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अंतिम मैच में इतिहास रचने को तैयार 'देसी मेसी', फीफा विश्वकप क्वालीफायर्स के तीसरे चरण में कभी नहीं पहुंची भारतीय टीम

मैच की पूर्व संध्या पर दिग्‍गज फुटबॉलर सुनील छेत्री ने कहा मैं इस मैच को भावनात्मक तौर पर नहीं ले रहा हूं। यह मैच मेरे लिए नहीं है। हमारा फोकस मैच जीतने पर है। उन्‍होंने हल्के मूड में आगे कहा आगे के मैचों को मैं भारतीय फुटबॉल टीम के प्रशंसक के रूप में देखूंगा। इसके लिए मैंने खास सूट सिलवाए हैं।

By VISHAL SHRESHTHA Edited By: Jagran News NetworkUpdated: Thu, 06 Jun 2024 06:00 AM (IST)
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कुवैत से टकराएगी भारतीय टीम। फाइल फोटो
विशाल श्रेष्ठ, जागरण, कोलकाता : 6 जून, 2024 को भारतीय फुटबॉल के कैलेंडर में 'रेड लेटर डे' के तौर पर जाना जाएगा। यह वह दिन है, जब दो महत्वपूर्ण घटनाएं होने जा रही हैं। भारत पहली बार फीफा विश्वकप क्वालीफायर्स के तीसरे राउंड में जगह पक्की करने के लिए कोलकाता के विवेकानंद युवाभारती क्रीड़ागन (साल्टलेक स्टेडियम) में कुवैत से भिड़ेगा और भारतीय फुटबॉल के अब तक के सबसे बड़े खिलाड़ी सुनील छेत्री अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेंगे। फुटबॉल प्रेमियों के शहर कोलकाता में इस मैच को लेकर उत्साह चरम पर है। मैच के टिकटों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। 70,000 टिकट कब बिक गए, किसी को पता भी नहीं चला।

भारतीय फुटबॉल के लिए तीन दशकों में सबसे महत्वपूर्ण मैच

मैच की पूर्व संध्या पर सुनील छेत्री ने कहा, "मैं इस मैच को भावनात्मक तौर पर नहीं ले रहा हूं। यह मैच मेरे लिए नहीं है। हमारा फोकस मैच जीतने पर है।" उन्‍होंने हल्के मूड में आगे कहा, "आगे के मैचों को मैं भारतीय फुटबॉल टीम के प्रशंसक के रूप में देखूंगा। इसके लिए मैंने खास सूट सिलवाए हैं।" वहीं भारतीय टीम के हेड कोच ईगर स्टीमक ने कहा, "भारतीय फुटबाल के लिए पिछले तीन दशकों में यह सबसे महत्वपूर्ण मैच है। यह हमारे कप्तान का अंतिम मैच भी है इसलिए हम इसे उनके लिए बड़ा अवसर बनाना चाहते हैं।"

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1985 में पहली बार क्वालीफायर्स खेला

मालूम हो कि भारत ने 1985 में पहली बार फीफा विश्वकप क्वालीफायर्स खेला था। तब से अब तक कभी तीसरे चरण तक नहीं पहुंच पाया है। कुवैत पर जीत से भारत का न सिर्फ तीसरे चरण में पहुंचने का मार्ग लगभग प्रशस्त हो जाएगा बल्कि वह 2027 में सऊदी अरब में होने वाले एएफसी एशिया कप के लिए भी सीधे तौर पर क्वालीफाई हो जाएगा।

सुनील का सुनहरा सफर

भारतीय फुटबॉल के प्रशंसक सुनील छेत्री को 'भारत का मेसी' कहते हैं। कहे भी क्यों न, छेत्री अंतरराष्ट्रीय गोल के मामले में मेसी से बस एक कदम ही पीछे हैं। 19 वर्षों के सुनहरे अंतरराष्ट्रीय करियर में छेत्री ने 150 मैचों में 94 गोल दागे हैं और सर्वाधिक गोल के मामले में चौथे स्थान पर हैं। पहले स्थान पर पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो (206 मैचों में 128 गोल), दूसरे स्थान पर ईरान के अली डेई (148 मैचों में 108 गोल) और तीसरे स्थान पर अर्जेंटीना के लियोन मेसी (180 मैचों में 106 गोल) हैं।

एक साल में कुवैत को दो बार हरा चुका है भारत

भारत पिछले एक साल में कुवैत से तीन बार भिड़ा है, जिनमें दो बार हरा चुका है जबकि एक मैच ड्रा रहा है। भारत ने कुवैत को सैफ चैंपियनशिप के फाइनल में टाई ब्रेकर में हराया था।

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