Move to Jagran APP

Gujarat: मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने गए 17 लोगों ने गंवाई आंखों की रोशनी, स्वास्थ्य विभाग ने दिए जांच के आदेश

गुजरात के अहमदाबाद में मोतियाबिंद का ऑपरेशन के बाद 17 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। अहमदाबाद में एक ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पताल में कुछ लोगों ने मोतियाबिंद सर्जरी करवाया था जिसके बाद कम से कम 17 लोगों ने आंशिक या पूरी तरह से रोशनी गायब होने की शिकायत की। लोगों की शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए।

By Agency Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Tue, 16 Jan 2024 11:55 PM (IST)
Hero Image
मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले 17 लोगों की आखों की रोशनी गई। (फाइल फोटो)
पीटीआई, अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में मोतियाबिंद का ऑपरेशन के बाद 17 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। अहमदाबाद में एक ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पताल में कुछ लोगों ने मोतियाबिंद सर्जरी करवाया था, जिसके बाद कम से कम 17 लोगों ने आंशिक या पूरी तरह से रोशनी गायब होने की शिकायत की। लोगों की शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए।

स्वास्थ्य विभाग ने दिए जांच के आदेश

उप निदेशक (स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं) सतीश मकवाना ने कहा कि गुजरात स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने जांच करने के लिए नौ सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा कि मंडल गांव के नेत्र अस्पताल को अगले आदेश तक कोई और मोतियाबिंद सर्जरी नहीं करने को कहा है।

29 मरीजों ने कराया था ऑपरेशन

उन्होंने कहा कि यह मामला तब सामने आया जब 10 जनवरी को मंडल के रामानंद नेत्र अस्पताल में सर्जरी कराने वाले पांच लोगों को इलाज के लिए सोमवार को अहमदाबाद सिविल अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में भेजा गया था। उन्होंने कहा कि मंडल अस्पताल में 29 लोगों की मोतियाबिंद सर्जरी हुई थी, इनमें से 17 लोगों ने शिकायत की।

अस्पताल ने इस महीने की 100 सर्जरी

सतीश मकवाना ने कहा कि मरीजों के इलाज के लिए अहमदाबाद से डॉक्टरों को बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि मंडल के अस्पताल ने इस महीने लगभग 100 मोतियाबिंद सर्जरी की हैं। यहां सर्जरी हुई सभी रोगियों की जांच के लिए वीरमगाम शहर में एक शिविर लगाया गया।

उन्होंने कहा कि इलाज करा रहे 12 मरीजों में से दो महिलाओं की आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई है। बताया गया कि अस्पताल ने सर्जरी के लिए प्रत्येक मरीज से 3,100 रुपये लिए थे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।