डिप्रेशन में बीते 'पंचायत 3' के 'बनराकस' के दिन, इस कारण से एडल्ट फिल्मों में करना पड़ गया था काम
ओटीटी पर इन दिनों पंचायत सीरीज की धूम मची है। इस शो का तीसरा सीजन रिलीज हो चुका है। पंचायत सीरीज का हर कलाकार फेमस है। सचिव जी का रोल प्ले करने वाले जितेंद्र कुमार हों या फिर बनराकस बने दुर्गेश कुमार जिनकी स्ट्रगल स्टोरी कुछ कम इंट्रेस्टिंग नहीं है। बनराकस उर्फ दुर्गेश कुमार की इस सीरीज ने किस्मत बदल कर रख दी।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम पर गदर काटने वाली सीरीज 'पंचायत 3' का हर एक किरदार फेमस है। इस शो की खास बात है कि छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा कैरेक्टर भी लोगों के दिलों को छू रहा है। 'सचिव जी' और 'प्रधान जी' के अलावा पंचायत सीरीज के कई और कैरेक्टर्स हैं, जिन्होंने अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीत लिया है। इनमें से ही एक हैं दुर्गेश कुमार।
पंचायत सीरीज से फैंस के फेवरेट बने 'बनराकस'
पंचायत वेब सीरीज में भूषण के किरदार को कई तरह से दिखाया गया है। गांव की राजनीति में 'बनराकस' यानी कि दुर्गेश कुमार की भी अहम भूमिका रही है। पहले सीजन में दुर्गेश का किरदार काफी छोटा था। दूसरे सीजन में वह इस सीरीज की जान बन गए और तीसरे सीजन में वह पहले से भी ज्यादा एंटरटेन कर रहे हैं। दुर्गेश का 'भूषण' किरदार लोगों के दिलों में उतर गया है।
दुर्गेश कुमार 'पंचायत' सीरीज में अब तक जितने पसंद किए गए और अब भी किए जा रहे हैं, उससे उनकी पॉपुलैरिटी बढ़ती जा रही है। लेकिन दुर्गेश कुमार के लिए यहां तक का सफर काफी मुश्किलों भरा रहा।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद ज्वाइन कर लिया थिएटर
बिहार के दरभंगा के रहने वाले दुर्गेश कुमार की शुरुआती पढ़ाई भी यहीं से हुई। पिता की चाह पर उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन दुर्गेश के दिल में बसी को एक्टिंग ही थी। दुर्गेश के बड़े भाई डॉ. शिवशक्ति चौधरी यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली आए थे। यहां आने के बाद उन्होंने अपनी ग्रोथ के लिए थिएटर ज्वाइन किया।पहला नाटक किया 'ताजमहल का टेंडर'
50 दिन तक थिएटर में एक्टिंग सीखने के बाद दुर्गेश ने पहला नाटक 'ताजमहल का टेंडर' किया। इसमें उन्होंने चपरासी का रोल किया था। इसके बाद दुर्गेश ने एक्टिंग में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। दुर्गेश ने श्रीराम सेंटर ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स एंड कल्चर से दो साल का डिप्लोमा किया। उन्होंने NSD में भी एक्टिंग का गुर सीखा, जिसका उन्हें फायदा हुआ।