गोरखपुर में लोगों ने सीखे AI व डीपफेक के साथ फैक्ट चेकिंग के गुर
जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने बुधवार को गोरखपुर के दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज में सेमिनार का आयोजन किया। मीडिया साक्षरता अभियान सच के साथी सीनियर्स के तहत आयोजित सेमिनार में डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर पल्लवी मिश्रा ने कहा कि सोशल मीडिया के इस दौर में रोजाना तमाम सूचनाएं वायरल होती हैं। इनमें से कई फर्जी और भ्रामक भी होती हैं।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 13 Dec 2023 09:25 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, गोरखपुर। जिस तरह से सही खानपान हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है, वैसे ही सही सूचनाएं मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। कुछ इस तरह के उदाहरण के साथ विश्वास न्यूज के फैक्ट चेकर्स ने गोरखपुर के लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीपफेक के बारे में जानकारी देते हुए फैक्ट चेकिंग के बुनियादी तरीकों के बारे में प्रशिक्षित किया।
जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने बुधवार (13 दिसंबर) को गोरखपुर के दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज में सेमिनार का आयोजन किया। मीडिया साक्षरता अभियान 'सच के साथी सीनियर्स' के तहत आयोजित सेमिनार में डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर पल्लवी मिश्रा ने कहा,
कार्यशाला में उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने बताया कि अक्सर लुभावने संदेशों के साथ फिशिंग लिंक पोस्ट किए जाते हैं। इनका बिना सत्यापन किए क्लिक करने से आप वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं। ऐसे लिंक्स में कुछ गलतियां होती हैं। कई बार इनको देखने से ही पता चल जाएगा कि ये संदिग्ध हैं। अगर कोई ऑफर है तो वह आधिकारिक वेबसाइट या सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी होगा। इसके साथ ही, उन्होंने डिजिटल सेफ्टी के तरीकों के बारे में बताते हुए कहा कि पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल करने से बचें। फ्रेजेज का इस्तेमाल करके जटिल पासवर्ड बनाया जा सकता है।सोशल मीडिया के इस दौर में रोजाना तमाम सूचनाएं वायरल होती हैं। इनमें से कई फर्जी और भ्रामक भी होती हैं, जबकि कुछ विशेष एजेंडा के तहत पोस्ट की जाती हैं। ऐसे में सबको अपनी जिम्मेदारी समझते हुए संवेदनशील होना जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि सोर्स की जांच जरूर करें। सोर्स आपके लिए इस अंधेरे में टॉर्च की तरह काम करेगा। आपके ऐसा करने से भ्रामक या फर्जी सूचनाओं की चेन को तोड़ा जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान एसोसिएट एडिटर एवं फैक्ट चेकर आशीष महर्षि ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के फायदे और महत्व को समझाते हुए डीपफेक के खतरों के बारे में उपस्थित लोगों को आगाह किया। उन्होंने हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री रश्मिका मंदाना, काजोल और आलिया भट्ट के वायरल डीपफेक वीडियो के उदाहरण देते हुए कहा कि किस तरह से ऐसे वीडियो किसी की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आशीष ने डीपफेक को पहचानने के तरीकों के बारे में बताते हुए कहा कि ध्यान से देखने पर इनमें कई कमियां मिल जाएंगी।
यह भी पढ़ें: प्रयागराज में 'सच के साथी सीनियर्स' के तहत प्रशिक्षणइसके अलावा उन्होंने फैक्ट चेकिंग के बुनियादी टूल्स गूगल ओपन सर्च और रिवर्स इमेज के जरिए किसी संदिग्ध पोस्ट की जांच करना सिखाया। कार्यशाला के दौरान सवाल-जवाब के रोचक माध्यम से भी विश्वास न्यूज के फैक्ट चेकर्स ने प्रतिभागियों की आशंकाओं का समाधान किया।