Ghuspaithiya Review: काम ना आया फर्जी बाथरूम वीडियो का दांव, थिएटर में घुसने से पहले सोच लें
निर्देशक सुसी गणेशन की फिल्म घुसपैठिया (Ghuspaithiya Review) से आज से सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। इस फिल्म में उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) विनीत कुमार सिंह और अक्षय ओबरॉय जैसी कलाकार मुख्य भूमिका में मौजूद हैं। फिल्म की कहानी इंटरनेट के मायाजाल को दर्शाती है जिसका असर एक कपल की जिंदगी में कैसे पड़ता है। उसे जानने के लिए घुसपैठिया का रिव्यू पढे़ं।
प्रियंका सिंह, मुंबई डेस्क। कुछ ऐसी फिल्में होती हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि इंटरवल कब होगा, फिल्म कब खत्म होगी या इसे बनाया ही क्यों गया। ऐसे ही सवाल घुसपैठिया (Ghuspaithiya Review) फिल्म देखते हुए आए हैं।
इस फिल्म का टीजर आया था, तो विषय को लेकर एक दिलचस्पी जागी थी। खैर, साल 2019 से अटकी पड़ी ये फिल्म अब जाकर रिलीज हुई है, तो जाहिर सी बात है, तेजी से विकसित होती तकनीक और फिल्मों के नए विषयों के आगे पुरानी लगती है।
फिल्म की कहानी का सार
कहानी है उत्तर प्रदेश के पुलिस अफसर रवि राणा (विनीत कुमार सिंह) की, जिसे उसका सीनियर आदेश देता है कि वह पुलिस डिपार्टमेंट के कुछ भ्रष्ट सीनियर्स की फोन काल्स रिकार्ड करे। इस बीच एक फोन काल में उसे अपनी पत्नी आभा (उर्वशी रौतेला) की आवाज सुनाई देती है। कई लड़कियों को इंटरनेट मीडिया के जरिए अपने झांसे में फंसा चुका अंशुमन (अक्षय ओबेराय) आभा को ब्लैकमेल कर रहा होता है। रवि की खूबसूरत दुनिया में भूचाल आ जाता है।ये भी पढ़ें- Review: फिर क्यों आई हसीन दिलरुबा? फिल्म देखने से पहले फौरन पढ़ लें रिव्यू
इंटरनेट का मायाजाल
तेजी से लोगों की जिंदगी में घुसा इंटरनेट मीडिया, कैसे निजी जिंदगी में उथल-पुथल ला सकता है, कैसे किसी अनजान से दोस्ती खतरनाक हो सकती है, इसे फिल्म में उठाया गया है। विषय अहम जरूर है, लेकिन नया नहीं है। पिछले दिनों खो गए हम कहां, एलएसडी 2 समेत कई फिल्में इसके आसपास बनी हैं और आगे भी बन रही हैं। फिल्म का शीर्षक और टीजर भले ही रचनात्मक हो, लेकिन फिल्म कमाल की नहीं।
स्क्रीनप्ले पूरी तरह से बिखरा हुआ है। क्लाइमेक्स में अंशुमन की याददाश्त को मिटाने वाला तरीका बेहद बचकाना है। मणि रत्नम जैसे दिग्गज फिल्मकार को असिस्ट कर चुके और बड़े कलाकारों के साथ कई तमिल फिल्मों का निर्देशन कर चुके सुसी गणेशन से इतनी कमजोर फिल्म की उम्मीद नहीं थी।