Shakuntala Devi Movie: विद्या बालन बनेंगी शकुंतला देवी, जिन्होंने इंदिरा गांधी को भी दे दिया था चैलेंज
Shakuntala Devi Movie विद्या बालन अपनी अपकमिंग फ़िल्म में शकुंतला देवी का किरदार निभा रही हैं जिन्होंने इंदिरा गांधी को भी चैलेंज दे दिया था।
By Rajat SinghEdited By: Updated: Mon, 27 Jul 2020 07:56 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Shakuntala Devi Movie: विद्या बालन स्टारर फ़िल्म शकुंतला देवी 31 जुलाई को अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ होने वाली है। इस फ़िल्म में विद्या बालन ह्यूमन कम्प्यूटर के नाम से फेमस शकुंतला देवी की कहानी लेकर आई हैं। बिना किसी औपचारिक शिक्षा के मैथ जिनियस बनने वाली शकुंतला देवी ने एक बार इंदिरा गांधी को भी चेलैंज कर दिया था। आइए जानते हैं ऐसी ही पांच रोचक तथ्य...
1. नहीं हुई औपचारिक शिक्षा- शकुंतादेवी के पिता एक सर्कस में कर्मचारी थे। उनके पास उस समय में स्कूल शिक्षा का खर्च वहन करने की क्षमता नहीं थी, जबकि फीस मात्र 2 रूपये थी। बाद में बिना औपचारिक शिक्षा के शकुंतला देवी ने मैसूर यूनिवर्सिटी में अंकगणित क्षमताओं का प्रदर्शन किया। यहीं से उन्हें फेम मिलना शुरू हुआ और वह लंदन शिफ्ट हो गईं। 2. जब इंदिरा गांधी को दिया चेलैंज- शकुंतला देवी ने अपनी किस्मत चुनावी मैदान भी आजमाई। वह साल 1980 के लोकसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार साउथ मुंबई और तेलंगाना के मेदक से मैदान में उतरीं। ख़ास बात है कि इस सीट से उन्होंने उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चैलेंज दिया। एक बयान में शकुंतला देवी ने कहा था कि वह मेदक के लोगों को इंदिरा गांधी से बचाने आई हैं।
3. गिनीज़ बुक रिकॉर्ड- शकुंतला देवी ने अपने कैलकुलेशन की जबरदस्त तकनीक और क्षमता की वजह से गिनीज़ बुक में अपना रिकॉर्ड दर्ज करवाया। इसके बाद ही यह कहा गया कि वह कम्प्यूटर को भी पछाड़ सकती हैं। इसे पढ़िए- Dil Bechara Movie: फिल्म को कुछ घंटों में ही मिले इतने करोड़ व्यूज, अब तक की सबसे बड़ी ऑनलाइन हिट!
4. नहीं पसंद था ह्यूमन कम्प्यूटर का उपनाम- बिजनेस इनसाइडर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, Leslie Mitchell ने अक्टूबर 1950 में शकुंतला देवी को बीबीसी चैनल पर बुलाया। यहीं से उन्होंने ह्यूमन कम्प्यूटर के तौर पर प्रोजेक्ट किया गया। हालांकि, शकुंतला देवी को यह उपनाम पसंद नहीं था। उनका मानना था कि ह्यूमन माइंड के पास कम्प्यूटर के ज्यादा क्षमताएं मौजूद हैं। 5. समलैंगिकता पर लिखी किताब- शकुंतला देवी ने समलैंगिकता पर साल 1977 में ही किताब लिखी थी। इसके लिए उनकी आलोचन भी काफी हुई। हालांकि, उन्होंने इसके पक्ष में अपने कई तर्क दिए।