Rocket Boys 2 Review: मुश्किल हालात में हुआ था देश का पहला परमाणु टेस्ट, दो जिद्दी साइंटिस्ट की बेमिसाल कहानी
Rocket Boys Season 2 Review रॉकेट बॉयज 2 इस बात का एक अच्छा उदाहरण है कि कैसे बेकार की नौटंकी और अश्लीलता को न जोड़कर भी एक प्रभावशाली वेब सीरीज बनाई सकती है। जो आपको मोटीवेट और एंटरटेन करें। यहां पढ़ें रॉकेट ब्वॉज 2 का पूरा रिव्यू...
By Ruchi VajpayeeEdited By: Ruchi VajpayeeUpdated: Thu, 16 Mar 2023 06:31 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Rocket Boys Season 2 Review: रॉकेट ब्वॉज 2 की शुरुआत वहीं से होती है जहां पहला सीजन खत्म हुआ था। दोनों रॉकेट ब्वॉयज अब अपने-अपने प्रोजेक्ट पर अलग से काम कर रहे हैं। होमी भाभा, परमाणु बम बनाने में व्यस्त हैं और विक्रम साराभाई, शिक्षा और शांति के क्षेत्र में काम करने में जुटे गए हैं। देश की राजनीतिक परिस्थितियां बदल चुकी हैं क्योंकि क्योंकि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद अब उनकी बेटी इंदिरा गांधी के साथ सत्ता परिवर्तन हुआ है।
कहानी
नया सीजन, 60 के दशक के शुरुआत से लेकर 70 के दशक के मध्य तक डेढ़ दशक का है। यह वह समय है जब भारत के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू का निधन हुआ था और अगले पीएम लाल बहादुर शास्त्री को ताशकंद में संदिग्ध रूप से मृत पाया गया था। इंदिरा गांधी को कुर्सी संभालनी थी। पहली महिला प्रधानमंत्री को अपनी ताकत साबित करनी है और उनके मजबूत कंधों पर उनकी विरासत का बोझ भी है। राष्ट्र अभी भी निर्माण की तरफ है और हर कदम पर अब अन्य शक्तिशाली देशों द्वारा नजर रखी जा रही है।
डायरेक्शन
डायरेक्ट अभय पन्नू और कौसर मुनीर के लेखन और संवाद में काफी गहराई है। मुख्य पात्रों के व्यक्तिगत जीवन को भी ठीक से दिखाया गया है। इसके पात्र भी आम इंसान की तरह ही हैं, उन्हें लार्जर दैन लाइफ ना दिखाकर उनकी पीड़ा, शिकायतों और कमियों को ठीक से उजागर किया गया है।