Interview: 'द एम्पायर' के शैबानी ख़ान पर बन सकती है स्पिन ऑफ वेब सीरीज़, डीनो मोरिया ने किया खुलासा
डीनो ने जागरण डॉटकॉम के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में खुलासा किया कि इस किरदार को एक अलग वेब सीरीज़ के तौर पर डेवलप किया जा सकता है। मेकर्स इस पर विचार कर रहे हैं। पढ़िए डीनो के साथ पूरी बातचीत...
By Manoj VashisthEdited By: Updated: Wed, 15 Sep 2021 02:22 PM (IST)
मनोज वशिष्ठ, नई दिल्ली। डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर 27 अगस्त को हिस्टोरिकल फिक्शन वेब सीरीज़ द एमम्पायर रिलीज़ हुई। भारत में मुग़ल साम्राज्य की बुनियाद रखने वाले बादशाह बाबर की इस बायोपिक सीरीज़ में जिस किरदार की चर्चा सबसे अधिक हुई, वो शैबानी ख़ान है। सीरीज़ में नकारात्मक होने के बावजूद शैबानी ख़ान का कैरेक्टर ग्राफ ज़बरदस्त है और इसके निभाने के लिए डीनो मोरिया को भी ख़ूब तारीफ़ मिली।
डीनो ने नेगेटिव किरदार पहले भी निभाये हैं, मगर हिस्टोरिकल वेब सीरीज़ में ऐसा किरदार उन्होंने पहली बार किया और डीनो का यह प्रयोग सफल रहा। डीनो ने जागरण डॉटकॉम के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में खुलासा किया कि इस किरदार को एक अलग वेब सीरीज़ के तौर पर डेवलप किया जा सकता है। मेकर्स इस पर विचार कर रहे हैं। पेश है, डीनो के साथ बातचीत-द एम्पायर शैबानी ख़ान के किरदार को चुनने के पीछे क्या वजह रही?
जब मुझे यह स्क्रिप्ट ऑफ़र हुई थी तो मैंने तुरंत फ़ैसला लिया कि मुझे यह शो करना है, क्योंकि जब भी कोई एंटायगोनिस्ट (प्रतिनायक) कैरेक्टर निभाते हैं, तो मुझे लगता है कि उसमें एक्टिंग का बहुत स्कोप मिल जाता है। तभी मैंने सोचा कि यह करना ज़रूरी है, क्योंकि बतौर कलाकर लोग मुझे बिल्कुल अलग किरदार में देखेंगे और शायद लोगों को पसंद आये। मिताक्षरा जी ने इस किरदार के बारे में विस्तार से बताया कि हम कैसे शूट करेंगे, क्या कॉस्ट्यूम रहेंगे, तभी एक विज़न आया कि कहीं ना कहीं एक बहुत बड़े स्केल पर यह लोग शूट करेंगे।
जब आपने इस किरदार को चुना तो कहीं ऐसा लगा था कि इसे इतना प्यार मिलेगा?
सच कहूं तो उम्मीद नहीं की थी कि इतना अच्छा फीडबैक आएगा। लोग कह रहे हैं कि यह मेरा कमबैक है, दूसरी पारी है। ऐसे सवाल पूछे जा रहे हैं कि इतने सालों से कहां ग़ायब थे? 'राज़' आयी, एक और 'अक्सर' आयी। फिर चार-पांच साल के लिए ग़ायब हो गये। अब जो फीडबैक मिल रहा है, उससे मैं यह मानता हूं कि मेहनत करेंगे और पेशेंस रखेंगे। बीच में मुझे मीडियोकर काम पेश किया गया था, जिसे करने से मैंने इनकार कर दिया था... तो उसी का फल है, जो अब दिख रहा है।
शैबानी ख़ान के किरदार से निकलना बतौर एक्टर कितना मुश्किल रहा?मैं एक एक्टर हूं। एक किरदार ख़त्म होता है तो मैं दूसरे के बारे में सोचता हूं। शैबानी ख़ान के साथ मैं दो साल रहा। अभी भी मैं गेटअप में ही हूं। मेरी दाढ़ी है। बाल लम्बे हैं। कुछ बातें रह जाती हैं, उसका हैंगओवर कुछ दिनों या कुछ हफ़्तों के लिए रह जाता है। जिस तरह आप चलते हो, बात करते हो, बिहेव करते हो। हम सोचते हैं कि हम कैरेक्टर के अंदर घुस जाते हैं, लेकिन उलटा होता है, कैरेक्टर हमारे अंदर घुस जाता है। मेरे लिए वो स्विच ऑफ़ करना आसान होता है, क्योंकि मैं मानता हूं कि मैं एक एक्टर हूं। मैं आया, मैंने एक्ट किया और मुझे घर जाना है। शैबानी ख़ान को वैन में या सेट पर छोड़कर घर जाना है। (डीनो मोरिया। फोटो- पीआर)ख़ानज़ादा जिस तरह शैबानी ख़ान से अलग होती है, वो काफ़ी शॉकिंग था। क्या इसे बदला जा सकता था? जब पहली बार मैंने कहानी सुनी, तभी लगा कि 5-6 एपिसोड में ख़त्म हो जाएगा, मगर अब देखने के बाद लगता है कि एक एपिसोड के लिए और रहता तो मज़ा आता, लेकिन यह सब तो देखने के बाद ही पता चलता है। शूट करते वक़्त एहसास नहीं हुआ। जैसा किताब में लिखा है, इसे वैसे ही बनाया गया है। ख़ानज़ादा जब उसे धोखा देती है, उसकी लाइन भी बहुत प्यारी है। वो कहते हैं कि हमारी मोहब्बत की मिसाल याद रखिएगा। आपकी बेवफ़ाई से भी वफ़ा की है। कुछ लोग कह रहे हैं कि पांचवां एपिसोड हमने चार बार देखा, कुछ कह रहे हैं कि पांचवें एपिसोड के बाद हमने बंद कर दिया। इस किरदार को इतनी लोकप्रियता मिली तो क्या इस पर कोई स्पिन ऑफ वेब सीरीज़ की प्लानिंग है?मेरी बात हुई ऐमी एंटरटेनमेंट (निर्माता कम्पनी) से, तो वो शायद (लम्बा खींचते हुए) एक नया शो बनाएं शैबानी ख़ान को लेकर, क्योंकि इस किरदार को इतना प्यार मिल रहा है। शैबानी ख़ान की ज़िंदगी के बारे में बता सकते हैं। उसके जो बदशाह बनने की कहानी, लाइफ एक्सपीरिएंसेज काफ़ी इंटरेस्टिंग हैं। बहुत ही दिलचस्प व्यक्तित्व है। हम वही सोच रहे थे कि क्या शैबानी ख़ान पर एक अलग शो बना सकते हैं। जब किरदार इतना अच्छा है तो शैबानी ख़ान के बारे में हम क्यों नहीं सोच सकते कि शो बनाएं। द एम्पायर करने से पहले क्या आपने शैबानी ख़ान का नाम सुना था?हम इतिहास में नेगेटिव कैरेक्टर पढ़ते ही नहीं हैं। स्कूल-कॉलेजों में जो इतिहास पढ़ाया जाता है, वो सिर्फ़ बादशाहों के बारे में है। वो चाहे मुग़ल हों या शिवाजी महाराज हों या उससे पहले लोदी के बारे में या तुगलक के समय में... सिर्फ़ बादशाहों के बारे में सुनते थे, सिर्फ़ उनकी कहानी सुनते थे। हम अगर डिटेल में जाएंगे, तो कहानी के ज़रिए हमें पता चलता है कि ऐसे किरदारों (शैबानी ख़ान) को स्कूल टेक्स्ट बुक में ज़्यादा नहीं पढ़़ाते। शैबानी ख़ान के बारे में बिल्कुल पता नहीं था। बाबर के बारे में सुना था। जब उन्होंने बताया कि 'रेडर्स ऑफ़ द नोर्थ' किताब पर आधारित है तो किताब के कुछ सेक्शंस मैंने पढ़े। सिर्फ़ शैबानी ख़ान की जो कहानी है, उसके बारे में मैंने पढ़ा। उसी से पता चला कि शैबानी ख़ान ऐसा आदमी था, जिसने बाबर को काफ़ी टक्कर दी। उसे काफ़ी परेशान किया। यह शो ऑफ़र होने के बाद ही मुझे पता चला कि शैबानी ख़ान वास्तव में कोई था।
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हिंदी सिनेमा की दिग्गज अदाकारा शबाना आज़मी के साथ आपके कुछ बेहतरीन सीन हैं। उनके सामने अभिनय करना कितना मुश्किल था?मैं हमेशा तैयार होकर सेट पर जाता था। मुझे याद है, जब हम पहली बार सेट पर सीन कर रहे थे। काफ़ी लोग मौजूद थे। मैं रिहर्स कर रहा था। प्रिपरेशन कर रहा था। मेरा यह सीन था कि मैं क्राउड को भाषण दे रहा हूं। मैडम आयीं और वहां खड़ी हो गयीं। वो एक्टिंग की लीजेंड हैं। सामने आयीं तो थोड़ा नहीं बहुत नर्वस हो गया। फिर मैंने ख़ुद से कहा कि आंखों से आंखें नहीं मिलाता हूं, क्योंकि मुझे सीन करना है अभी। सीन करने के बाद मैं जाकर हाय बोलूंगा। फिर शॉट देने के बाद मैं शबाना जी के पास गया, कहा- मैडम थैंक यू सो मच। नाइस टू मीट यू। यह और वो। शबाना जी को देखकर लगता है कि काफ़ी सख़्त हैं, मगर बात करने के बाद लगता है कि वो बहुत प्यारी हैं। वो आपको बेहद कम्फर्टेबल बना देती हैं, वो कहते हैं ना अंग्रेज़ी में ब्रेक द आइस। उनसे बात करने के बाद कम्फर्टेबल हो गया। मैं उन्हें देखता रहता था कि वो किस तरह सीन करती थीं, क्योंकि सीखने को कुछ मिलेगा। (डीनो मोरिया। फोटो- पीआर)आप निर्माता भी बन चुके हैं। आगे किस तरह के प्रोजेक्ट्स लेकर आ रहे हैं? हेलमेट अभी रिलीज़ हुई। मैं तीन और स्क्रिप्ट्स तैयार कर रहा हूं। दो के लिए हम एक्टर्स के सामने पिच करने जा रहे हैं। वो प्रोसेस चालू है। बतौर निर्माता मैं एक ही जॉनर नहीं करना चाहता हूं। मैं अच्छी कहानियां बनाना चाहता हूं। चाहे वो शोज़ हों या फ़िल्में हों। एक्टिंग और प्रोडक्शन में किसमें अधिक आनंद आ रहा है?देखिए मेरा पहला प्यार है एक्टिंग, उसे कोई रिप्लेस नहीं कर सकता। जब मैं कैमरे के सामने होता हूं तो वो एक अलग नशा होता है। कैमरे के पीछे बतौर प्रोड्यूसर होता हूं, वो भी प्यार है, लेकिन दूसरा। अगर मैं एक्ट नहीं कर रहा हूं तो कम से कम लोगों के लिए कहानी बना रहा हूं।
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