Interview: 'द फैमिली मैन' में मुझे साइड किक की तरह ट्रीट नहीं किया गया, क्षमताएं दिखाने का पूरा मौक़ा मिला- शारिब हाशमी
इंटलीजेंस संस्था T.A.S.C के सीनियर एनालिस्ट श्रीकांत तिवारी (मनोज बाजपेयी) और उसके पार्टनर जेके तलपड़े (शारिब हाशमी) दिल जीत रहे हैं। जागरण डॉट कॉम के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में जेके का किरदार निभाने वाले शारिब हाशमी ने अपनी इस यात्रा पर विस्तार से बातचीत की।
मनोज वशिष्ठ, नई दिल्ली। अमेज़न प्राइम वीडियो पर 3 जून की रात रिलीज़ हुए द फैमिली मैन के दूसरे सीज़न को दर्शकों का ख़ूब प्यार मिल रहा है। अधिकतर समीक्षकों ने सीरीज़ को लेकर सकारात्मक रिव्यूज़ दिये हैं, वहीं सोशल मीडिया में भी दूसरे सीज़न की जमकर तारीफ़ हो रही है।
इंटलीजेंस संस्था T.A.S.C के सीनियर एनालिस्ट श्रीकांत तिवारी (मनोज बाजपेयी) और उसके पार्टनर जेके तलपड़े (शारिब हाशमी) दिल जीत रहे हैं। राज एंड डीके रचित द फैमिली मैन 2 के विभिन्न पहलुओं के साथ श्रीकांत और जेके की बॉन्डिंग भी चर्चा में है। दूसरे सीज़न में जेके के किरदार ने दर्शकों को ख़ूब प्रभावित किया है। जागरण डॉट कॉम के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में जेके का किरदार निभाने वाले शारिब हाशमी ने अपनी इस यात्रा पर विस्तार से चर्चा की।
- द फैमिली मैन के दूसरे सीज़न की सफलता के लिए आपको बधाई। कहा जा रहा है कि आपने जेके को एक लेवल ऊपर पहुंचा दिया है?
जेके इस सीज़न में एक लेवल ऊपर गया। यह मेरे लिए सबसे बड़ा कॉम्पलीमेंट है। रिलीज़ से पहले यही सवाल था कि इस बार हम क्या अलग करने वाले हैं? कैरेक्टर में क्या बदलाव आएंगे? मुझे ऐसे सवालों के जवाब सीरीज़ के ज़रिए देने थे। अब तारीफ़ हो रही है तो पूरी मेहनत वसूल हो गयी है। सबने इसके आने का बेसब्री से इंतज़ार किया था। पूरी टीम चाहती थी, जल्द से जल्द हो जाए। किसी ना किसी कारण रिलीज़ आगे बढ़ जाती थी। अब यही कह सकता हूं कि देर आये दुरुस्त आये।
- आप इस बार एक्शन भी करते नज़र आ रहे हैं। इसके लिए कुछ ख़ास तैयारी की?
कुछ रिहर्सल हमने वहीं (ऑन लोकेशन) पर की थीं, क्योंकि बहुत ज़्यादा महंगे एक्शन दृश्यों में मैं इनवॉल्व नहीं था। हां, मुझे कुछ चोटें आयी थीं, जिनका दर्द कुछ महीनों तक रहा। एक सीन में मैं सीधा ज़मीन पर गिरता हूं। सीने के बल गिरने से चोट आयी। 3-4 महीनों तक वो दर्द बना रहा। मगर, अब ऑडिएंस के प्यार ने उस पर मरहम लगा दिया।
(Photo- Twitter/Sharib Hashmi)
- श्रीकांत तिवारी के साथ तो जेके की बॉन्डिंग ख़ूब पसंद की जा रही है। कैमरे के पीछे मनोज बाजपेयी और शारिब के बीच कैसा रिश्ता है?
मेरा मनोज सर के साथ ख़ूबसूरत बॉन्ड है। मैं अपने आपको ख़ुशनसीब मानता हूं कि मुझे उनका साथ मिला। वक़्त बिताने का मौक़ा मिला। मेरे फ्रेंड, फिलॉस्फर, गाइड, बड़े भाई, गुरु सब कुछ हैं। चाहता हूं कि उनका साथ यूं ही बना रहे। अलग-अलग प्रोजेक्ट और कैरेक्टर करता रहूं। बहुत कुछ सीखा है। बतौर, एक इंसान बहुत सी बातें उनसे लेना चाहता हूं। ऐसे समझिए, बकेट लिस्ट में एक टिक हो गया है।
- तमिल किरदारों के साथ जेके के दृश्य काफ़ी मज़ेदार हैं। उनके साथ बॉन्डिंग कैसी रही?
रवींद्र विजय (टास्क की चेन्नई शाखा के ऑफ़िसर मुथु) बहुत ही कमाल एक्टर हैं। चेन्नई में जब हम शूट कर रहे थे तो मेरी उनके साथ ख़ूब जमी थी। वो एक डॉक्टर थे। अपनी प्रैक्टिस छोड़कर एक्टिंग कर रहे हैं। बेंगलुरु में थिएटर भी करते है। तेलुगु फ़िल्में भी करते हैं। फैमिली मैन में उन्होंने कमाल का काम किया है।
- जेके के किरदार के लिए आपने भी क्या कुछ इनपुट दिये?
हम सब अपना इनपुट देते हैं। यह पूरा एक कॉलोबरेशन होता है। टीम वर्क है। मैं यह नहीं चाहूंगा कि मैं यह गिनाऊं कि यह लाइन तो मैंने बोली थी या कैरेक्टर के अंदर यह ट्रेट मैंने डाला था। थोड़ा अजीब लगता है।
- आपके हिसाब से जेके की वो कौन सी ख़ूबी है, जिससे दर्शकों का प्यार उसे मिल रहा है?
मेरे हिसाब से इस किरदार को दर्शकों से जो बात कनेक्ट करती है, वो इसका रियलिस्टक टच है। आम ज़िंदगी में ऐसे लोगों से ख़ूब मिलते हैं। आपके दोस्तों में ऐसे किरदार मिल जाएंगे। दोस्तों के बीच जो बेबाकी होती है, वही इस किरदार के लिए इस्तेमाल किया है। अपने बेस्ट फ्रेंड के साथ बेबाकी से बात कर सकते हैं। अभी मेरे जो दोस्त मैसेज करते हैं, वो बोलते हैं- अरे यार जेके तूने बहुत सॉलिड काम किया है। कॉम्प्लीमेंट देने के लिए उनकी लैंग्वेज ऐसी ही होती है। वो ऐसे नहीं कहते कि शारिब सर आपने बहुत अच्छा काम किया है। तो यह सब मैंने जेके के किरदार में लिया है, जिससे लोग कनेक्ट होते हैं।
(Photo- Twitter/Sharib Hashmi)
- जेके के किरदार को लेकर क्या स्पिन ऑफ़ की सम्भावनाएं देखते हैं?
सम्भावनाएं बिल्कुल हैं। मैं तो उम्मीद करूंगा। हालांकि, वो इस पर निर्भर करेगा कि मुख्य कहानी में कितना फिट होगा। क्रिएटर्स इसका जवाब बेहतर तरीके से दे पाएंगे। मैं तो बिल्कुल चाहूंगा कि बैक स्टोरी आए। आगे... इंशाअल्लाह। अभी तो यही कहूंगा कि जेके को वो जिस तरह से प्रेजेंट करते हैं, उससे मुझे ख़ुशी होती है। मुझे अपना पोटेंशियल दिखाने का पूरा मौक़ा देते हैं। मुझे साइड किक की तरह ट्रीट नहीं करते हैं। मुझे बहुत अहमियत देते हैं। तीसरे सीज़न में भी जेके की जो भी जर्नी डिसाइड करेंगे, वो मेरे सिर आंखों पर।
- दूसरे सीज़न के क्लाइमैक्स में जिस तरह दृश्य दिखाये गये हैं, उससे तीसरे सीज़न की कहानी पैनडेमिक के इर्द-गिर्द घूमती लग रही है?
उसके बारे में बात करना अभी बहुत जल्दी होगा। अभी तो मुझे भी नहीं पता। हां, इतना पक्का है कि तीसरा सीज़न आ रहा है और दर्शकों की तरह हमें भी इसका इंतज़ार है।
- आगे किन प्रोजेक्ट्स में आपको देखेंगे?
कंगना रनोट की फ़िल्म धाकड़ कर रहा हूं। सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ मिशन मंजनू है। हॉटस्टार पर एक वेब सीरीज़ है, जिसे तिग्मांशु धूलिया निर्देशित कर रहे हैं। एक नेटफ्लिक्स ओरिजिनल फ़िल्म कर रहा हूं। कुछ और प्रोजेक्ट्स हैं। लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद जुलाई से उन पर काम शुरू होगा।
- दरबान में आपके इमोशनल अभिनय की ख़ूब तारीफ़ हुई। ऐसे किसी प्रोजेक्ट में काम कर रहे हैं क्या?
दरबान जैसे रोल फिर करना चाहूंगा। अभी जो कर रहा हूं, उनमें ऐसा कोई किरदार नहीं है। कुछ स्क्रिप्ट्स पढ़ी हैं, जिनमें कमाल के कैरेक्टर्स हैं। एक जर्नी है किरदार की। सबसे अधिक मज़ा ड्रामा करने में ही आता है, इमोशनल ड्रामा। कॉमेडी तो चलती रहती है।
- सिनेमाघर बंद हुए अब तो लम्बा अर्सा हो गया है। अब तो मिस करते होंगे?
सिनेमा का एक्सपीरिएंस घर पर मोबाइल फोन पर फ़िल्म देखने में नहीं आ सकता। लाइट्स ऑफ़ करके। डॉल्बी साउंड में हम 200-250 अजनबियों के साथ फ़िल्म देखते हैं। सब मिलकर हंसते हैं। एंजॉय करते हैं। वो चीज़ घर नहीं आ सकती। वो अलग ही अनुभव होता है। जब भी चीज़ें नॉर्मल होंगी, सिनेमा हॉल खुलेंगे तो सबसे पहले मैं भागूंगा।