सच के साथी सीनियर्स: जबलपुर के नागरिकों को विश्वास न्यूज ने दी फैक्ट चेक की ट्रेनिंग
जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने मीडिया साक्षरता अभियान सच के साथी-सीनियर्स के तहत 30 जनवरी को जबलपुर के नागरिकों के लिए वेबिनार का आयोजन किया। मुख्य रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित इस ऑनलाइन कार्यशाला की शुरुआत करते हुए डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर पल्लवी मिश्रा ने सच झूठ और राय को उदाहरणों के माध्यम से समझाया।
जबलपुर। जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने मीडिया साक्षरता अभियान 'सच के साथी-सीनियर्स' के तहत 30 जनवरी को जबलपुर के नागरिकों के लिए वेबिनार का आयोजन किया। मुख्य रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित इस ऑनलाइन कार्यशाला की शुरुआत करते हुए डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर पल्लवी मिश्रा ने सच, झूठ और राय को उदाहरणों के माध्यम से समझाया।
उन्होंने कहा कि जिसे तथ्यों के आधार पर साबित किया जा सके, वह सच होता है और किसी भी मामले पर सबकी राय अलग-अलग होती है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ मानसिक सेहत के लिए स्वस्थ सूचनाएं बेहद जरूरी हैं।
कार्यक्रम के दौरान फैक्ट चेकर उमम नूर ने एआई के फायदे बताने के साथ ही लोगों को डीपफेक के खतरों के बारे में आगाह किया। उन्होंने रश्मिका मंदाना, सचिन तेंदुलकर और पेंटागन पर फेक हमले की डीपफेक वीडियो और तस्वीर का उदाहरण देते हुए इससे हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि डीपफेक वीडियो या तस्वीरों में कुछ न कुछ कमियां होती हैं। बारीकी से देखने पर इनके बारे में पता चल जाता है। इनके बारे में कुछ टूल्स के जरिए भी पता चल जाता है।
पल्लवी ने फैक्ट चेकिंग टूल्स की मदद से संदिग्ध सूचनाओं या तस्वीरों की जांच करने का तरीका भी बताया। उन्होंने कहा कि गूगल रिवर्स इमजे या की वर्ड सर्च से किसी पोस्ट के सोर्स का पता लगाया जा सकता है। सोर्स से संदिग्ध पोस्ट का सच सामने आ जाएगा। कार्यक्रम के अंत में पल्लवी ने डिजिटल सुरक्षा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अपने अकाउंट्स का पासवर्ड जटिल रखना चाहिए। इसके लिए किसी प्रसिद्ध कोट या गाने का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। उन्होंने लोगों को मतदान के प्रति भी जागरूक किया।
इन राज्यों के नागरिकों को दिया जा चुका है प्रशिक्षण
इससे पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार के नागरिकों को सेमिनार और वेबिनार के जरिए फैक्ट चेकिंग का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। गूगल न्यूज इनिशिएटिव (जीएनआई) के सहयोग से संचालित हो रहे इस कार्यक्रम का अकादमिक भागीदार माइका (मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद) है।