Gujarat: गुजरात में 40 पदों के लिए पहुंचे 800 अभ्यर्थी, भगदड़ जैसी स्थिति; कांग्रेस ने उठाए सवाल
गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर में 40 पदों को भरने के लिए एक कंपनी द्वारा आयोजित वाक- इन इंटरव्यू में लगभग 800 अभ्यर्थी पहुंच गए। इस कारण भगदड़ जैसी स्थिति देखी गई। मंगलवार को हुई इस घटना के बाद विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस ने कहा कि इसने गुजरात मॉडल को उजागर कर दिया है।
पीटीआई, भरूच। गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर में 40 पदों को भरने के लिए एक कंपनी द्वारा आयोजित वाक- इन इंटरव्यू में लगभग 800 अभ्यर्थी पहुंच गए। इस कारण भगदड़ जैसी स्थिति देखी गई।
इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो में कतार में खड़े उम्मीदवार उस होटल के प्रवेश द्वार तक जाने वाले रैंप पर पैर रखने की कोशिश करते हुए धक्का-मुक्की करते हुए नजर आ रहे थे जिस होटल में इंटरव्यू आयोजित किया गया था। रैंप की रेलिंग गिर गई, जिससे कई उम्मीदवार गिर गए, हालांकि कोई घायल नहीं हुआ।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
मंगलवार को हुई इस घटना के बाद विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस ने कहा कि इसने ''गुजरात मॉडल'' को उजागर कर दिया है, वहीं भाजपा ने कहा कि कांग्रेस वीडियो के माध्यम से राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
भरूच के पुलिस अधीक्षक मयूर चावड़ा ने कहा, हमारी जानकारी के अनुसार एक कंपनी ने लगभग 40 रिक्तियों के लिए वाक-इन इंटरव्यू की व्यवस्था की थी। कंपनी ने अंकलेश्वर के होटल में हाल बुक किया था, इसमें लगभग 150 उम्मीदवारों के आने की उम्मीद थी, लेकिन 800 उम्मीदवार आ गए और कंपनी के अधिकारियों को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इंटरव्यू हाल का दरवाजा बंद करना पड़ा।
गुजरात मॉडल की पोल खुल गई
चावड़ा ने बताया कि इस झड़प में कोई घायल नहीं हुआ है। इस संबंध में पुलिस के पास कोई शिकायत भी नहीं आई है।कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट में वीडियो टैग करते हुए कहा, नरेन्द्र मोदी का गुजरात मॉडल। गुजरात के भरूच में होटल में नौकरी के लिए बेरोजगारों की भीड़ उमड़ी। गुजरात मॉडल की पोल खुल गई।
भाजपा ने पलटवार करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, अंकलेश्वर से प्रसारित वीडियो के जरिये गुजरात को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। वाक-इन इंटरव्यू के विज्ञापन में साफ तौर पर कहा गया है कि उन्हें अनुभवी उम्मीदवारों की जरूरत है। इसका मतलब यह है कि साक्षात्कार में भाग लेने वाले लोग पहले से ही कहीं और कार्यरत हैं। इसलिए इन व्यक्तियों के बेरोजगार होने की धारणा निराधार है।
विज्ञापन के अनुसार, कंपनी को झगडि़या औद्योगिक क्षेत्र में अपने नए प्लांट में शिफ्ट इंचार्ज, प्लांट आपरेटर, सुपरवाइजर-सीडीएस, फिटर-मैकेनिकल और एग्जीक्यूटिव-ईटीपी के रिक्त पदों को भरना था।
भारत में महामारी का रूप ले चुकी है बेरोजगारी की बीमारी : राहुल
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि भारत में ''बेरोजगारी की बीमारी'' महामारी का रूप ले चुकी है। राहुल ने एक्स पर पोस्ट किया, रोजगार की बीमारी' भारत में महामारी का रूप ले चुकी है और भाजपा शासित राज्य इस बीमारी का 'एपिसेंटर' बन गए हैं। नौकरी के लिए कतारों में धक्के खाता 'भारत का भविष्य' ही नरेन्द्र मोदी के 'अमृतकाल' की हकीकत है। वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी भाजपा पर निशाना साधा।
उन्होंने पोस्ट किया, वीडियो 22 वर्षों से भाजपा द्वारा गुजरात की जनता से किए गए 'धोखेबाजी माडल' का प्रमाण है। वीडियो 10 वर्षों से मोदी सरकार ने जिस तरह युवाओं की नौकरियां छीनी है, उनके भविष्य को तबाह किया है उसका ठोस साक्ष्य भी है।