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Fact Check: पूर्व चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने नहीं दिया ईवीएम हैकिंग पर यह बयान

वायरल दावे की पड़ताल के लिए विश्वास न्यूज ने सबसे पहले कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च किया। इसमें किसी भी वेबसाइट पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिससे इस पोस्ट की पुष्टि हो सके। इंग्लिश कीवर्ड से सर्च करने पर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर एक प्रेस रिलीज मिली।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 12 Oct 2022 05:27 PM (IST)
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वायरल दावे की पड़ताल के लिए 'विश्वास न्यूज' ने सबसे पहले कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च किया।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग वायरल हो रही है। इसमें लिखा है, पूर्व चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा है कि गुजरात व हिमाचल प्रदेश का चुनाव बीजेपी ने ईवीएम हैकिंग से जीता है।

दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट 'विश्वास न्यूज' ने पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा फर्जी है। पूर्व चुनाव आयुक्त ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

वायरल दावे की पड़ताल के लिए 'विश्वास न्यूज' ने सबसे पहले कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च किया। इसमें किसी भी वेबसाइट पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे इस पोस्ट की पुष्टि हो सके। इंग्लिश कीवर्ड से सर्च करने पर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर एक प्रेस रिलीज मिली। इसको 11 मार्च 2021 को अपलोड किया गया था। इसके मुताबिक, चुनाव आयोग के संज्ञान में आया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ईवीएम हैकिंग के बारे में पुरानी फर्जी खबर वायरल हो रही है। 21 दिसंबर 2017 को दुर्भावनापूर्ण रूप से एक समाचार छपा था।

उसमें दावा किया गया कि पूर्व चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा कि एक पार्टी ने ईवीएम हैक करके विधानसभा चुनाव जीता। इस फर्जी जानकारी को पहले खुद पूर्व सीईसी ने खारिज कर दिया था। इसे अब फिर से सोशल मीडिया पर कुछ असामाजिक तत्व वायरल कर रहे हैं।

इस फेक खबर का खंडन करते हुए कृष्णमूर्ति ने फिर से बयान जारी कर कहा है कि कुछ समय पहले एक समाचार पत्र में छपी फर्जी खबर को फिर वायरल किया जा रहा है। मैं दोहराना चाहूंगा कि ईवीएम सबसे विश्वसनीय हैं और मुझे इसकी विश्वसनीयता पर कोई संदेह नहीं है।

इसकी अधिक पुष्टि के लिए 'विश्वास न्यूज' ने चुनाव आयोग की प्रवक्ता शेफाली सरन से संपर्क किया। उन्होंने चुनाव आयोग के प्रवक्ता द्वारा रिप्लाई किया गया एक ट्वीट भेजा। 11 अक्टूबर 2022 को किए गए ट्वीट में लिखा है कि यह खबर फेक है।

पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।