जिम में बॉडी बनाते हुए आया एंटरटेनमेंट का ध्यान, क्या आपको पता है Neflix का इतिहास?
कोरोना काल में जब सिनेमाघरों पर ताला लगा था उस समय ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने लोगों को बहुत मनोरंजन दिया। साल दर साल ओटीटी प्लेटफॉर्म की डिमांड बढ़ती ही जा रही है। जिस ओटीटी प्लेटफॉर्म ने कोरोना काल में सबसे ज्यादा पकड़ बनाई वो है Netflix जो न सिर्फ सबसे महंगा ओटीटी प्लेटफॉर्म है लेकिन इसे शुरू करने के पीछे भी एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। पहले लोगों के लिए मनोरंजन काफी सीमित था। वह केवल थिएटर में जाकर ही किसी नई फिल्म का आनंद ले सकते थे। पॉकेट ढीली करने के बाद भी उन्हें वह फिल्म पसंद आएगी या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं थी। हालांकि, साल 2020 में समय बदला। कोरोना काल आया और सब लोग एक साल से ज्यादा अपने घरों में बंद रहे।
कोविड-19 की वजह से सिनेमाघरों में भी ताले लग गए। लोगों के लिए मनोरंजन के नाम पर सिर्फ टीवी रह गया था। इसी दौरान स्पीड पकड़ी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने। नेटफ्लिक्स(Netflix), अमेजन प्राइम, डिज्नी प्लस हॉटस्टार सहित कई ओटीटी प्लेटफॉर्म्स अलग-अलग कंटेंट देने की वजह से इतनी तेजी से ऊपर आए कि बड़े-बड़े निर्माताओं ने थिएटर पर निर्भर होना बंद कर दिया और ओटीटी पर ही वह फिल्में और सीरीज रिलीज करने लगे।
कोरोना काल में जो सबसे तेजी से बढ़ा, वो था नेटफ्लिक्स, जिसे आज के समय में सबसे महंगा ओटीटी प्लेटफॉर्म माना जाता है। जुलाई 2024 तक महज सिर्फ इंडिया में ही इसके 12 मिलियन पेड सब्सक्राइबर्स थे, लेकिन इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत कैसे हुई, किसके दिमाग में आया नेटफ्लिक्स स्टार्ट करने का आइडिया, चलिए जानते हैं इसका दिलचस्प इतिहास।
कैसेट की लेट फीस के लिए भरे थे 40 डॉलर
नेटफ्लिक्स को शुरू हुए 26 साल से ज्यादा का समय हो चुका है। सबसे पहले मनोरंजन प्लेटफॉर्म को स्टार्ट करने का आइडिया रीड हेस्टिंग्स नामक शख्स को आया था। दरअसल इंडिया की तरह ही 90 के दौर में विदेशो में भी कैसेट का चलन था। अगर कोई भी मूवी देखनी हो, तो रेंट पर लोगों को कैसेट खरीदनी पड़ती थी, लेकिन अगर वह फिल्म की कैसेट लौटाने में एक भी दिन लेट हो जाए, तो उस रेंट के साथ-साथ एक्स्ट्रा भुगतान भी करना पड़ता था।
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ऐसा ही कुछ हुआ था 1997 में रीड हेस्टिंग्स के साथ भी, एक दिन वह 1995 में रिलीज फिल्म 'अपोलो' की कैसेट रेंट पर लेकर आए, लेकिन समय से ना लौटा पाने के कारण उन्हें रेंट के साथ लेट फीस के नाम पर मोटी रकम भी देनी पड़ी। उन्होंने लेट फीस के रूप में 40 मिलियन डॉलर दिए थे, यानी कि इंडिया के 4 करोड़ रुपए। इस बात से वह इतने ज्यादा आहत हुए थे कि उनके दिन-रात का चैन खो गया था।
जिम के रेवेन्यू मॉडल को देखकर आया Netflix का आइडिया
इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक दिन जब अमेरिकन बिजनेसमैन जिम में पसीना बहा रहे थे, तो उनके दिमाग में वहीं सब बातें घूम रही थी। हालांकि, जिम के रेवेन्यू मॉडल को देखते हुए काफी प्रभावित हुए और वहीं से आया नेटफ्लिक्स डीवीडी स्टार्ट करने का आइडिया।
दरअसल रीड हेस्टिंग ने सोचा कि जब जिम में एक बार में पैसा देकर महीने भर एक्सरसाइज की जा सकती है, तो फिर एक बार में ही महीने भर का पैसा देकर लोग पूरे महीने कैसेट लेकर मनोरंजन का लाभ क्यों नहीं उठा सकते। हालांकि, 1997 तक कैसेट का क्रेज थोड़ा कम हो गया था और मार्केट में डीवीडी का चलन शुरू हो गया था।
रीड के इस आइडिया से ही 1997 में नेटफ्लिक्स की शुरुआत हुई। उन्होंने अपने दोस्त मार्क रैंडोल्फ के साथ ये आइडिया शेयर किया, उन्हें भी रीड का ये आइडिया काफी पसंद आया।
नेटफ्लिक्स शुरू करने से पहले खड़ी हुई थी ये मुसीबत
हालांकि, ओटीटी प्लेटफॉर्म स्टार्ट करना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था, क्योंकि उस समय पर डीवीडी की कीमत आसमान छू रही थी। दोनों ने मिलकर इसका भी रास्ता निकाला और 30 कर्मचारियों के साथ उन्होंने नेटफ्लिक्स डीवीडी को ऑनलाइन बेचना शुरू कर दिया। लोग घर बैठे-बैठे ही कंपनी में फोन मिलाते और उनके पास उनकी पसंदीदा फिल्मों की डीवीडी पहुंच जाती। धीरे-धीरे नेटफ्लिक्स ने अमेरिका में अपनी पकड़ मजबूत बना ली। नेटफ्लिक्स की लोकप्रियता को देखते हुए उन्होंने अपना बिजनेस भी बढ़ाया और ऑनलाइन मोबाइल के साथ ही उन्होंने नेटफ्लिक्स.कॉम के नाम से वेबसाइट भी शुरू कर दी।
उन्होंने अपनी ऑनलाइन डीवीडी सर्विस में सब्सक्रिप्शन भी डाल दिया, ताकि लोग एक महीने का पैसा भरकर भरपूर मनोरंजन ले। साल 2005 तक नेटफ्लिक्स के पास टोटल 42 लाख के आसपास सब्सक्राइबर थे, जिसके बाद उन्होंने 2007 में इस प्लेटफॉर्म को एक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म में बदल दिया, जहां लोग न सिर्फ फिल्में बल्कि जो चाहे वह देख सकें।
नेटफ्लिक्स के पूरी दुनिया में हैं कितने सब्सक्राइबर
रेड होस्टिंग और मार्क रैंडोल्फ ने एक साथ मिलकर शुरू की इस कंपनी को काफी ऊंचे मुकाम तक पहुंचाया। आज के समय में विश्व भर में नेटफ्लिक्स पर टोटल 227 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। जिसमें 12 मिलियन से ज्यादा इंडिया में हैं। स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर फिल्मों से लेकर वेब सीरीज, डोक्युमेंट्री सहित अलग-अलग चीजें उपलब्ध हैं और ये प्लेटफॉर्म हर हफ्ते दर्शकों के लिए कुछ नया लेकर आता है।