Fact Check : क्या राहुल गांधी ने वैश्य समाज के खिलाफ दिया बयान? कांग्रेस नेता की वायरल हो रही कटिंग
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कथित बयान की अखबार की कटिंग फिर से वायरल की जा रही है। इससे पहले इसे राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान वायरल की गई थी। इस अखबार की कटिंग में दावा किया गया कि राहुल गांधी ने बनिया समाज और व्यापारियों की तुलना चोरों से की। विश्वास न्यूज ने विस्तार से वायरल कटिंग की जांच की। प
जेएनएन, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कथित बयान की अखबार की कटिंग फिर से वायरल की जा रही है। इससे पहले इसे राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान वायरल की गई थी। इस अखबार की कटिंग में दावा किया गया कि राहुल गांधी ने बनिया समाज और व्यापारियों की तुलना चोरों से की।
विश्वास न्यूज ने विस्तार से वायरल कटिंग की जांच की। पड़ताल में पता चला कि वायरल अखबार की कटिंग पूरी तरह से फेक है। यह कटिंग एक बार पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नाम से भी वायरल की जा चुकी है। वह भी फेक साबित हुई।
क्या है पूरा मामला?
फेसबुक यूजर Pankaj A Modi ने 30 अप्रैल को एक अखबार की कटिंग को शेयर करते हुए लिखा, “कृपया देश के सभी बनिए माहेश्वरी,जैन अग्रवाल,विजयवर्गीय, मेडतवाल,गुजराती , वैश्य, लींगायत इत्यादि से हाथ जोड़ कर निवेदन है की सभी बनिए कांग्रेस का बहिष्कार करे।”अखबार में राहुल गांधी की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए शीर्षक लिखा गया : “चोरी और मुनाफ़ाखोरी देश के बनियों की आदत : राहुल गांधी”
वायरल पोस्ट के दावे को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफार्मस और वहाटसऐप पर शेयर किया जा रहा है। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
विश्वास न्यूज एक बार पहले भी वायरल कटिंग की पड़ताल कर चुका है। न्यूजपेपर की कटिंग को ध्यान से पढ़ने पर पता चला कि खबर में राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष लिखा गया है, जबकि वर्तमान में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हैं। ऐसे में पहला ही संकेत यह मिला कि वायरल कटिंग हाल-फिलहाल की नहीं है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया गया। यहां संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जो वायरल कटिंग में छपी न्यूज की पुष्टि कर सके। यदि राहुल गांधी ने ऐसा कोई बयान दिया होता तो वह जरूर मीडिया में आता।