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Fact Check: अभी नहीं हुआ है लोकसभा सीटों का परिसीमन, पड़ताल में वायरल हो रहा दावे को पाया गया गलत

ट्रिब्‍यून इंडिया वेबसाइट में भी 5 अगस्‍त 2022 को खबर छपी है संसद में सरकार ने जानकारी दी है कि लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन अधिनियम में संशोधन का कोई भी प्रस्ताव नहीं था। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद से परिसीमन को लेकर भी चर्चा हो रही-

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 04 May 2023 03:14 PM (IST)
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परिसीमन को लेकर वायरल हो रहे दावे की पड़ताल के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने कीवर्ड से सर्च किया।
नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले एक चार्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें ऊपर परिसीमन 2026 (अनुमानित) लिखा हुआ है। साथ में राज्‍यसभा और लोकसभा सीटों की संख्‍या भी दी गई है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस चार्ट को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि नई दिल्ली में लोकसभा की सीटों का परसीमन हो गया है। इसके बाद उत्तर प्रदेश में लोकसभा सीटें बढ़ गई हैं। अब यूपी में 80 लोकसभा सीट की जगह 121 और राज्यसभा की 31 की जगह 47 सीटें होंगी।

दैनिक जागरण की फैक्‍ट चेकिंग विंग विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा गलत है। अभी लोकसभा की सीटों का परिसीमन नहीं हुआ है।

परिसीमन को लेकर वायरल हो रहे दावे की पड़ताल के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने कीवर्ड से सर्च किया। एबीपी में 29 जुलाई 2021 को आर्टिकल छपा है। इसमें लिखा है, "कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के ट्वीट करने के बाद लोकसभा सीटें 545 से 1000 करने की चर्चा है। अनुच्‍छेद 81 के मुताबिक, लोकसभा सीटों की अधिकतम संख्‍या 545 हो सकती है। वर्ष 2026 तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।

वर्ष 2026 के बाद 2021 की जनगणना को आधार बनाकर संख्‍या को बदला जा सकता है।" आर्टिकल में लिखा है, "1952 में लोकसभा की सीटों की संख्या 489 थी। अनुच्छेद 81 में संशोधन कर इसको दो-तीन बार बढ़ाया गया। आखिरी बार इस तरह का बदलाव 1973 में हुआ था, तब संख्या को 520 से बढ़ाकर 545 किया गया था। अब वर्ष 2026 के बाद सीटों की संख्या में बदलाव किया जा सकता है।"

ट्रिब्‍यून इंडिया वेबसाइट में भी 5 अगस्‍त 2022 को खबर छपी है, "संसद में सरकार ने जानकारी दी है कि लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन अधिनियम में संशोधन का कोई भी प्रस्ताव नहीं था। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद से परिसीमन को लेकर भी चर्चा हो रही है। इसके बाद पूर्ववर्ती राज्य में परिसीमन अभ्यास हुआ। वर्तमान में संवैधानिक स्थिति यह है कि वर्ष 2026 के बाद परिसीमन होगा। संविधान के 84वें संशोधन के जरिए यह स्थिति लागू होती है। इसे तब पारित किया गया था जब स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी एनडीए सरकार का नेतृत्व कर रहे थे।"

पड़ताल में विश्‍वास न्‍यूज को परिसीमन भविष्‍य में होने की तो खबर मिली, लेकिन ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली, जिससे लोकसभा सीटों के परिसीमन की पुष्टि हो सके। अधिक जानकारी के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने भारतीय निर्वाचन आयोग की प्रवक्‍ता शेफाली शरन से संपर्क कर उनको वायरल पोस्‍ट भेजी। उनका कहना है, "आयोग ने अभी तक ऐसी कोई भी कवायद शुरू नहीं की है। वर्तमान में केवल असम विधानसभा की परिसीमन का मामला चल रहा है।"

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