FIFA WC 2022: सैंटियागों की लड़ाई से लेकर सुआरेज का दांत काटने तक, पढ़ें फीफा वर्ल्ड कप के बड़े विवाद
FIFA WC 2022 कतर में शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट से पहले ही यह इस साल का विश्व कप विवादों के घेरे में है। यह कोई पहली बार नहीं है जब फीफा वर्ल्ड कप में विवाद न हुआ हो। इससे पहले भी कई बड़े विवाद रह चुके हैं।
By Umesh KumarEdited By: Updated: Wed, 16 Nov 2022 05:48 PM (IST)
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। इस बार का FIFA वर्ल्ड कप कतर (FIFA WC 2022) में आयोजित किया जाएगा। ये पहला मौका है जब कोई मध्य एशिया के देश में फीफा विश्व कप को आयोजित किया जा रहा है। 20 नवंबर से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट में 32 देश हिस्सा लेगें। इन देशों को 8 ग्रुप में बांटा गया है। प्रत्येक ग्रुप में 4 टीमें हैं।
कतर में शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट से पहले ही यह इस साल का विश्व कप विवादों के घेरे में है। फुटबॉल स्टेडियम में काम करने वाले मजदूरों की मौत और उनके साथ भेदभाव को लेकर कतर चर्चा में हैं। इसके अलावा कतर के तापमान को लेकर भी चर्चा हो रही है। हालांकि आर्गनाइजर ने बयान दिया था कि स्टेडियम के चारो तरफ ऐसी मशीनें लगाई गई हैं जो गर्मी को कंट्रोल करेंगी। हालांकि, यह सारे विवाद फीफा विश्व कप के इतिहास में पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी कई बड़े विवाद रह चुके हैं, जिन पर अब तक चर्चा की जाती है।
आइए जानतें कुछ चुनिंदा फुटबॉल विश्व कप के विवादों के बारें में-
1. इटली की टीम का फांसीवाद को समर्थन (1938)
दूसरे विश्व युद्ध से पहले 1938 में फीफा विश्व कप का आयोजिन किया गया था। दो बार की डिफेंडिंग चैपिंयन इटली का क्वार्टर फाइनल में फ्रांस टीम से हुआ। यह मैच विरोध के लिए याद किया जाता है, दरअसल फ्रांस ने इटली के फांसीवाद के विरोध में नीली किट पहनी थी। वहीं मुसोलिनी के आदेश पर इटली की टीम काली शर्ट पहन कर मैदान में उतरी थी और सैल्युट किया था।2. सैंटियागो की लड़ाई (1962)
1962 के फीफा विश्व कप में चिली और इटली के फील्डरों के बीच जमकर लात-घूंसे चले थे। तीन बार पुलिस को आकार बीच बचाव करना पड़ा था। मैच दौरान कई घटानाएं हुई, जिनमें चिली के लियोनेल सांचेज ने इटली के मारियो डेविड को मुक्का मारा था। इसके बाद सांचेज ने डेविड के सिर पर लात मारी और सांचेज ने इटली के हम्बर्टो माशियो की नाक तोड़ दी थी। इसी मैच से लाल और पीले कार्ड की शुरुआत हुई थी।
3. रेफरी बखरामोव का विवास्पद निर्णय (1966)
1966 के विश्व कप फाइनल का विवादास्पद रहा था। इस मैच में इंग्लैंड और पश्चिमी जर्मनी के बीच फाइनल खेला गया था। इस मैच में इंग्लैंड के ज्योफ हर्स्ट ने क्रॉसबार से गोल के लिए शॉट मारा, जो गोल पोस्ट की रेखा पास गिरा और आउट हो गया। इस पर रेफरी टोफिक बखरामोव ने गेंद को रेखा के अंदर माना और गोल करार दिया गया। फीफा वर्ल्ड कप के इतिहास में यह निर्णय विवादों की लिस्ट में शामिल है।