दिल्ली की सड़कों से वर्ल्ड फुटबॉल में छाने तक, कुछ यूं बने सुनील छेत्री भारतीय फुटबॉल के किंग
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास लेने का फैसला कर लिया है। वह छह जून को अपना आखिरी मैच खेलेंगे। अपने करियर में छेत्री ने कई मुकाम हासिल किए और भारतीय फुटबॉल को आगे ले गए। किसी ने नहीं सोचा था कि दिल्ली की सड़कों से निकलने वाला ये लड़का एख दिन विश्व फुटबॉल के टॉप स्कोररों में शामिल होगा।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने संन्यास लेने का फैसला कर लिया है। छह जून को कुवैत में सुनील छेत्री अपना आखिरी मैच खेलेंगे और इसी के साथ एक दिग्गज फुटबॉलर के करियर का अंत हो जाएगा। सुनील छेत्री वो खिलाड़ी हैं जिसने बाइचुंग भूटिया के बाद भारतीय फुटबॉल की बागडोर संभाली और काफी नाम कमाया. किसी ने नहीं सोचा था कि भारत से कभी कोई खिलाड़ी ऑल टाइम स्कोरर की लिस्ट में दिग्गजों के साथ अपना नाम लिखवा पाएगा और टॉप-5 में शामिल हो सकेगा।
छेत्री ने हालांकि ये काम कर दिखाया। वह इसय समय इंटरनेशनल स्टेज पर सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ियों की सूची में चौथे नंबर पर हैं। उनके 150 मैचों में 94 गोल हैं। इस लिस्ट में पहले नंबर पर पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो हैं। छेत्री से आगे तीसरे नंबर पर लियोनेल मेसी हैं। छेत्री का ये सफर आसान नहीं रहा है।ये भी पढ़ें- T20 World Cup से पहले विवादों में साउथ अफ्रीकी टीम, दो दिग्गजों ने सरेआम कर दी शिकायत, रबाडा का आ रहा है नाम, जानिए पूरा मामला
दिल्ली की सड़कों से की शुरुआत
छेत्री ने अपने फुटबॉल करियर की शुरुआत दिल्ली से की थी। वह क्लब दिल्ली का हिस्सा रहे और 2001 से 2003 तक इस क्लब से खेले। लेकिन तब से उन्होंने लगातार अपने खेल में सुधार किया और बहुत कम उम्र में ही बता दिया था कि अगर भूटिया के बाद कोई भारतीय फुटबॉल को आगे ले जाने की काबिलियत रखता है तो वो सुनील छेत्री ही हैं।
हासिल किए कई मुकाम
टीम इंडिया में आने के बाद से छेत्री लगातार छाते रहे। उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। जब छेत्री अपने करियर के उरुज पर थे तब उन्हें टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी गई। 2008 में उनकी कप्तानी में भारत ने एएफसी चैलेंज कप अपने नाम किया। इसके अलावा टीम ने साल 2011, 2015, 2021 और 2023 में सैफ चैंपियनशिप अपने नाम की। छेत्री के खेल की दुनिया कायल थी और इसका प्रमाण उनको मिले सात एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड हैं। इसके अलावा साल 2011 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड और 2021 में खेल रत्न अवॉर्ड मिला था।रचा इतिहास
मैच जीतने और टूर्नामेंट जीतने के अलावा छेत्री की कप्तानी में एक और ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। साल 2023 में भारतीय टीम फीफा रैंकिंग में टॉप-100 में आई। ये पहली बार था जब भारतीय टीम फीफा रैंकिंग में टॉप-100 में आई थी।छेत्री ने अपने करियर में मोहन बागान, ईस्ट बंगाल, बेंगलुरू एफसी जैसे दिग्गज भारतीय क्लबों का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा वह कई विदेशी क्लबों के लिए भी खेले। उन्होंने मेजर लीग के क्लब कानसास सिटी विजार्ड, पुर्तगाल स्पोर्टिंग सीपी जेसे क्लबों में खेल अपने खेल को निखारा। अलग-अलग क्लबों के लिए खेले गए 365 मैचों में छेत्री ने 158 गोल किए। छेत्री जिस जगह को खाली करेंगे उसे भर पाना हाल ही के दिनों में मुमकिन नहीं लग रहा है।
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