Move to Jagran APP

The Freelancer के विलेन नवनीत मलिक ने जब 'रेड चिलीज' को समझा मैगजीन ब्रांड, इस वजह से 6 सालों तक रहा पछतावा

The Freelancer Navneet Malik Interview नवनीत मलिक ने द फ्रीलांसर में मोहसिन फजल नाम का नेगेटिव किरदार निभाया है। नीरज पांडेय की वेब सीरीज में मोहित रैना सुशांत सिंह कश्मीरा परदेशी और अनुपम खेर प्रमुख भूमिकाओं में हैं। नवनीत का किरदार ऐसे यूथ का है जिसका झुकाव आइएसआइएस की तरफ हो जाता है। सीरीज डिज्नी प्लस ङॉटस्टार पर स्ट्रीम हो गयी है।

By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Fri, 08 Sep 2023 03:04 PM (IST)
Hero Image
नवनीत मलिक ने द फ्रीलांसर में नेगिटव रोल निभाया है। फोटो- जागरण
नई दिल्ली, जेएनएन। डिज्नी प्लस हॉटस्टार की एक्शन थ्रिलर वेब सीरीज द फ्रीलांसर में अपने नेगेटिव रोल मोहसिन फजल के लिए नवनीत मलिक को खूब तारीफें मिल रही हैं। नवनीत 'लव हॉस्टल' और 'बागी' में नजर आ चुके हैं, लेकिन उन्हें वो पहचान नहीं मिली, जिसकी तलाश थी। 

नीरज पांडेय की वेब सीरीज द फ्रीलांसर में मोहसिन का किरदार नवनीत के करियर का टर्निंग प्वाइंट बन गया है।सीरीज की रिलीज के बाद नवनीत को जानने-पहचानने वालों की तादाद में इजाफा हुआ है।

हरियाणा के एक गांव से निकले नवनीत के लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। जागरण डॉट कॉम के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में नवनीत ने अपने शुरुआती संघर्ष और द फ्रीलांसर में अपने किरदार के अहम पहलुओं को साझा किया। 

यह भी पढे़: OTT Web Series And Movies: 'हड्डी' से 'जेलर' तक, इस हफ्ते ओटीटी पर इन फिल्मों और सीरीज की रहेगी धूम

कैसे मिली सीरीज और क्यों चुना मोहसिन का किरदार?

नवनीत बताते हैं- ''जब मुझे यह कैरेक्टर एप्रोच किया गया था तो पता नहीं था कि क्या है? कितने एक्सट्रीम तक जाएगा? आपको ऑडिशन के लिए स्क्रिप्ट नहीं मिलती, सिर्फ एक हिस्सा मिलता है। जब पूरा रोल पता चला तो देखा कि इसका एक ग्राफ है। पॉजिटिव से नेगेटिव की ओर जाता हुआ नजर आता है।

नीरज सर का नाम सुनने के बाद मेरे पास कोई विकल्प नहीं था कि इसको लेकर कुछ सोचा जाए। तीन-चार ऑडिशन के बाद वहां तक पहुंचा था। नीरज सर के सामने तो मैं सरेंडर हूं। वो जो बोलेंगे, करूंगा।''

View this post on Instagram

A post shared by Navneet Malik (@navneet.malik1)

करियर की शुरुआत में नेगेटिव रोल को लेकर नवनीत ने कहा- ''पहले कलाकारों को नेगेटिव किरदारों में बांध दिया जाता था। आजकल ऑडिएंस की समझ ऐसी हो गयी है कि वो एक्टर को एक्टर की तरह से ही देखते हैं। जैसे, विजय सेतुपति सर हैं। पॉजिटिव, नेगेटिव हर तरह के किरदार करते हैं और लोग उन्हें स्वीकार भी करते हैं। आगे कुछ प्रोजेक्ट्स हैं, जिनमें मेरा किरदार पॉजिटिव है।''

मोहसिन के किरदार की मानसिकता को समझने के लिए क्या किया? इसके जवाब में नवनीत ने कहा- ''यह ऐसा कैरेक्टर है, जिसके लिए कोई रेफरेंस प्वाइंट नहीं मिलता। मैंने फिर भी कोशिश की। यू-ट्यूब से कछ रेफरेंस निकाले। जिन एक्टर्स ने ऐसे किरदार निभाये हैं, उन्हें देखा। कुछ प्वाइंट मैंने अपने भी निकाले।

नीरज सर मोमेंट के मैजिक में बहुत यकीन करते हैं। इसलिए किरदार का ढांचा तैयार होने के बाद भी इसे ओपन रखा गया। सेट पर जाकर इसे इम्प्रोवाइज किया गया। जितना सम्भव हुआ, वास्तविकता के करीब रखा।''

दिल्ली में कॉन्ट्रैक्ट पर की नौकरी

नवनीत हरियाणा के सोनीपत जिले के मदीना गांव से हैं। पिता सरकारी स्कूल में अध्यापक हैं। नवनीत बताते हैं कि दसवीं करने के बाद वो 12-13 साल पहले रोहतक आ गये थे, जहां से आगे की पढ़ाई की। सिविल इंजनीयरिंग में बीटेक किया। इसके बाद दिल्ली जॉब करने पहुंच गये। जॉब के साथ-साथ मॉडलिंग के लिए ऑडिशन देने का सिलसिला चलता रहा। नवनीत इस दौरान का एक किस्सा साझा करते हैं- 

केजरीवाल साहब (अरविंद केजरीवाल) उस समय मुख्यमंत्री नहीं बने थे। इलेक्शन की तैयारी चल रही थी। हम बतौर सिविल इंजीनियर जूनियर कॉन्ट्रैक्ट पर एक सरकारी विभाग में काम करते थे। उस वक्त कॉन्ट्रैक्ट वालों को पक्का करने की बात चल रही थी तो इसी उम्मीद में हम भी चुनाव प्रचार के दौरान उनके साथ झाड़ू लगाने चले जाते थे। यह 2014 की बात है। 

जब वो सीएम बने तो उन्होंने कुछ विभागों के लोगों को पक्का कर दिया, हमें छोड़ दिया। हमने मांग उठायी तो हमारी एजेंसी ने हमें निकाल दिया। उस वजह से मेरी जॉब छूट गयी थी।

दिल्ली में हुए मॉडलिंग ऑडिशन में भी मिला रिजेक्शन

नवनीत आगे बताते हैं कि 2014 में कॉन्ट्रैक्ट की नौकरी जाने के एक हफ्ते के अंदर ही एलिट मॉडल लुक का एक ऑडिशन हुआ था। सिलेक्ट सिटी मॉल में ऑडिशन था। वहां से रिजेक्ट हो गया। मैं नया था, मॉडल के लिए जो जरूरी ग्रूमिंग होती है, वो भी नहीं हुई ती। दो दिन के बाद वही ऑडिशन कोलकाता में था। मेरे पास उस समय जॉब नहीं थी, इतने पैसे नहीं थे कि टिकट खरीद सकूं।

नवनीत कहते हैं कि अंदर से फीलिंग आयी, कोलकाता जाना चाहिए, वहां से सिलेक्ट हो जाऊंगा। अगले दिन में कोलकाता जाने वाली ट्रेन में जाकर बैठ गया, जो 24 घंटे का वक्त ले रही थी। टिकट भी नहीं ले सका था। ऑडिशन में पहनने के लिए एक जोड़ी कपड़े रखे। मेरे पास एक ग्रीन रंग की पैंट होती थी, जो चोर बाजार से ली थी। जूते और नॉर्मल सी टीशर्ट लेकर कोलकाता निकल पड़ा। वहां ऑडिशन दिया और सिलेक्ट हो गया।

वही लोग मुझे मुंबई ले गये। तब पहली बार फ्लाइट में बैठा था। बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में स्थित सोफीटेल हॉटल में हमारी ग्रूमिंग हुई। इसके बाद एलीट के ही इंटरनेशनल इवेंट के लिए इंडिया को रिप्रेजेंट करने चीन गया था। वहां मेरी छठी पोजिशन आयी थी।

रेड चिलीज को समझा मैगजीन ब्रांड

नवनीत बताते हैं कि इंटरनेशनल पेजेंट जीतने के बाद मॉडलिंग एजेंसीज कॉन्टेक्ट करने लगीं, मगर उस वक्त तक फिल्म प्रोडक्शन हाउसेज के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इस वजह से शाह रुख खान के प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज के फोन का भी कोई जवाब नहीं दिया। इस घटना के बारे में नवनीत बताते हैं-

रेड चिलीज वालों ने कहा, डायरेक्टर सर ने आपके लिए रोल ऑफर किया है। आप बॉम्बे आ जाओ। उस समय मेरी आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि वहां जाकर रह सकूं। एलीट से जो पैसा मिलने वाला था, तब तक वो भी नहीं मिला था। मुझे लगा कि रेड चिलीज मैगजीन टाइप का कोई ब्रांड होगा। किसी ऐड के लिए शायद फोन कर रहे होंगे। मुझे पता नहीं था कि शाह रुख खान की कम्पनी है।  

बॉम्बे वापस गया तो एक दोस्त को इस बारे में बताया कि रेड चिलीज से कॉल आया था। उसने कहा कि तूने क्या कर दिया? शाह रुख खान की कम्पनी है। मैं माथा पकड़कर बैठ गया था। मैं मानता हूं कि हर चीज का एक सही वक्त होता है। मुझे आज यह लगता है कि उस वक्त कुछ मिल भी जाता तो शायद उतना सक्सेसफुल नहीं होता। 

मुझे इस बात का छह साल तक अफसोस रहा। 2-3 महीना फॉलोअप लिया था कि आ रहे हैं या नहीं। ऐसा कोई मेंटॉर भी नहीं था, जिससे पूछ लूं कि प्रोडक्शन हाउस क्या होता है। मुझे नहीं पता था कि मॉडल कैसे काम करते हैं। फिल्में कैसे शूट होती हैं।

नवनीत बताते हैं कि उन्होंने 5-6 सालों तक मॉडलिंग की, लेकिन नजर हमेशा अभिनय पर थी। लव हॉस्टल के साथ शुरुआत हुई, फिर बागी की थी और अब द फ्रीलांसर से वेब सीरीज डेब्यू भी हो गया।  

रोल्स की च्वाइस को लेकर नवनीत कहते हैं, ''मैं देसी व्यक्ति हूं। मेरे घर के लोग पुलिस में या फौज में रहे हैं। ऐसे किरदार करना चाहूंगा, जिनमें एक्शन हो या फौज से संबंधित हों। रोमांटिक किरदार भी निभाना चाहता हूं। अच्छे लोगों, प्रोडक्शन हाउसेज और निर्देशकों के साथ काम करना चाहता हूं।''

कभी नेपोटिज्म या ग्रुपिज्म को महसूस किया?

फिल्म इंडस्ट्री में अक्सर नेपोटिज्म और ग्रुपिज्म की बातें उठती रही हैं। इसको लेकर नवनीत ने कहा कि निजी तौर पर उन्हें नेपोटिज्म या ग्रुपिज्म महसूस नहीं हुआ, पर कुछ जगहों पर ऐसी सिचुएशंस जरूर आयीं कि उन्हें जाना-पहचाना चेहरा चाहिए था। वो सब चलता रहता है, लेकिन पेशेंस रखना बहुत जरूरी है।

उन्होंने आगे कहा कि इल्जाम लगाना सही नहीं है। अपनी क्षमताएं बढ़ाना जरूरी है। उनको (मेकर्स) भी आपकी उतनी ही जरूरत है, जितनी आपको। ये दोनों तरफ से चलता है। एंड ऑफ द डे, ये सिर्फ बिजनेस है। उनको भी सेलेबल लोग चाहिए। मेरे फेस से कुछ बिकेगा तो उनको भी चाहिए।

नवनीत आगे कहते हैं- ''मैं ऐसे मुकाम पर पहुंचा हूं, जहां पूरा देश मुझे देख रहा है। नीरज सर की बदौलत, जिस स्केल पर सीरीज को बनाया गया है, उसके लिए मैं बहुत ग्रेटफुल हूं। एक रोल आता है, जब आप दिखने लग जाते हो, फिर आप फेमस होते हो, लोग जानने लगते हैं।''

कास्टिंग डायरेक्टर और एक्टर के बीच बैरियर खत्म हो

फिल्म इंडस्ट्री में अगर कुछ बदला जाए तो वो क्या होगा? इसके जवाब में नवनीत कहते हैं- ''कई बार ऐसा होता है कि सही रोल सही लोगों तक नहीं पहुंच पाते। कास्टिंग डायरेक्टर और एक्टर के बीच एक बैरियर तो है, जो मिलने नहीं देता। वो बैरियर खत्म हो जाए तो अच्छे एक्टर मिल सकते हैं। देश में कमाल के एक्टर हैं, लेकिन उनके पास पहुंच नहीं होती। रीच हो जाए तो इंडस्ट्री बेहतर हो सकती है। मुझे वाकई ये इंडस्ट्री कमाल लगती है।''

इंडस्ट्री में इंस्पिरेशन के बारे में पूछने पर नवनीत ने कहा- ''सबकी सराहना करता हूं। जो भी अपने पैरों पर खुद खड़े हुए हैं। रणदीप हुड्डा, जयदीप (अहलावत) भाई साहब, अपने पैरों पर खुद खड़े हुए हैं, लेकिन इन्हें काफी टाइम लगा है। इतने टाइम तक टिके रहे और अपना मुकाम हासिल किया, यह वाकई तारीफ की बात है। ऐसे सभी लोगों का सम्मान करता हूं। 

यह भी पढ़ें: Jawan- रियल लाइफ में बेहद गॉर्जियस है 'जवान' की ये ब्यूटी, एक्ट्रेस की इन तस्वीरों से नहीं हटेगी नजर

आने वाले प्रोजेक्ट्स कौन-से हैं?

''तीन फीचर फिल्में हैं। एक का शूट खत्म होने वाला है। संजय दत्त सर के साथ में है। रणबीर कपूर के बाद में दूसरा एक्टर हूं, जो संजय सर को स्क्रीन पर पेश कर रहा है। नवम्बर-दिसम्बर के आसपास रिलीज होगी। दो फिल्मों की घोषणा हुई नहीं है, इसलिए बताने की इजाजत नहीं है।''