Move to Jagran APP

Fact Check : क्या राहुल गांधी ने वैश्य समाज के खिलाफ दिया बयान? कांग्रेस नेता की वायरल हो रही कटिंग

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कथित बयान की अखबार की कटिंग फिर से वायरल की जा रही है। इससे पहले इसे राजस्‍थान विधानसभा चुनाव के दौरान वायरल की गई थी। इस अखबार की कटिंग में दावा किया गया कि राहुल गांधी ने बनिया समाज और व्‍यापारियों की तुलना चोरों से की। विश्‍वास न्‍यूज ने विस्‍तार से वायरल कटिंग की जांच की। प

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Fri, 17 May 2024 02:35 PM (IST)
Hero Image
राहुल गांधी के कथित बयान की अखबार की कटिंग फिर से वायरल की जा रही है। (फोटो सोर्स: जागरण)
जेएनएन, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कथित बयान की अखबार की कटिंग फिर से वायरल की जा रही है। इससे पहले इसे राजस्‍थान विधानसभा चुनाव के दौरान वायरल की गई थी। इस अखबार की कटिंग में दावा किया गया कि राहुल गांधी ने बनिया समाज और व्‍यापारियों की तुलना चोरों से की।

विश्‍वास न्‍यूज ने विस्‍तार से वायरल कटिंग की जांच की। पड़ताल में पता चला कि वायरल अखबार की कटिंग पूरी तरह से फेक है। यह कटिंग एक बार पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नाम से भी वायरल की जा चुकी है। वह भी फेक साबित हुई। 

क्या है पूरा मामला? 

फेसबुक यूजर Pankaj A Modi ने 30 अप्रैल को एक अखबार की कटिंग को शेयर करते हुए लिखा, “कृपया देश के सभी बनिए माहेश्वरी,जैन अग्रवाल,विजयवर्गीय, मेडतवाल,गुजराती , वैश्य, लींगायत इत्यादि से हाथ जोड़ कर निवेदन है की सभी बनिए कांग्रेस का बहिष्कार करे।”

अखबार में राहुल गांधी की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए शीर्षक लिखा गया : “चोरी और मुनाफ़ाखोरी देश के बनियों की आदत : राहुल गांधी”

वायरल पोस्‍ट के दावे को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर सोशल मीडिया के अलग अलग प्‍लेटफार्मस और वहाटसऐप पर शेयर किया जा रहा है। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी वायरल कटिंग की पड़ताल कर चुका है। न्‍यूजपेपर की कटिंग को ध्‍यान से पढ़ने पर पता चला कि खबर में राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष लिखा गया है, जबकि वर्तमान में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हैं। ऐसे में पहला ही संकेत यह मिला कि वायरल कटिंग हाल-फिलहाल की नहीं है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया गया। यहां संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जो वायरल कटिंग में छपी न्‍यूज की पुष्टि कर सके। यदि राहुल गांधी ने ऐसा कोई बयान दिया होता तो वह जरूर मीडिया में आता।

अमित शाह वाली कटिंग भी फर्जी

पड़ताल के दौरान सर्च करने पर हमें 4 अप्रैल 2019 की एक फेसबुक पोस्‍ट मिली। इसे फेसबुक यूजर ‘सत्‍येंद्र मुरली‘ (आर्काइव लिंक) ने किया था। इस पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई अखबार की कटिंग का शीर्षक और राहुल गांधी के नाम पर वायरल कटिंग का शीर्षक एक ही जैसा था। विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल में अमित शाह वाली कटिंग भी फर्जी साबित हुई। हमें अमित शाह का ऐसा कोई बयान नहीं मिला, जैसा कि इसमें दावा किया गया।

सर्च के दौरान हमें पांच साल पहले 26 मार्च 2019 को कांग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इसमें बताया गया कि कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने राजस्‍थान के बूंदी में जन संकल्‍प रैली को संबोधित किया। पिछले लोकसभा चुनाव के वक्‍त राहुल गांधी कांग्रेस के अध्‍यक्ष थे। हमने राहुल गांधी के बूंदी के भाषण को पूरा सुना। हमें इस भाषण में वायरल कटिंग जैसी कोई बात सुनने को नहीं मिली।

राहुल गांधी की फर्जी कटिंग फैलाई जा रही है

विश्‍वास न्‍यूज ने पिछली पड़ताल के दौरान राजस्‍थान कांग्रेस के प्रवक्‍ता स्‍वर्णिम चतुर्वेदी से वायरल पोस्‍ट को लेकर बात की थी। उन्‍होंने जानकारी देते हुए कहा था कि राहुल गांधी ने कभी भी ऐसा बयान नहीं दिया था, जैसा कि वायरल कटिंग में दावा किया गया। यह पूरी तरह से फर्जी है। राहुल गांधी इस वक्‍त पार्टी के अध्यक्ष भी नहीं हैं। उनकी छवि खराब करने के लिए यह फर्जी कटिंग फैलाई जा रही है।

निष्कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल अखबार की कटिंग फर्जी साबित हुई। राहुल गांधी ने वैश्‍य समाज और व्‍यापारियों को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जैसा कि वायरल पोस्‍ट में दावा किया गया है।