Sunil Chhetri से जुड़े रोचक तथ्य, सात बार जीता है AIFF प्लेयर ऑफ द ईयर का पुरस्कार
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने संन्यास लेने का फैसला कर लिया है। छह जून को कुवैत में सुनील छेत्री अपना आखिरी मैच खेलेंगे और इसी के साथ एक दिग्गज फुटबॉलर के करियर का अंत हो जाएगा। सुनील छेत्री वो खिलाड़ी हैं जिसने बाइचुंग भूटिया के बाद भारतीय फुटबॉल की बागडोर संभाली और काफी नाम कमाया। कप्तान सुनील छेत्री खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाले एकमात्र फुटबॉलर हैं।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत के महान खिलाड़ी सुनील छेत्री ने अपने शानदार अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल करियर को अलविदा कह दिया। उन्होंने 6 जून को कुवैत के खिलाफ भारत के फीफा वर्ल्ड कप क्वालीफाइंग मैच के बाद वह अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास ले लेंगे।
पिछले कई सालों से वो भारतीय फुटबॉल टीम की कप्तानी कर रहे हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर अपने संन्यास की जानकारी दी है। 39 वर्षीय सुनील छेत्री ने कहा कि कुवैत के खिलाफ वो आखिरी बार अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेलेंगे। इस लेख में आइए जानें भारत की राष्ट्रीय टीम के कप्तान के बारे में रोचक तथ्य।
सात बार जीता AIFF प्लेयर ऑफ द ईयर का पुरस्कार
सुनील छेत्री ने शुरुआती दिनों में ही रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। उन्होंने सात पुरस्कारों के साथ किसी भारतीय द्वारा सर्वाधिक एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। छेत्री ने 2007, 2011, 2013, 2014, 2017, 2019 और 2022 में पुरस्कार जीता।खेल रत्न पुरस्कार पाने वाले एकमात्र फुटबॉलर
भारतीय फुटबॉल राष्ट्रीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाले एकमात्र फुटबॉलर हैं। 39 साल के छेत्री को यह पुरस्कार 2021 में प्राप्त हुआ था।
भारत में सबसे ज्यादा कैप्ड खिलाड़ी
सुनील छेत्री ने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ अपनी राष्ट्रीय टीम की शुरुआत की। उन्होंने भारत के लिए अपना पहला गोल भी किया। लगभग दो दशक लंबे करियर में, छेत्री के नाम अब तक भारत के लिए 145 मैच खेले हैं।तीसरा सबसे ज्यादा सक्रिय गोल स्कोरर
सक्रिय गोल स्कोररों में भारत के सुनील छेत्री तीसरी नंबर पर हैं। क्रिस्टियानो रोनाल्डो (128) और लियोनेल मेस्सी (108) से पीछे हैं। सुनील छेत्री ने 93 गोल किए हैं।
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