Gujarat: गुजरात चुनाव में एक सीट पर औसत 27.10 लाख रुपये हुए खर्च, गॉड मदर के बेटे ने किया सबसे कम
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफोर्म (एडीआर) की ओर से जारी आंकडों में बताया गया कि भाजपा के 156 विधायक चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा का 69 फीसदी ही खर्च कर पाए भाजपा के विधायकों ने 2022 के चुनाव में औसत खर्च 27 लाख 94 हजार रुपये किया।
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। गुजरात विधानसभा चुनाव में एक भी विधानसभा का चुनावी खर्च इसकी 40 लाख रुपये की सीमा को पार नहीं कर पाया, विधानसभा सीट का औसत खर्च 27 लाख रुपये रहा, जबकि समाजवादी पार्टी के विधायक कांधल जाडेजा ने यह चुनाव महज 6 लाख 87 हजार रुपये में फतह कर लिया। कांधल ने कोई स्टार प्रचार, कार्यकर्ताओं के अभियान व जुलूस नहीं किये। डिजिटल गुजरात में महज 20 विधायकों ने ही वर्चुअल प्रचार प्रसार पर खर्च किया।
भाजपा के 159 विधायकों ने अधिकतम सीमा का महज 69 फीसदी ही खर्च किया
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफोर्म (एडीआर) की ओर से जारी आंकडों में बताया गया कि भाजपा के 156 विधायक चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा का 69 फीसदी ही खर्च कर पाए, भाजपा के विधायकों ने 2022 के चुनाव में औसत खर्च 27 लाख 94 हजार रुपये किया, जबकि कांग्रेस के 17 विधायकों का औसत खर्च 62 फीसदी प्रति सीट करीब 25 लाख रुपये रहा।
आम आदमी पार्टी के 5 विधायकों का औसत खर्च 21 लाख 59 हजार रुपये रहा, जो प्रति सीट औसत 39 फीसदी रहा। एडीआर की गुजरात संयोजक पंक्ति जोग बताती हैं कि समाजवादी पार्टी के टिकट पर पोरबंदर की कुतियाणा सीट से चुनाव लडने वाले कांधल जाडेजा सबसे कम खर्च 6 लाख 87 हजार रुपये में चुनाव जीत गये। उनका औसत चुनाव खर्च 17 फीसदी रहा। कांधल गॉड मदर संतोकबेन जाडेजा के बेटे हैं तथा उनके खिलाफ भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
आयोग ने एक विधानसभा सीट पर चुनाव खर्च सीमा चुनाव आयोग की ओर से 40 लाख रुपये रखी है। समाजवादी पार्टी के अलावा आम आदमी पार्टी के टिकट पर बोटाद सीट से चुनाव लडने वाले उमेश मकवाणा ने जहां 9 लाख 64 हजार रुपये खर्च किये।
विज्ञापनों का सहारा लिए बिना 85 विधायकों ने जीता चुनाव
वहीं, कांग्रस के पूर्व अध्यक्ष अमित चावडा ने इस चुनाव में 9 लाख 28 हजार रुपये ही खर्च किये। 182 में से 10 विधायक ऐसे भी हैं जिन्होंने चुनाव के दौरान वाहन व अन्य साधनों पर भी खर्च नहीं किया। 97 विधायकों ने टीवी व अखबार में प्रचार प्रसार किया, जबकि 85 ने टीवी व अखबार के विज्ञापनों का भी सहारा लिये बिना चुनाव जीत लिया। डिजिटल गुजरात में महज 20 विधायकों ने वर्चुअल मीडिया पर खर्च किया।