मुश्किल में आमिर खान के बेटे जुनैद का बॉलीवुड डेब्यू, 'महाराज' की रिलीज पर बढ़ा रोक का समय, जानें क्या है विवाद
आमिर खान (Aamir Khan) बॉलीवुड का जाना माना नाम हैं। इस लाइन में उन्हें 25 साल से ज्यादा हो गए हैं। इतने वर्षों में उन्होंने अपनी हर फिल्म से न सिर्फ लोगों को एंटरटेन किया है बल्कि उन्हें एक संदेश भी देने का प्रयास किया है। इस खान परिवार से कई लोगों ने फिल्म लाइन में अपनी सेवाएं दी हैं। अब आमिर खान के बेटे जुनैद डेब्यू करने वाले हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। ऐसी कई फिल्में हैं, जो रिलीज से पहले किसी न किसी कंट्रोवर्सी का शिकार हुई हों। बॉलीवुड में फिल्मों का विवादों में घिरना आम बात है। इन दिनों आमिर खान के बेटे जुनैद की डेब्यू फिल्म 'महाराज' को लेकर चर्चा है। ये मूवी रिलीज से पहले विवादों से घिर गई है। फिल्म में साधुओं को नकारात्मक तरीके से दिखाने पर आपत्ति जताई गई है।
महाराज फिल्म को लेकर है विरोध
जुनैद खान के साथ ही जाने माने एक्टर जयदीप अहलावत भी 'महाराज' फिल्म का हिस्सा होंगे। इस मूवी को लेकर काफी विरोध है। ये मूवी 1862 के मानहानि मामले की कहानी पर आधारित है। जुनैद उस रिपोर्टर के रोल में हैं, जो समाज में सुधार लेकर आता है। जुनैद का रोल फिल्म में करसनदास मुलजी का हैं। मुलजी वह थे, जिन्होंने महिलाओं के हक के लिए आवाज उठाई थी। इस मूवी के विरोध की एक वजह और है और वह है पोस्टर।
महाराज फिल्म के पोस्टर में जुनैद के माथे पर टीका लगा नहीं दिख रहा है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि करसनदास मुलजी टीका लगाया करते थे। फिल्म की स्ट्रीमिंग को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। केस की सुनवाई 19 जून तक जारी रहने का आदेश जारी किया गया है।
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वैष्णव सम्प्रदाय के अनुयायियों को इस फिल्म में दिखाए गए कुछ दृश्यों और संवादों से समस्या है। उन्होंने मांग की है कि फिल्म को रिलीज करने से पहले या तो उन सीन्स को हटा दिया जाए। अगर ऐसा न हो, तो फिल्म को रिलीज होने ही न दिया जाए। वैष्णव परम्परा से ताल्लुक रखने वाले राजीव लोचन महराज का कहना है कि नेटफ्लिक्स, यशराज फिल्म्स और आमिर खान की इस मूवी को लेकर नीयत सही नहीं लग रही। अगर इन्हें ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर फिल्म बनाना ही है, तो देश के विभाजन पर ही एक फिल्म क्यों नहीं बना दी। हलाला और एक से अधिक विवाह पर ही फिल्म क्यों नहीं बनाते?
उनका कहना है कि महराज फिल्म बिना किसी अचानक से नेटफ्लिक्स पर रिलीज करने की तैयारी की गई। सदियों पहले मुगल शासकों ने हिंदू धर्म पर प्रहार किया और अब उनके अनुयायी भी उसी नक्शे कदम पर चल रहे हैं। अंग्रेजों ने भी हमें अपने तरीके से नीचा दिखाने और अपमानित करने के हजारों प्रयास किए। फिर भी हिंदुओं ने उनके ऊपर विजय पताका फहराते हुए देश को उनके चंगुल से आजाद कराया। अब एक बार फिर साइलेंट तरीके से ऐसी फिल्म बनाकर हमारी संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।