Gujarat Assembly Election 2022: अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में समान नागरिक संहिता पर सवाल उठाया
Gujarat Assembly Election 2022 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए एक समिति गठित करने के अपने कदम के पीछे गुजरात में भारतीय जनता पार्टी सरकार की मंशा पर रविवार को सवाल उठाया।
By AgencyEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Sun, 30 Oct 2022 04:30 PM (IST)
भावनगर, एजेंसी। Gujarat Assembly Election 2022: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लागू करने के लिए एक समिति गठित करने के पर गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार की मंशा पर रविवार को सवाल उठाया। साथ ही, कहा कि अगर भाजपा ऐसा करना चाहती है तो इसे पूरे देश में करना चाहिए।
गुजरात में इस साल के अंत में हैं विधानसभा चुनाव
समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक, केजरीवाल ने पूछा कि क्या भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस दिशा में कदम उठाने के लिए लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक गुजरात के अपने दौरे के तीसरे दिन भावनगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग इस सप्ताह गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
गुजरात में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए बनेगी समिति
गुजरात सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले समिति का गठन किया जाएगा। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि यह निर्णय संविधान के भाग चार के अनुच्छेद 44 के प्रावधानों के अनुसार लिया गया, जो राज्य सरकार से सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की अपेक्षा करता है।केजरीवाल ने कहा, उनका मंशा खराब है
गुजरात सरकार के फैसले पर एक सवाल के जवाब में केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी मंशा खराब है।संविधान के अनुच्छेद 44 में स्पष्ट रूप से लिखा है कि समान नागरिक संहिता बनाना सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए सरकार को सभी समुदायों की सहमति से और उन्हें एक साथ लेकर समान नागरिक संहिता तैयार करनी चाहिए। भाजपा ने उत्तराखंड चुनाव से पहले भी इसी तरह की समिति बनाई थी। चुनाव जीतने के बाद समिति घर वापस चली गई। अब गुजरात चुनाव से कुछ दिन पहले उन्होंने एक और समिति बनाई है। यह समिति (सदस्य) भी चुनाव के बाद घर वापस जाएगी। भाजपा शासित मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ऐसी कोई समिति क्यों नहीं बनाई गई। अगर उनका इरादा समान नागरिक संहिता को लागू करना है, तो वे इसे राष्ट्रीय स्तर पर क्यों नहीं बनाते और इसे पूरे देश में लागू करते हैं? क्या वे लोकसभा चुनाव की प्रतीक्षा कर रहे हैं? तो पहले उनसे पूछिए कि केजरीवाल कह रहे हैं कि आप समान नागरिक संहिता लागू नहीं करना चाहते, आपकी मंशा खराब है।
राजू सोलंकी बेटे सहित आप में हुए शामिल
गुजरात दौरे के तीसरे दिन केजरीवाल ने स्थानीय कोली समुदाय के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता राजू सोलंकी का आप में स्वागत किया। वह अपने बेटे बृजराज सिंह सोलंकी के साथ पार्टी में शामिल हुए हैं। केजरीवाल ने कहा कि जब से आप ने गुजरात में काम करना शुरू किया है, लोगों को उनकी पार्टी में उम्मीद की एक नई किरण दिख रही है। कोली समुदाय गुजरात के विभिन्न हिस्सों में संख्यात्मक रूप से महत्वपूर्ण उपस्थिति के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अंतर्गत आता है। केजरीवाल ने राजू सोलंकी को एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता बताया, जिन्होंने 1,000 से अधिक अनाथ महिलाओं की शादी में मदद की और शराबबंदी और शिक्षा के क्षेत्रों में काम किया। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि वह केजरीवाल की नई राजनीति का हिस्सा बनकर खुश हैं।यह भी पढ़ेंः अशोक गहलोत ने गुजरात चुनाव की तिथि घोषित नहीं होने पर उठाए सवाल
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