आयी उसे सुनकर रूह कांप जाएगी।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Tue, 18 Apr 2023 03:01 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो ने अपनी पहली स्थानीय क्राइम डॉक्युमेंट्री की घोषणा की है, जिसका शीर्षक है 'डांसिंग ऑन द ग्रेव'। डॉक्युमेंट्री में नब्बे के दौर में हुई कत्ल की एक ऐसी सनसनीखेज वारदात को दिखाया जाएगा, जिसने पूरे देश को दहला दिया था। यह सिर्फ एक इंसान का कत्ल नहीं था, बल्कि भरोसे, प्यार और इंसानियत की बेरहम हत्या थी।
प्राइम वीडियो पर कब होगी स्ट्रीम?
'डांसिंग ऑन द ग्रेव' 21 अप्रैल को प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम की जा रही है। ट्रेलर मंगलवार को जारी कर दिया गया। डॉक्युमेंट्री बेंगलुरु के शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली शाकरे खलीली की गुमशुदगी और कत्ल की पड़ताल करती है। डॉक्युमेंट्री का निर्माण इंडिया टुडे ओरिजिनल्स ने किया है। इसका लेखन और निर्देशन पैट्रिक ग्राहम के साथ कनिष्क सिंह देव ने किया है।
क्या था शाकरे मर्डर केस?
1992 में शाकरे खलीली की दूसरी बेटी सबा ने बेंगलुरु के अशोक नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवायी थी कि उनकी मां का कई महीनों से कोई अता-पता नहीं है। शाकरे का पति श्रद्धानंद भी कोई सही जानकारी नहीं देता था। 1994 में कर्नाटक पुलिस ने शाकरे के अपने घर में दफ्न कंकाल बरामद किया। श्रद्धानंद ने कत्ल करने की बात कबूली और फिर पूछताछ में दहलाने वाली जानकारियां सामने आयीं।
Photo- screenshot/youtube trailerशाकरे का कत्ल 28 अप्रैल 1991 को हो गया था। मारने से पहले उन्हें नशा दिया गया था। इसके बाद उन्हें गद्दे में लपेटकर ताबूत जैसे बक्से में बंद कर दिया गया था। फिर इस बॉक्स को दफना दिया गया। जब शाकरे का कंकाल बाहर निकाला गया और गद्दा हटाया गया तो क्रूरता के बारे में सोचकर लोगों की रूह कांप गयी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाकरे का एक हाथ गद्दे को कसकर पकड़े हुए था। ट्रेलर में शम्स ताहिर खान बताते हैं कि ताबूत के अंदर नाखून के हजारों निशान थे, जिससे पता चलता है कि दफनाते वक्त वो जिंदा थीं। इस बारे में निर्देशक पैट्रिक कहते हैं कि एक दुखद कहानी को बाहर लाने और तथ्य जुटाने के लिए हमने गहरी रिसर्च की है।उम्मीद है कि डॉक्यु-सीरीज से दर्शकों को अंदर की जानकारी मिलेगी। कत्ल इतनी सफाई से किया गया था कि कोई सबूत नहीं मिला। श्रद्धानंद ने तीन साल तक सच्चाई बाहर नहीं आने दी।