इन कारणों के चलते आपको जरूर देखनी चाहिए IC-814 द कंधार हाइजैक' सीरीज
अनुभव सिन्हा की हालिया रिलीज हुई नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज आईसी-814 द कंधार हाइजैक को लेकर इस वक्त काफी चर्चा है। विजय वर्मा-पत्रलेखा और नसीरुद्दीन शाह स्टारर इस वेब सीरीज में कंधार हाइजैक की घटना की सच्ची घटना को दिखाया गया है। 29 अगस्त को रिलीज हुई IC814 अगर आपने अब तक नहीं देखी है तो हम आपको वो कारण बता रहे हैं जिसकी वजह से आपको ये देखनी चाहिए।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। अगस्त में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई विजय वर्मा और पत्रलेखा स्टारर वेब सीरीज ने उन सभी लोगों के जख्मों को ताजा कर दिया है, जो उस घटना के साक्षी थे। तुम बिन, 'भीड़' और 'थप्पड़' जैसी चर्चित फिल्में बनाने वाले निर्देशक अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) अपनी वेब सीरीज 'आईसी-814: द कंधार हाइजैक के साथ ओटीटी पर आ गए हैं।
हालांकि नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हुई इस वेब सीरीज के साथ ही कई विवाद भी खड़े हो गए हैं। सीरीज में दिखाए गए आतंकवादियों का नाम बदलने और उन्हें हिन्दू नाम 'भोला' और 'शंकर' कहने की वजह से लोगों में नाराजगी है। आइए जानते हैं किन कारणों के चलते आपको यह सीरीज देखनी चाहिए:
कंधार हाइजैक
24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण करके उसे अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था। इस विषय पर कई फिल्में बन चुकी हैं। हालांकि किसी भी फिल्म में इंडियन एयरलाइंस, कंधार और मौलाना मसूद अजहर का नाम नहीं लिया गया था।
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अनुभव सिन्हा ने आईसी-814 में प्लेन हाइजैक से लेकर अपहरण के सात दिनों तक विमान में सवार यात्रियों द्वारा झेली गई तकलीफ और त्रासदी को बखूबी दिखाया है।
आईसी-814 के किरदार
जब कोई फिक्शन मूवी या असली कहानी अथवा घटना पर फिल्म बनाई जाती है तो उसमें कुछ ही किरदारों पर फोकस किया जाता है। लेकिन अनुभव सिन्हा ने इस बात का खास ध्यान रखा है कि हाइजैक के दौरान जितने भी पायलट और एयर होस्टेस प्लेन में मौजूद थे, उन सबकी कहानी को वह दुनिया तक पहुंचाया जाए। विजय वर्मा द्वारा निभाए गए शरण देव के किरदार से लेकर पत्रलेखा के 'इंद्राणी' और दीया मिर्जा के 'शालिनी चंद्रा' छाया और विजय भवन सिंह, इस सीरीज का हर किरदार आपको असलियत के नजदीक लेकर जाता है।
पत्रकारिता
आईसी-814 में सिर्फ कंधार हाइजैक की घटना को ही हाइलाइट नहीं किया गया, बल्कि पत्रकारिता के मापदंडों के बारे में भी बताया गया है। नंदिनी नाम की रिपोर्टर की खबरों को उसकी संपादक शालिनी क्यों नहीं छापती है। उसके पीछे क्या कारण बताए जाते हैं। यह सब इस वेबसीरीज में दिखाया गया है।
स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन
आईसी-814 का स्क्रीन प्ले त्रिशांत श्रीवास्तव ने लिखा है। इस वेब सीरीज में रियलिटी पर आधारित कहानी को यूं ही नहीं परोसा गया है। कहानी में दम भरने और सच्चाई से जोड़ने के लिए 1999 में भारत सरकार के मंत्रियों, एनएसए और अधिकारियों के बयानों के वीडियो फुटेज भी दिखाए गए हैं।
विमान अपहरण के दौरान के कई असली फुटेज भी इस्तेमाल किए गए हैं। केवल छह एपिसोड की इस वेब सीरीज को इस तरह से बनाया गया है, जिससे कि आप अंतिम एपिसोड तक इसे देखते रहेंगे।
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