Pele को कभी पसंद नहीं था अपना 'निकनेम', जानें कैसे मिला यह नाम; बहुत दिलचस्प है कहानी
Pele passed Away पेले का जन्म 23 अक्टूबर 1940 को दक्षिण-पूर्वी ब्राजील के एक शहर ट्रेस कोराकोस में हुआ था। स्कूल में ही उनके दोस्तों ने सबसे पहले उन्हें पेले नाम दिया था। हालांकि उन्हें यह नाम कभी पंसद नहीं आया।
By Jagran NewsEdited By: Umesh KumarUpdated: Fri, 30 Dec 2022 05:11 AM (IST)
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। Pele passed Away एडसन अरांतेस डो नासिमेंटो (Edson Arantes do Nascimento) यानी “पेले” (Pele) ने 82 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। दुनिया के लगभग हर देश के लोगों के दिलों में इस महान फुटबॉलर ने अपनी एक खास जगह बनाई। उन्हें फुटबॉल का जादूगर कहा जाता है। यूं तो पेले से जुड़ी कई कहानी हैं, लेकिन एक कहानी उनके निकनेम को लेकर है, जिसे वह कभी नहीं पसंद करते थे।
पेले का जन्म 23 अक्टूबर 1940 को दक्षिण-पूर्वी ब्राजील के एक शहर ट्रेस कोराकोस में हुआ था। उनके जन्म प्रमाण पत्र में के अनुसार उनका जन्म 21 अक्टूबर को हुआ था, लेकिन कई बार अपने इंटरव्यू में कहा था कि यह गलत था। वहीं, पेले का नाम पेले कैसे पड़ा इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी रही।
स्कूल के दोस्तों ने दिया पेले नाम
महान फुटबॉलर पेले को स्कूल में ही उनके दोस्तों ने सबसे पहले उन्हें पेले नाम दिया था। हालांकि न तो उन्हें और न ही उनके दोस्तों में से किसी को भी इसका मतलब पता था। पेले को कभी भी अपना उपनाम ज्यादा पसंद नहीं आया। उन्हें हमेशा लगता था कि यह पुर्तगाल में ‘बेबी टॉक’ जैसा है।कैंसर से लड़ रहे थे जंग
गौरतलब हो कि पिछले कुछ समय से पेले अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे थे। पेले ने 30 दिसंबर को आखिरी सांस ली। महान फुटबॉलर पेले को कोलन कैंसर था। उनकी किडनी और दिल ने धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया था। पेले को स्पेशल ऑब्जरवेशन में रखा गया था। कुछ दिन पहले ही उनका परिवार अस्पताल में इकट्ठा होने लगा था। पेले ब्राजील के लिए बतौर फॉरवर्ड खेलते थे।
महान पेले की खास बातें
- करियर में 1279 गोल दागे।
- तीन बार फीफा विश्व कप खिताब जीता।
- 6 बार ब्राजीली लीग खिताब जीते।
- 2 बार कोपा लिबर्टाडोर्स खिताब जीते।
- शताब्दी के फीफा खिलाड़ी बने।
- टाइम्स के शताब्दी में 100 सबसे महत्वपूर्ण लोगों में नाम शामिल।