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Sunil Chhetri Exclusive: संन्यास के बाद दिखेगा सुनील छेत्री का नया अवतार, खुद बताया किस रोल में आएंगे नजर

सुनील छेत्री ने हाल ही में इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास लिया था। अब वह इसके बाद नए रोल में नजर आने वाले हैं। वह किस रोल में नजर आएंगे इसका खुलासा खुद सुनील छेत्री ने किया है। सुनील छेत्री ने हालांकि कहा है कि वह क्लब फुटबॉल खेलना जारी रखेंगे और पूरी तरह से फुटबॉल छोड़ने के बाद ही कुछ और सोचेंगे।

By VISHAL SHRESHTHA Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Wed, 12 Jun 2024 09:00 AM (IST)
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सुनील छेत्री ने हाल ही में इंटरनेशनल फुटबॉल को अलविदा कहा है
  स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल का जिक्र होते ही जो पहला नाम जेहन में उभरता है, वह सुनील छेत्री है। अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से हाल में संन्यास लेने वाले 39 वर्षीय छेत्री अब नई भूमिका में नजर आएंगे। वे 14 जून से जर्मनी में आयोजित होने वाले 'यूएफा यूरो 2024' के लिए सोनी स्पो‌र्ट्स नेटवर्क के स्टूडियो शो फुटबाल एक्सट्रा में विशेषज्ञ के तौर पर दिखेंगे। छेत्री ने विभिन्न पहलुओं पर विशाल श्रेष्ठ से खास बातचीत की।

पेश है उसके मुख्य अंश :

सवाल- आपके संन्यास से भारतीय फुटबॉल में बड़ी शून्यता आने की बात कही जा रही है। भारतीय फुटबॉल के भविष्य को आप किस तरह से देखते हैं?-

सुनील छेत्री- भारतीय फुटबॉल का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। अच्छे खिलाड़ी सामने आ रहे हैं। हमारा खेल बेहतर होता जा रहा है। हमारा पहला लक्ष्य एशिया की शीर्ष 10 टीमों में जगह बनाना है।

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सवाल- आपके पुराने साथी फुटबॉलरों का कहना है कि सुनील छेत्री फुटबाल से दूर नहीं रह सकते। निकट भविष्य में हम आपको किस भूमिका में देखेंगे?

सुनील छेत्री- मैंने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लिया है। क्लब स्तर पर मैं अभी भी बेंगलुरु एफसी के लिए एक साल या उससे ज्यादा खेलूंगा। फुटबॉल से पूरी तरह रिटायर होने के बाद ही सोचूंगा कि आगे क्या करना है, लेकिन जो कुछ भी करूंगा, वह फुटबॉल को लेकर ही होगा। इस खेल ने मुझे काफी कुछ दिया है, अब लौटाने का समय है।

सवाल- अपनी सफलता का श्रेय किसे देते हैं।

सुनील छेत्री - इसके पीछे बहुत से लोग हैं, जिन्होंने मेरी मदद की। मेरा परिवार, साथी खिलाड़ी, कोच, डॉक्टर। इन सबकी वजह से मैं 19 साल खेल पाया हूं।

सवाल- यूएफा यूरो 2024 की बात करें तो क्रोएशिया के स्टार खिलाड़ी लुका मोड्रिक इस टूर्नामेंट के बाद रिटायर होने वाले हैं। उनके लिए क्या कहेंगे?

सुनील छेत्री : मैं लुका का बड़ा प्रशंसक हूं। उन्होंने क्रोएशिया के लिए जो किया, वह शानदार है। लुका न केवल एक सुपरस्टार हैं, बल्कि बेहद विनम्र इंसान भी हैं। मैं आशा करूंगा कि उन्हें अपने आखिरी टूर्नामेंट में कोई चोट न लगे और वे ज्यादा से ज्यादा समय तक मैदान में रहें।

सवाल- यूएफा यूरो 2024 संभवत: क्रिस्टियानो रोनाल्डो का भी अंतिम मुख्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होने जा रहा है।

सुनील छेत्री - मुझे नहीं लगता है कि यह उनका अंतिम टूर्नामेंट होगा। हम पिछले आठ साल से यही सुनते आ रहे हैं और वे हर बार यूरो कप में योगदान कर रहे हैं। रोनाल्डो ऐसे खिलाड़ी हैं, जो हाफ चांस को गोल में बदल सकते हैं। मैं उन्हें अंतिम एकादश में खेलते देखना चाहता हूं। पुर्तगाल बेहद मजबूत टीम है।

सवाल- यूएफा यूरो 2024 के प्रबल दावेदार के तौर पर किसे देख रहे?

सुनील छेत्री- जर्मनी मजबूत टीम है, हालांकि वह पिछले कुछ समय से उस तरह का प्रदर्शन नहीं कर पाई है, जो उसकी विरासत रही है। फ्रांस ने पिछले सात-आठ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अगर मेरी पसंद पूछिएगा तो इंग्लैंड होगी। इंग्लैंड का टीम संयोजन काफी अच्छा है। उनके ज्यादातर खिलाडि़यों ने घरेलू लीगों में अच्छा प्रदर्शन किया है। वे दुनिया की सर्वोत्तम टीमों को हराने का माद्दा रखते हैं।

सवाल- गोल्डन बूट का दावेदार किसे मानते हैं?

सुनील छेत्री: मेरे लिए हैरी केन। किलियन एमबापे भी दावेदार हैं क्योंकि उन्हें ज्यादा मैच खेलने का मौका मिल सकता है, लेकिन क्रिस्टियानो रोनाल्डो को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। वे कब क्या कमाल कर दें, कोई नहीं बता सकता।

सवाल- कोई टीम, जो 'डार्क हार्स' साबित हो सकती है।

सुनील छेत्री- मुझे लगता है कि हंगरी और तुर्किये 'डार्क हार्स' साबित हो सकती हैं। उन्होंने पिछले कुछ समय में काफी अच्छा खेला है।

सवाल- यूएफा यूरो 2024 में विशेषज्ञ पैनलिस्ट की भूमिका को लेकर कितने उत्साहित हैं?

सुनील छेत्री- मैं इसे लेकर काफी उत्साहित हूं। टूर्नामेंट, मैचों व खिलाडि़यों के बारे में स्टूडियो में अपने विचार व्यक्त करना, जिसे इतने सारे लोग देखेंगे, काफी शानदार होगा।

सवाल- बतौर खिलाड़ी अपने बारे में सुनना और विशेषज्ञ पैनलिस्ट के तौर पर दूसरे खिलाड़ियों के बारे में बोलना कितना अलग होगा?

सुनील छेत्री- खिलाड़ी के तौर पर मेरा काम सिर्फ खेलना था। अच्छा खेलने पर तारीफ और खराब खेलने पर बुराई होती थी, लेकिन विशेषज्ञ पैनलिस्ट के रूप में इस बात का काफी ध्यान रखना होगा कि आप दुनिया के बेहतरीन खिलाडि़यों के बारे में टिप्पणी कर रहे हैं, हालांकि मुझे जो चीजें सही नहीं लगेंगी, उनके बारे में अपने अनुभव के आधार पर जरूर कहूंगा।

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