Fact Check Story : पेरू में 4 साल पहले आए भूस्खलन की तस्वीर को जोशीमठ की बताकर किया गया वायरल
जोशीमठ शहर में दरारों के बीच वहां के रहवासियों की उम्मीदें भी धीरे-धीरे दम तोड़ रही हैं। सड़कों से लेकर लोगों के आशियानों तक में दरार का कहर देखने को मिल रहा है। इन सबके बीच भूस्खलन की एक खौफनाक तस्वीर वायरल हो रही है।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 12 Jan 2023 08:12 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। जोशीमठ शहर में दरारों के बीच वहां के रहवासियों की उम्मीदें भी धीरे-धीरे दम तोड़ रही हैं। सड़कों से लेकर लोगों के आशियानों तक में दरार का कहर देखने को मिल रहा है। इन सबके बीच भूस्खलन की एक खौफनाक तस्वीर वायरल हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स इस तस्वीर को जोशीमठ की बताकर वायरल कर रहे हैं।
दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग टीम विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए इसकी जांच की। पड़ताल में पता चला कि जिस तस्वीर को जोशीमठ का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह 2018 में पेरू में आए भूस्खलन की है।
2018 में पेरू में आए भूस्खलन की है तस्वीर
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्तेमाल किया। तस्वीर को इस टूल के माध्यम से सर्च करने पर कई वेबसाइट पर यह तस्वीर पुरानी तारीख से अपलोड मिली। इस तस्वीर को लेकर बताया गया कि 2018 में पेरू में आए भूस्खलन की यह तस्वीर है। इस भूस्खलन के कारण लुटो कुटटो गांव पूरी तरह तहस-नहस हो गया था।
सर्च के दौरान यूट्यूब पर भी इस घटना से जुड़े कई वीडियो मिले। एक यूट्यूब चैनल ने इतिहास के पांच सबसे बड़े लैंडस्लाइड कैप्शन के साथ बनाए गए वीडियो में इसे भी शामिल किया था। जांच के दौरान असली तस्वीर पेरू के रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी मिली। इसे 16 मार्च 2018 को पोस्ट किया गया था।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण के चमोली जिला प्रभारी देवेंद्र रावत से संपर्क किया। उनके साथ वायरल तस्वीर को शेयर किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल तस्वीर जोशी मठ की नहीं है।जोशीमठ के नाम पर वायरल तस्वीर की पड़ताल विस्तार से यहां पढ़ें।Fact Check : धीरे-धीरे धंस रहे जोशीमठ के नाम पर पेरू में आए भूस्खलन की पुरानी तस्वीर वायरल